ETV Bharat / city

अलवर के जंगल में हुआ नीलगाय का शिकार, दो शिकारी गिरफ्तार

अलवर में आए दिन शिकार के मामले सामने आते हैं. जिले के डेहरा गांव के अमृत बास के पास नील गाय को मारकर शिकार करने का मामला सामने आया है. मामले की जानकारी वन विभाग को दी गई. वन विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इस मामले में अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है.

नीलगाय का शिकार  बाला किला बफर जोन  नीलगाय  वाइल्डलाइफ एक्ट  Wildlife Act  Blue cow  Bala Fort Buffer Zone  Nilgai hunting
दो शिकारी हुए गिरफ्तार
author img

By

Published : Feb 14, 2021, 7:21 AM IST

अलवर. अलवर में सरिस्का और बाला किला बफर जोन सहित बड़ी संख्या में जंगल है. अलवर का सरिस्का पूरे देश दुनिया में विशेष पहचान रखता है. 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले सरिस्का में वन्यजीवों की कई तरह की प्रजातियां रहती हैं. यहां घूमने के लिए साल भर देशी विदेशी पर्यटक आते हैं. लेकिन सरिस्का में आए दिन शिकार के मामले भी सामने आते रहे हैं. कई बार बाघ के शिकार की घटनाएं भी हो चुकी है तो वहीं एक बार साल 2005 में सरिस्का बाघ विहीन भी हो चुका है. इसके बाद भी लगातार शिकार की घटनाएं हो रही है. हाल ही में अलवर के एक गांव में नीलगाय के शिकार का मामला सामने आया.

दो शिकारी हुए गिरफ्तार

वन विभाग के डीएफओ एके श्रीवास्तव ने बताया कि वन विभाग को सूचना मिली कि डेहरा अमृत का बास में नीलगाय का शिकार हुआ है. इस सूचना पर डेहरा शाहपुर नाका से टीम को रवाना किया. टीम को मौके पर नीलगाय के कुछ अवशेष मिले और पास ही दो मकानों में नीलगाय का मीट पकता हुआ मिला, जिस पर टीम ने मौके से कुछ लोगों को पकड़कर पूछताश की गई. इस पर पता चला कि अमृत का बास गांव के रहने वाले धन सिंह और देवीराम ने नीलगाय का शिकार किया और उसका मीट बेच दिया, जिस पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और दोनों का मेडिकल करवाया गया.

यह भी पढ़ें: खुशखबरी: सरिस्का में बाघिन ST-14 तीन शावकों के साथ आई नजर

उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ नियम अनुसार दस्तावेज तैयार किए गए है, जिनको न्यायालय में पेश किया जाएगा. इस मामले में वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. लोगों से पूछताछ की जा रही है. इन लोगों ने पहले भी कई बार नील गाय व जानवरों के शिकार किया है. शिकार करने के बाद यह लोग आसपास क्षेत्र में उस जानवर का मांस व अन्य जरूरत की चीजें बेच देते हैं. इन लोगों के तार बड़े तस्करों से भी जुड़े हो सकते हैं.

अलवर. अलवर में सरिस्का और बाला किला बफर जोन सहित बड़ी संख्या में जंगल है. अलवर का सरिस्का पूरे देश दुनिया में विशेष पहचान रखता है. 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले सरिस्का में वन्यजीवों की कई तरह की प्रजातियां रहती हैं. यहां घूमने के लिए साल भर देशी विदेशी पर्यटक आते हैं. लेकिन सरिस्का में आए दिन शिकार के मामले भी सामने आते रहे हैं. कई बार बाघ के शिकार की घटनाएं भी हो चुकी है तो वहीं एक बार साल 2005 में सरिस्का बाघ विहीन भी हो चुका है. इसके बाद भी लगातार शिकार की घटनाएं हो रही है. हाल ही में अलवर के एक गांव में नीलगाय के शिकार का मामला सामने आया.

दो शिकारी हुए गिरफ्तार

वन विभाग के डीएफओ एके श्रीवास्तव ने बताया कि वन विभाग को सूचना मिली कि डेहरा अमृत का बास में नीलगाय का शिकार हुआ है. इस सूचना पर डेहरा शाहपुर नाका से टीम को रवाना किया. टीम को मौके पर नीलगाय के कुछ अवशेष मिले और पास ही दो मकानों में नीलगाय का मीट पकता हुआ मिला, जिस पर टीम ने मौके से कुछ लोगों को पकड़कर पूछताश की गई. इस पर पता चला कि अमृत का बास गांव के रहने वाले धन सिंह और देवीराम ने नीलगाय का शिकार किया और उसका मीट बेच दिया, जिस पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया और दोनों का मेडिकल करवाया गया.

यह भी पढ़ें: खुशखबरी: सरिस्का में बाघिन ST-14 तीन शावकों के साथ आई नजर

उन्होंने कहा कि इस मामले में कुछ नियम अनुसार दस्तावेज तैयार किए गए है, जिनको न्यायालय में पेश किया जाएगा. इस मामले में वाइल्डलाइफ एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी. लोगों से पूछताछ की जा रही है. इन लोगों ने पहले भी कई बार नील गाय व जानवरों के शिकार किया है. शिकार करने के बाद यह लोग आसपास क्षेत्र में उस जानवर का मांस व अन्य जरूरत की चीजें बेच देते हैं. इन लोगों के तार बड़े तस्करों से भी जुड़े हो सकते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.