ETV Bharat / city

अलवर: सरिस्का के लिए गांव और ग्रामीण बने खतरा

अलवर के सरिस्का में बसे गांव अब सरिस्का के लिए खतरा बन रहे हैं. गांव में लोगों की आवाजाही होने के कारण वन्यजीवों को खतरा रहता है, तो वहीं आए दिन सरिस्का क्षेत्र में शिकारियों के आने की शिकायत मिलती है. ऐसे में लंबे समय से सरिस्का में बसे गांव को विस्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है, लेकिन अभी तक केवल 3 गांव विस्थापित हो पाए हैं.

Displacement of Sariska villages, Tiger in Sariska
सरिस्का के लिए गांव और ग्रामीण बने खतरा
author img

By

Published : Sep 15, 2020, 2:18 AM IST

अलवर. सरिस्का 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. सरिस्का में घना जंगल आता है, जिसमें बाघ, पैंथर, नीलगाय, भालू, हिरण जैसे वन्य जीव रहते हैं. सरिस्का का जंगल वन्यजीवों के लिए खासा बेहतर माना गया है. सरिस्का के घने जंगल क्षेत्र में आज भी 29 गांव बसे हुए हैं. इनमें से 9 गांवों को विस्थापित करने की योजना कई साल पहले तैयार की गई थी. लेकिन तमाम प्रयासों के बाद आज भी केवल 3 गांव स्थापित हो पाए हैं. 6 गांव अभी सारिस्का क्षेत्र में हैं.

सरिस्का प्रशासन की तरफ से एक बार फिर से गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, तो वहीं सारिस्का के अधिकारियों ने कहा कि श्राद्ध पक्ष के बाद विस्थापन की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी.

दरसअल क्षेत्र में बसे हुए गांव व ग्रामीण सारिस्का के लिए परेशानी बन चुके हैं, क्योंकि लोगों की आवाजाही होने के कारण वन्यजीवों को परेशानी होती है. वहीं आए दिन वन्य जीवों पर हमले शिकार व शिकारियों की शिकायतें भी मिलती है. सरिस्का एक बार बाघ विहीन हो चुका है. वहीं आए दिन सरिस्का में शिकारियों की हलचल की सूचना मिलती है. ग्रामीण द्वारा भी खेतों में फंदा लगाकर बाघ को मारने की घटना भी हो चुकी है.

सरिस्का प्रशासन की माने तो गांव को शिफ्ट करने के लिए ग्रामीणों से बातचीत चल रही है. कुछ गांव के लोग तैयार हो गए. जल्द ही उन्हें विस्थापित किया जाएगा. इसके लिए सरकार के नियम अनुसार सभी ग्रामीणों को जमीन पैसे व मुआवजा सहित नियम शर्तों के अनुसार सभी मदद उपलब्ध कराई जाएगी.

दूसरी तरफ सरिस्का के बाहरी क्षेत्र में चार दिवारी का काम भी चल रहा है. 11 किलोमीटर लंबी चारदीवारी का काम पूरा हो चुका है. नई चारदीवारी के कार्य के लिए मुख्यालय से बजट मिलने का इंतजार किया जा रहा है. बजट मिलते ही आगे की चार दिवारी का काम भी शुरू हो जाएगा. सरिस्का के बाहरी क्षेत्र में चार दिवारी का काम होने के बाद सिरस्का क्षेत्र में शिकार की संभावनाएं कम होंगी व वन्यजीवों के आबादी क्षेत्र में आने की घटनाओं में भी कमी आएगी.

इसके अलावा वन क्षेत्र में अतिक्रमण होने वन क्षेत्र में शिकारियों के प्रवेश करने सहित अन्य कई तरह की परेशानियों से सरिस्का को राहत मिलेगी. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि चारदीवारी का काम लगातार जारी है. सरिस्का के बाहरी क्षेत्र में चारदीवारी होनी है.

अलवर. सरिस्का 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. सरिस्का में घना जंगल आता है, जिसमें बाघ, पैंथर, नीलगाय, भालू, हिरण जैसे वन्य जीव रहते हैं. सरिस्का का जंगल वन्यजीवों के लिए खासा बेहतर माना गया है. सरिस्का के घने जंगल क्षेत्र में आज भी 29 गांव बसे हुए हैं. इनमें से 9 गांवों को विस्थापित करने की योजना कई साल पहले तैयार की गई थी. लेकिन तमाम प्रयासों के बाद आज भी केवल 3 गांव स्थापित हो पाए हैं. 6 गांव अभी सारिस्का क्षेत्र में हैं.

सरिस्का प्रशासन की तरफ से एक बार फिर से गांवों को विस्थापित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है, तो वहीं सारिस्का के अधिकारियों ने कहा कि श्राद्ध पक्ष के बाद विस्थापन की प्रक्रिया फिर से शुरू की जाएगी.

दरसअल क्षेत्र में बसे हुए गांव व ग्रामीण सारिस्का के लिए परेशानी बन चुके हैं, क्योंकि लोगों की आवाजाही होने के कारण वन्यजीवों को परेशानी होती है. वहीं आए दिन वन्य जीवों पर हमले शिकार व शिकारियों की शिकायतें भी मिलती है. सरिस्का एक बार बाघ विहीन हो चुका है. वहीं आए दिन सरिस्का में शिकारियों की हलचल की सूचना मिलती है. ग्रामीण द्वारा भी खेतों में फंदा लगाकर बाघ को मारने की घटना भी हो चुकी है.

सरिस्का प्रशासन की माने तो गांव को शिफ्ट करने के लिए ग्रामीणों से बातचीत चल रही है. कुछ गांव के लोग तैयार हो गए. जल्द ही उन्हें विस्थापित किया जाएगा. इसके लिए सरकार के नियम अनुसार सभी ग्रामीणों को जमीन पैसे व मुआवजा सहित नियम शर्तों के अनुसार सभी मदद उपलब्ध कराई जाएगी.

दूसरी तरफ सरिस्का के बाहरी क्षेत्र में चार दिवारी का काम भी चल रहा है. 11 किलोमीटर लंबी चारदीवारी का काम पूरा हो चुका है. नई चारदीवारी के कार्य के लिए मुख्यालय से बजट मिलने का इंतजार किया जा रहा है. बजट मिलते ही आगे की चार दिवारी का काम भी शुरू हो जाएगा. सरिस्का के बाहरी क्षेत्र में चार दिवारी का काम होने के बाद सिरस्का क्षेत्र में शिकार की संभावनाएं कम होंगी व वन्यजीवों के आबादी क्षेत्र में आने की घटनाओं में भी कमी आएगी.

इसके अलावा वन क्षेत्र में अतिक्रमण होने वन क्षेत्र में शिकारियों के प्रवेश करने सहित अन्य कई तरह की परेशानियों से सरिस्का को राहत मिलेगी. सरिस्का के अधिकारियों ने कहा कि चारदीवारी का काम लगातार जारी है. सरिस्का के बाहरी क्षेत्र में चारदीवारी होनी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.