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केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने कहा- अलवर में 300 बेड हुए शुरू, अस्पताल प्रशासन ने बताया 200 है तैयार

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Published : May 21, 2021, 12:58 AM IST

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने अलवर में कहा कि अस्पताल में 300 बेड शुरू कर दिए गए हैं. इसमें से 200 बेड कोविड मरीजों के लिए और 100 बेड सामान्य मरीजों के इलाज के लिए शुरू किए गए हैं. वहीं अस्पताल प्रशासन ने बताया कि 200 बेड तैयार है. इसमें 100 बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था होगी और 100 बेड सामान्य होंगे.

Alwar news, Union Minister Santosh Gangwar
अलवर में 300 बेड हुए शुरू

अलवर. जिले के एमआईए में 900 करोड़ की लागत से बने ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अब कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए समर्पित कर दिए हैं, लेकिन इस दौरान केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार और अस्पताल प्रशासन की बातें अलग-अलग नजर आई. मंत्री के अनुसार अस्पताल में 300 बेड शुरू कर दिए गए हैं. इसमें से 200 बेड कोविड मरीजों के लिए और 100 बेड सामान्य मरीजों के इलाज के लिए हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कहा कि 100 बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था होगी. 100 बेड सामान्य होंगे. 10 बेड आईसीयू और 10 एचडीयू के होंगे. ऐसे में अलवर में इस मुद्दे पर राजनीति हो रही है. पहली बार अलवर पहुंचे केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री ने ईएसआई मेडिकल कॉलेज का तकनीकी निरीक्षण किया.

अलवर में 300 बेड हुए शुरू

गुरुवार को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार निरीक्षण करने पहुंचे. निरीक्षण के दौरान केंद्रीय मंत्री ने बैठक में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की व्यवस्थाओं की जानकारी ली. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिलहाल कोरोना मरीजों के लिए 200 बेड की व्यवस्था की जा रही है. इस वर्ष के अंत तक ईएसआइसी अस्पताल में शेष बेड की व्यवस्था बढ़ाकर पूरे 500 बेड की क्षमता के साथ चलाया जाएगा. इस दौरान यहां सीटी स्कैन, एमआरआइ आदि सुविधाओं के साथ सामान्य और लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट भी लगाया जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज में स्थानीय श्रमिकों के बच्चों के लिए 20 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी. अलवर शहर से ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज तक निःशुल्क बस सेवा का टेंडर हो चुका है, जिसे जल्द ही प्रारम्भ किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- अलवर में 300 बेड का ESIC मेडिकल कॉलेज शुरू, केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने किया निरीक्षण

वहीं मंत्री के जाने के बाद इस संबंध में अस्पताल प्रशासन से बात की गई और अस्पताल प्रशासन की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया गया, जिसमें अस्पताल के 40 बेडों की क्षमता बढ़ाकर 80 बेड करने की जानकारी दी. 10 बेड आईसीयू और 10 बेड एचडीयू के लिए रहेंगे. इसके अलावा कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए 100 बेड अलग से रहेंगे. अस्पताल प्रशासन की मानें तो डॉ. विनय सिंह गर्मी वार्ड बॉय और अन्य स्टाफ की कमी के चलते अभी केवल 200 बेड शुरू किए गए हैं. कुछ दिन बाद 300 से अधिक बेड को शुरू किया जाएगा और साल के अंत तक 500 बेड शुरू किए जाएंगे. अस्पताल में अभी ऑक्सीजन की व्यवस्था जिला प्रशासन की तरफ से की जाएगी. हालांकि यह साईसी की तरफ से जल्द प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

शुरुआत में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री का कार्यक्रम के चरणों में विस्तार पूर्वक था, लेकिन राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया के कोरोना से निधन के कारण कार्यक्रम रद्द किए गए. बैठक से पूर्व उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. मंत्री ने कहा कि आगामी दिनों में कमियों को पूरा करते हुए सुविधाओं में विस्तार किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री अस्पताल में बेड बढ़ाने की घोषणा कर दी, लेकिन यहां सबसे बड़ी परेशानी मेडिकल स्टाफ की है. ईएसआइसी अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए पर्याप्त चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ नहीं है. प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को चिकित्सकों के 50 पदों के लिए साक्षात्कार लिए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक साक्षात्कार देने चिकित्सक नहीं पहुंचे हैं. इसके आलावा यहां ऑक्सीजन की कमी है. जिला प्रशासन की ओर से पर्याप्त ऑक्सीजन मिलने और चिकित्सकों की पूर्ती होने के बाद ही यहां सभी 200 बेड पर कोरोना के मरीज भर्ती किए जाएंगे.

मेडिकल कॉलेज के लिए प्रदेश सरकार से होगा एमओयू

ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज अलवर के निरीक्षण के लिए जून या जुलाई में नेशनल मेडिकल काउंसिल की टीम आएगी. यह टीम मेडिकल कॉलेज के सभी मापदंडों की जांच कर इसे मान्यता प्रदान करेगी. मेडिकल कॉलेज के लिए ईएसआइसी प्रशासन की ओर से राज्य सरकार को एमओयू भेजा है. मेडिकल कॉलेज के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर व्यवस्थाएं करेंगे. नेशनल मेडिकल कमीशन टीम के निरीक्षण से पूर्व मेडिकल कॉलेज में सभी व्यवस्थाएं पूरी करनी होगी. यह निरीक्षण मई में प्रस्तावित था, लेकिन कोरोना के कारण इसे स्थगित कर दिया.

प्रदेश के श्रम मंत्री, जिला प्रशासन और सांसद सभी दिखे एक साथ

अलवर जिले के राजनेताओं और प्रशासन ने पूरा सहयोग करने की बात कही है. सांसद बालकनाथ ने कहा कि उनकी ओर से ऑक्सीजन प्लांट के लिए पत्र लिखा है. सांसद ने स्टाफ की भर्ती करने की मांग की है. श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की बेहतरी के लिए राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी. मेडिकल कॉलेज को जल्द से जल्द शुरू कराया जाएगा. शहर विधायक संजय शर्मा ने एम्बुलेंस और बेहतर चिकित्सकीय सेवाओं की मांग रखी. जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया ने ईएसआइसी अस्पताल के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन और नर्सिंग स्टाफ मुहैया कराने की बात कही. ईएसआइसी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज फरीदाबाद के डीन डॉ. असीम दास ने अस्पताल की व्यवस्थाओं की जानकारी दी. अंत में पौधरोपण किया गया. ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज अलवर की डीन डॉ. हरनाम कौर और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विवेक तिवाड़ी ने कोरोना समर्पित अस्पताल और अन्य उपकरणों के बारे में बताया. बैठक में ईएसआइसी मेडिकल कमिश्नर आर.के. कटारिया, ईएसआइसी अस्पताल अलवर के नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप कासवान सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

अलवर. जिले के एमआईए में 900 करोड़ की लागत से बने ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अब कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए समर्पित कर दिए हैं, लेकिन इस दौरान केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार और अस्पताल प्रशासन की बातें अलग-अलग नजर आई. मंत्री के अनुसार अस्पताल में 300 बेड शुरू कर दिए गए हैं. इसमें से 200 बेड कोविड मरीजों के लिए और 100 बेड सामान्य मरीजों के इलाज के लिए हैं, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कहा कि 100 बेड पर ऑक्सीजन की व्यवस्था होगी. 100 बेड सामान्य होंगे. 10 बेड आईसीयू और 10 एचडीयू के होंगे. ऐसे में अलवर में इस मुद्दे पर राजनीति हो रही है. पहली बार अलवर पहुंचे केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री ने ईएसआई मेडिकल कॉलेज का तकनीकी निरीक्षण किया.

अलवर में 300 बेड हुए शुरू

गुरुवार को केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार निरीक्षण करने पहुंचे. निरीक्षण के दौरान केंद्रीय मंत्री ने बैठक में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की व्यवस्थाओं की जानकारी ली. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिलहाल कोरोना मरीजों के लिए 200 बेड की व्यवस्था की जा रही है. इस वर्ष के अंत तक ईएसआइसी अस्पताल में शेष बेड की व्यवस्था बढ़ाकर पूरे 500 बेड की क्षमता के साथ चलाया जाएगा. इस दौरान यहां सीटी स्कैन, एमआरआइ आदि सुविधाओं के साथ सामान्य और लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट भी लगाया जाएगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज में स्थानीय श्रमिकों के बच्चों के लिए 20 प्रतिशत सीटें आरक्षित होंगी. अलवर शहर से ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज तक निःशुल्क बस सेवा का टेंडर हो चुका है, जिसे जल्द ही प्रारम्भ किया जाएगा.

