अलवर. महिला दिवस के मौके पर अलवर जिले में दर्जनों कार्यक्रम हुए. इनमें से कुछ कार्यक्रम सरकारी तो कुछ निजी संस्थाओं के प्रोग्राम थे. जिला प्रशासन की तरफ से मुख्य कार्यक्रम स्वरूप विलास होटल में आयोजित किया गया. कई दिनों से महिलाएं और बच्चे इस कार्यक्रम की तैयारी कर रहे थे, लेकिन पूर्व राज्यपाल के निधन के चलते बीच में ही कार्यक्रम रोक दिया गया. ऐसे में कार्यक्रम में प्रोग्राम पेश करने के लिए आए नन्हे बच्चों को खासी निराशा हुई. जिला कलेक्टर ने कहा कि हर घर में महिलाओं का सम्मान ही महिला दिवस का सफल होना है.
महिला दिवस के मौके पर पूरे देश में हजारों कार्यक्रम हुए, जिनमें महिलाओं को सम्मानित किया गया, लेकिन अलवर में जिला प्रशासन का कार्यक्रम राजकीय शोक के चलते बीच में ही रोकना पड़ा. महिला बाल विकास, स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन सहित तमाम सरकारी विभागों की तरफ से अलवर के स्वरूप विलास होटल में जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कई दिनों से इस कार्यक्रम की तैयारी चल रही थी. इसमें निजी और सरकारी स्कूलों के नन्हें बच्चों ने कार्यक्रम पेश किए. इस मौके पर महिलाओं की तरफ से भी समाज को जागरूक करने और बेटियों का महत्व बताते हुए कई कार्यक्रम पेश किए गए.
इस दौरान जिले में बेहतर काम करने वाली महिला अधिकारियों को सम्मानित किया गया. साथ ही ऐसी महिलाओं को मंच पर विशेष तौर पर बुलाया गया, जिन्होंने समाज में प्रेरणा देने का काम किया है. इस दौरान पूर्व राज्यपाल के निधन की सूचना मिलने के बाद राजकीय शोक घोषित हुआ, जिसके चलते सभी सरकारी कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए. इस बीच महिला दिवस के मौके पर चलने वाला जिला स्तरीय कार्यक्रम भी बीच में ही रोक दिए गए. कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जिलेभर से आए बच्चों और महिलाओं को खासी परेशानी हुई. घंटों धूप में परेशान होते रहे और अन्त में भूखे प्यासे सभी को वापस लौटना पड़ा.
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हालांकि जिला कलेक्टर ने कहा कि जरूरी कार्यक्रम पेश करने के साथ ही कार्यक्रम जल्दी समाप्त कर दिया गया. उन्होंने कहा कि महिलाओं का सम्मान जब भी होगा, जब हम सब मिलकर अपने घरों में महिलाओं का सम्मान करेंगे. साथ ही जहां महिलाओं की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं. हमारे शास्त्रों में महिलाओं को देवी का स्वरूप कहा गया है. ऐसे में हमें महिलाओं की इज्जत करनी चाहिए. उनको बराबर का अधिकार देना चाहिए. जिला कलेक्टर ने कहा कि हमारा समाज पुरुष प्रधान समाज है, लेकिन महिलाएं आज इतनी ही बराबर निकल रही हैं, जितनी महिलाओं को अवसर मिल रही हैं. आज देश में हर बड़े पद पर महिला आसीन हैं. सेना हो या राजनीति प्रशासनिक सेवा हो या निजी कार्य सभी में महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं.