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कोरोना काल में हुए नुकसान की भरपाई को अलवर में यूआईटी बेच रही प्लॉट - अलवर लेटेस्ट न्यूज

कोरोना काल के दौरान देश की अर्थव्यवस्था डामाडोल हो गई है. हांलाकि अब हालात सामान्य होने लगे हैं, लेकिन प्रदेश सरकार के पास अभी राजस्व की कमी हो रही है. ऐसे में सरकार की तरफ से प्लॉट की नीलामी सहित कई नए कार्य किए जा रहे हैं. अलवर में यूआईटी की तरफ से विभिन्न कॉलोनियों में प्लॉट की ऑनलाइन नीलामी की जा रही है.

Auction of plots in Alwar, Alwar UIT
अलवर में यूआईटी बेच रही है प्लॉट
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Published : Oct 9, 2020, 9:22 PM IST

अलवर. राजस्व की कमी से प्रदेश सरकार परेशान है. पैसे की कमी के चलते सरकारी प्रोजेक्ट बंद कर दिए गए हैं. कुछ विभागों में कर्मचारियों को वेतन भी समय पर नहीं मिल रहा है. साथ ही नए कार्य शुरू नहीं किए जा रहे हैं. इन सबके बीच सरकार की तरफ से बजट जुटाने का प्रयास किया जा रहा है. अलवर में यूआईटी प्लॉट की ई नीलामी कर रही है. अलवर की विभिन्न कॉलोनियों में 102 प्लॉट बेचे जा रहे हैं.

अलवर में यूआईटी बेच रही है प्लॉट

अंबेडकर नगर, सूर्य नगर, वैशाली नगर, शिवाजी पार्क, रणजीत नगर, बुद्ध विहार, अरावली विहार एक्सटेंशन, हसन खां मेवात नगर, स्कीम नंबर 10, मालवीय नगर सहित अलवर शहर की विभिन्न कॉलोनियों में खाली प्लॉटों को चिन्हित करके यूआईटी ई नीलामी के जरिए उनको बेच रही है. यूआईटी के अधिकारियों की मानें तो अलवर वासी भी इसमें खासी रुचि दिखा रहे हैं. शुक्रवार को अंबेडकरनगर की नीलामी में कुल 38 फ्लोर थे. इनमें से 14 बिक चुके हैं. प्रत्येक सप्ताह के अंत में यह नीलामी प्रक्रिया की जाती है.

पढ़ें- जयपुरः कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस का किसान सम्मेलन कल, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना के लिए किए गए इंतजाम

इन प्लॉट की बिक्री के बाद यूआईटी को 20 करोड़ रुपए तक के राजस्व मिलने की उम्मीद है. यूआईटी के अधिकारियों ने कहा कि इसमें आवासीय के अलावा कमर्शियल प्लॉट भी शामिल हैं. कमर्शियल प्लॉट में दुकान स्कूल व पेट्रोल पंप सहित सभी तरह के लोग हैं. लोग इन प्लॉट को खासा पसंद कर रहे हैं. पहली ही नीलामी में बड़ी संख्या में प्लॉट बिक रहे हैं.

यूआईटी के अधिकारियों ने कहा कि अलवर शहर की विभिन्न कॉलोनियों में कुछ प्लॉट खाली पड़े हुए थे, जबकि कुछ को अभी तक नीलाम नहीं किया गया था. इन सभी प्लॉटों को चिन्हित करते हुए यूआईटी की तरफ से नीलामी की जा रही है. सभी साइज व रेट के प्लॉट उपलब्ध हैं. छोटे प्लॉटों की डिमांड बड़ों की तुलना में ज्यादा हैं.

अलवर. राजस्व की कमी से प्रदेश सरकार परेशान है. पैसे की कमी के चलते सरकारी प्रोजेक्ट बंद कर दिए गए हैं. कुछ विभागों में कर्मचारियों को वेतन भी समय पर नहीं मिल रहा है. साथ ही नए कार्य शुरू नहीं किए जा रहे हैं. इन सबके बीच सरकार की तरफ से बजट जुटाने का प्रयास किया जा रहा है. अलवर में यूआईटी प्लॉट की ई नीलामी कर रही है. अलवर की विभिन्न कॉलोनियों में 102 प्लॉट बेचे जा रहे हैं.

अलवर में यूआईटी बेच रही है प्लॉट

अंबेडकर नगर, सूर्य नगर, वैशाली नगर, शिवाजी पार्क, रणजीत नगर, बुद्ध विहार, अरावली विहार एक्सटेंशन, हसन खां मेवात नगर, स्कीम नंबर 10, मालवीय नगर सहित अलवर शहर की विभिन्न कॉलोनियों में खाली प्लॉटों को चिन्हित करके यूआईटी ई नीलामी के जरिए उनको बेच रही है. यूआईटी के अधिकारियों की मानें तो अलवर वासी भी इसमें खासी रुचि दिखा रहे हैं. शुक्रवार को अंबेडकरनगर की नीलामी में कुल 38 फ्लोर थे. इनमें से 14 बिक चुके हैं. प्रत्येक सप्ताह के अंत में यह नीलामी प्रक्रिया की जाती है.

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इन प्लॉट की बिक्री के बाद यूआईटी को 20 करोड़ रुपए तक के राजस्व मिलने की उम्मीद है. यूआईटी के अधिकारियों ने कहा कि इसमें आवासीय के अलावा कमर्शियल प्लॉट भी शामिल हैं. कमर्शियल प्लॉट में दुकान स्कूल व पेट्रोल पंप सहित सभी तरह के लोग हैं. लोग इन प्लॉट को खासा पसंद कर रहे हैं. पहली ही नीलामी में बड़ी संख्या में प्लॉट बिक रहे हैं.

यूआईटी के अधिकारियों ने कहा कि अलवर शहर की विभिन्न कॉलोनियों में कुछ प्लॉट खाली पड़े हुए थे, जबकि कुछ को अभी तक नीलाम नहीं किया गया था. इन सभी प्लॉटों को चिन्हित करते हुए यूआईटी की तरफ से नीलामी की जा रही है. सभी साइज व रेट के प्लॉट उपलब्ध हैं. छोटे प्लॉटों की डिमांड बड़ों की तुलना में ज्यादा हैं.

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