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अलवर में 300 बेड का ESIC मेडिकल कॉलेज शुरू, केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने किया निरीक्षण

अलवर में एक हजार करोड़ रुपए की लागत से बना ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज आम लोगों और मजदूरों के लिए शुरू हो चुका है. अस्पताल का निरीक्षण करने अलवर पहुंचे केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा कि मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार से 300 बेड का अस्पताल शुरू किया जा रहा है, इसमें 200 बेड कोरोना संक्रमित मरीजों के रहेंगे, जबकि 100 बेड की सुविधा सामान्य मरीजों के इलाज के लिए रहेगी. मेडिकल कॉलेज में 20 प्रतिशत सीटें स्थानीय लोगों के लिए रिजर्व रहेंगी.

केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने किया निरीक्षण, Rajasthan Politics
केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने किया निरीक्षण
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Published : May 20, 2021, 6:56 PM IST

अलवर. जिले में 1000 करोड़ रुपए की लागत से बना ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज आम लोगों और मजदूरों के लिए शुरू हो चुका है. केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार पहली बार ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने के लिए अलवर पहुंचे.

केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने किया निरीक्षण

इस दौरान उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार से 300 बेड का अस्पताल शुरू किया जा रहा है, इसमें 200 बेड कोरोना संक्रमित मरीजों के रहेंगे, जबकि 100 बेड की सुविधा सामान्य मरीजों के इलाज के लिए रहेगी. मेडिकल कॉलेज में 20 प्रतिशत सीटें स्थानीय लोगों के लिए रिजर्व रहेंगी. इसमें केवल अलवर के मजदूर और आम आदमी के बच्चों को प्रवेश मिलेगा.

बता दें, यह कॉलेज कई साल तक केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच फुटबॉल बना रहा. न्यायालय के आदेश के बाद ईएसआईसी ने इस मेडिकल कॉलेज को चलाने का फैसला लिया, लेकिन फिर भी यहां एक डिस्पेंसरी जैसे हालात थे. मशीन व स्टाफ की कमी के चलते लोगों को बेहतर इलाज नहीं मिल रहा था, साथ ही स्टाफ से संसाधनों की कमी के चलते परेशानी हो रही थी.

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जिले में कोरोना के हालात को देखते हुए ईएसआईसी अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की मांग उठने लगी. इसके बाद अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ ने श्रम विभाग और श्रम विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की. इस बीच उन्होंने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार से भी मुलाकात करके मेडिकल कॉलेज को शुरू करने की मांग रखी, जिसके बाद बीते दिनों ईएसआईसी की एक टीम मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के लिए पहुंची. मेडिकल कॉलेज को शुरू करने का दबाव देखते हुए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार गुरुवार को अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज पहुंचे. यहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज में अधिकारियों की एक बैठक ली. इस दौरान प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली, शहर विधायक संजय शर्मा, सांसद बाबा बालक नाथ, जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया सहित अन्य कॉलेज की टीम व अन्य अधिकारी पदाधिकारी मौजूद रहे.

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा की मेडिकल कॉलेज में 300 बेड का अस्पताल शुक्रवार से शुरू हो जाएगा. इसमें मजदूरों के साथ आम लोगों को भी इलाज मिलेगा. 200 बेड कोरोना मरीज के लिए रहेंगे, जबकि 100 बेड सामान्य मरीजों के लिए रिजर्व रहेंगे. ऑक्सीजन प्लांट और अन्य कमियां पूरी कर ली गई हैं. 500 बेड की क्षमता के हिसाब से ऑक्सीनजन प्लांट शुरू हो जाएगा. इसके अलावा एक्स रे मशीन, सोनोग्राफी मशीन सहित सभी जरूरी मशीनें जल्द से जल्द अलवर पहुंच रही हैं. सभी मशीनें स्टाल हो जाएंगी और बेड भी आ चुके हैं. मरीजों को घर जैसा भोजन मिले इसके लिए कैंटीन की व्यवस्था की गई है. स्टाफ की कमी को देखते हुए स्टाफ की लगातार नियुक्ती की जा रही है. नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टर जैसे जरूरी पदों को भरा जा रहा है. मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया इसी साल से शुरू हो जाएगी. कोरोना के चलते अभी प्रवेश परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं.

यह भी पढ़ेंः किसान नेता राकेश टिकैत के काफिले में फंसा ऑक्सीजन टैंकर, बाहर निकालने में फूली प्रशासन की सांसें

केंद्रीय श्रम मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के लिए प्रदेश सरकार से एक एमओयू होगा, क्योंकि इंडियन मेडिकल काउंसिल की गाइड लाइन के अनुसार प्रदेश सरकार से एमओयू होना आवश्यक है. मेडिकल कॉलेज में 20 प्रतिशत सीटें स्थानीय मजदूर और आम आदमी के लिए रिजर्व रहेंगी. उनके बच्चे यहां प्रवेश ले सकेंगे. मेडिकल कॉलेज चलाने के लिए प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन और केंद्र सरकार ने मिलकर अपनी सहमति दी है. श्रम मंत्री ने मौजूद प्रदेश श्रम मंत्री टीकाराम जूली, सांसद बाबा बालक नाथ, शहर विधायक संजय शर्मा, जिला कलेक्टर सभी से एक साथ मिलकर काम करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य था कि अब तक यह मेडिकल कॉलेज बंद था, लेकिन अब कल से यह मेडिकल कॉलेज शुरू हो जाएगा. यहां मजदूरों के साथ आम लोगों को भी बेहतर इलाज सुविधा मिलेगी. मरीजों को शहर से लाने ले जाने के लिए बस सेवा शुरू की गई है. यह निशुल्क रहेगी सभी मरीजों को निशुल्क अस्पताल में इलाज मिलेगा.

अलवर. जिले में 1000 करोड़ रुपए की लागत से बना ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज आम लोगों और मजदूरों के लिए शुरू हो चुका है. केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार पहली बार ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने के लिए अलवर पहुंचे.

केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने किया निरीक्षण

इस दौरान उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार से 300 बेड का अस्पताल शुरू किया जा रहा है, इसमें 200 बेड कोरोना संक्रमित मरीजों के रहेंगे, जबकि 100 बेड की सुविधा सामान्य मरीजों के इलाज के लिए रहेगी. मेडिकल कॉलेज में 20 प्रतिशत सीटें स्थानीय लोगों के लिए रिजर्व रहेंगी. इसमें केवल अलवर के मजदूर और आम आदमी के बच्चों को प्रवेश मिलेगा.

बता दें, यह कॉलेज कई साल तक केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बीच फुटबॉल बना रहा. न्यायालय के आदेश के बाद ईएसआईसी ने इस मेडिकल कॉलेज को चलाने का फैसला लिया, लेकिन फिर भी यहां एक डिस्पेंसरी जैसे हालात थे. मशीन व स्टाफ की कमी के चलते लोगों को बेहतर इलाज नहीं मिल रहा था, साथ ही स्टाफ से संसाधनों की कमी के चलते परेशानी हो रही थी.

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जिले में कोरोना के हालात को देखते हुए ईएसआईसी अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज की मांग उठने लगी. इसके बाद अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ ने श्रम विभाग और श्रम विभाग के अधिकारियों से मुलाकात की. इस बीच उन्होंने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार से भी मुलाकात करके मेडिकल कॉलेज को शुरू करने की मांग रखी, जिसके बाद बीते दिनों ईएसआईसी की एक टीम मेडिकल कॉलेज के निरीक्षण के लिए पहुंची. मेडिकल कॉलेज को शुरू करने का दबाव देखते हुए केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार गुरुवार को अलवर के ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज पहुंचे. यहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज में अधिकारियों की एक बैठक ली. इस दौरान प्रदेश के श्रम मंत्री टीकाराम जूली, शहर विधायक संजय शर्मा, सांसद बाबा बालक नाथ, जिला कलेक्टर नन्नू मल पहाड़िया सहित अन्य कॉलेज की टीम व अन्य अधिकारी पदाधिकारी मौजूद रहे.

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार ने कहा की मेडिकल कॉलेज में 300 बेड का अस्पताल शुक्रवार से शुरू हो जाएगा. इसमें मजदूरों के साथ आम लोगों को भी इलाज मिलेगा. 200 बेड कोरोना मरीज के लिए रहेंगे, जबकि 100 बेड सामान्य मरीजों के लिए रिजर्व रहेंगे. ऑक्सीजन प्लांट और अन्य कमियां पूरी कर ली गई हैं. 500 बेड की क्षमता के हिसाब से ऑक्सीनजन प्लांट शुरू हो जाएगा. इसके अलावा एक्स रे मशीन, सोनोग्राफी मशीन सहित सभी जरूरी मशीनें जल्द से जल्द अलवर पहुंच रही हैं. सभी मशीनें स्टाल हो जाएंगी और बेड भी आ चुके हैं. मरीजों को घर जैसा भोजन मिले इसके लिए कैंटीन की व्यवस्था की गई है. स्टाफ की कमी को देखते हुए स्टाफ की लगातार नियुक्ती की जा रही है. नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टर जैसे जरूरी पदों को भरा जा रहा है. मेडिकल कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया इसी साल से शुरू हो जाएगी. कोरोना के चलते अभी प्रवेश परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं.

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केंद्रीय श्रम मंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के लिए प्रदेश सरकार से एक एमओयू होगा, क्योंकि इंडियन मेडिकल काउंसिल की गाइड लाइन के अनुसार प्रदेश सरकार से एमओयू होना आवश्यक है. मेडिकल कॉलेज में 20 प्रतिशत सीटें स्थानीय मजदूर और आम आदमी के लिए रिजर्व रहेंगी. उनके बच्चे यहां प्रवेश ले सकेंगे. मेडिकल कॉलेज चलाने के लिए प्रदेश सरकार, जिला प्रशासन और केंद्र सरकार ने मिलकर अपनी सहमति दी है. श्रम मंत्री ने मौजूद प्रदेश श्रम मंत्री टीकाराम जूली, सांसद बाबा बालक नाथ, शहर विधायक संजय शर्मा, जिला कलेक्टर सभी से एक साथ मिलकर काम करने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य था कि अब तक यह मेडिकल कॉलेज बंद था, लेकिन अब कल से यह मेडिकल कॉलेज शुरू हो जाएगा. यहां मजदूरों के साथ आम लोगों को भी बेहतर इलाज सुविधा मिलेगी. मरीजों को शहर से लाने ले जाने के लिए बस सेवा शुरू की गई है. यह निशुल्क रहेगी सभी मरीजों को निशुल्क अस्पताल में इलाज मिलेगा.

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