यह भी पढ़ें- अलवर में 300 बेड का ESIC मेडिकल कॉलेज शुरू, केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने किया निरीक्षण

वहीं मंत्री के जाने के बाद इस संबंध में अस्पताल प्रशासन से बात की गई और अस्पताल प्रशासन की तरफ से एक प्रेस नोट जारी किया गया, जिसमें अस्पताल के 40 बेडों की क्षमता बढ़ाकर 80 बेड करने की जानकारी दी. 10 बेड आईसीयू और 10 बेड एचडीयू के लिए रहेंगे. इसके अलावा कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए 100 बेड अलग से रहेंगे. अस्पताल प्रशासन की मानें तो डॉ. विनय सिंह गर्मी वार्ड बॉय और अन्य स्टाफ की कमी के चलते अभी केवल 200 बेड शुरू किए गए हैं. कुछ दिन बाद 300 से अधिक बेड को शुरू किया जाएगा और साल के अंत तक 500 बेड शुरू किए जाएंगे. अस्पताल में अभी ऑक्सीजन की व्यवस्था जिला प्रशासन की तरफ से की जाएगी. हालांकि यह साईसी की तरफ से जल्द प्लांट लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी.

शुरुआत में केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री का कार्यक्रम के चरणों में विस्तार पूर्वक था, लेकिन राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा के पूर्व राज्यपाल जगन्नाथ पहाड़िया के कोरोना से निधन के कारण कार्यक्रम रद्द किए गए. बैठक से पूर्व उन्हें श्रद्धांजलि दी गई. मंत्री ने कहा कि आगामी दिनों में कमियों को पूरा करते हुए सुविधाओं में विस्तार किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री अस्पताल में बेड बढ़ाने की घोषणा कर दी, लेकिन यहां सबसे बड़ी परेशानी मेडिकल स्टाफ की है. ईएसआइसी अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए पर्याप्त चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ नहीं है. प्रत्येक सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को चिकित्सकों के 50 पदों के लिए साक्षात्कार लिए जा रहे हैं, लेकिन अभी तक साक्षात्कार देने चिकित्सक नहीं पहुंचे हैं. इसके आलावा यहां ऑक्सीजन की कमी है. जिला प्रशासन की ओर से पर्याप्त ऑक्सीजन मिलने और चिकित्सकों की पूर्ती होने के बाद ही यहां सभी 200 बेड पर कोरोना के मरीज भर्ती किए जाएंगे.

मेडिकल कॉलेज के लिए प्रदेश सरकार से होगा एमओयू

ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज अलवर के निरीक्षण के लिए जून या जुलाई में नेशनल मेडिकल काउंसिल की टीम आएगी. यह टीम मेडिकल कॉलेज के सभी मापदंडों की जांच कर इसे मान्यता प्रदान करेगी. मेडिकल कॉलेज के लिए ईएसआइसी प्रशासन की ओर से राज्य सरकार को एमओयू भेजा है. मेडिकल कॉलेज के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर व्यवस्थाएं करेंगे. नेशनल मेडिकल कमीशन टीम के निरीक्षण से पूर्व मेडिकल कॉलेज में सभी व्यवस्थाएं पूरी करनी होगी. यह निरीक्षण मई में प्रस्तावित था, लेकिन कोरोना के कारण इसे स्थगित कर दिया.

प्रदेश के श्रम मंत्री, जिला प्रशासन और सांसद सभी दिखे एक साथ

अलवर जिले के राजनेताओं और प्रशासन ने पूरा सहयोग करने की बात कही है. सांसद बालकनाथ ने कहा कि उनकी ओर से ऑक्सीजन प्लांट के लिए पत्र लिखा है. सांसद ने स्टाफ की भर्ती करने की मांग की है. श्रम राज्य मंत्री टीकाराम जूली ने कहा कि ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल की बेहतरी के लिए राज्य सरकार पूरा सहयोग करेगी. मेडिकल कॉलेज को जल्द से जल्द शुरू कराया जाएगा. शहर विधायक संजय शर्मा ने एम्बुलेंस और बेहतर चिकित्सकीय सेवाओं की मांग रखी. जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया ने ईएसआइसी अस्पताल के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन और नर्सिंग स्टाफ मुहैया कराने की बात कही. ईएसआइसी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज फरीदाबाद के डीन डॉ. असीम दास ने अस्पताल की व्यवस्थाओं की जानकारी दी. अंत में पौधरोपण किया गया. ईएसआइसी मेडिकल कॉलेज अलवर की डीन डॉ. हरनाम कौर और चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विवेक तिवाड़ी ने कोरोना समर्पित अस्पताल और अन्य उपकरणों के बारे में बताया. बैठक में ईएसआइसी मेडिकल कमिश्नर आर.के. कटारिया, ईएसआइसी अस्पताल अलवर के नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप कासवान सहित अन्य लोग उपस्थित रहे.

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