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Special: पुलिस का डिजिटाइजेशन की तरफ बढ़ा कदम, खाकी की 'तीसरी आंख' बदमाशों के छुड़ाएगी छक्के - डिजिटलीकरण

भारत देश धीरे-धीरे डिजिटल युग की तरफ कदम बढ़ा रहा है. ऐसे में देश की रक्षक यानी हमारी पुलिस कैसे पीछे रह सकती है. खाकी भी बदलते समय के साथ-साथ आधुनिक हो गई है. अलवर जिले में अब कैमरे यानी तीसरी आंख की मदद से बदमाशों और आरोपियों पर नकेल कसी जा रही है. शहर के प्रमुख चौराहों और मार्गो पर पीटीजेड कैमरे लगे हुए हैं. जिनकी मदद से बदमाशों पर पुलिस नजर रख रही है. देखें यह रिपोर्ट...

alwar latest news,  rajasthan news,  कैमरों की मदद से हो रही निगरानी
LIVE कैमरों से हो रही बदमाशों की निगरानी
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Published : Aug 21, 2020, 8:25 PM IST

अलवर. भारत देश डिजिटलीकरण की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. जब सब कुछ डिजिटल हो चुका है, तो भला पुलिस क्यों पीछे रहे. अलवर जिले में बढ़ते हुए क्राइम के ग्राफ को देखते हुए आईटी विभाग और पुलिस की तरफ से अलवर में 500 से अधिक कैमरे लगाने की योजना तैयार की गई थी. इसके तहत अभी तक 214 कैमरे लग चुके हैं. यह कैमरे लगातार 24 घंटे लोगों पर नजर रख रहे हैं. इसमें से 155 कैमरे लाइव हैं. इनके जरिए किसी भी जगह पर बैठकर पुलिस आरोपियों और संदिग्ध लोगों पर नजर रख सकती है. जबकि अन्य कैमरे लोकल रिकॉर्डिंग सिस्टम के आधार पर चल रहे हैं.

LIVE कैमरों से हो रही बदमाशों की निगरानी

300 बचे कैमरे जल्द लगेंगे

इन सभी कैमरे को पुलिस कंट्रोल रूम स्थित अभय कमांड सेंटर से जोड़ा गया है. यहां लगी बड़ी स्क्रीन से 24 घंटे शहर पर नजर रखी जाती है. आईटी विभाग की तरफ से अलवर शहर में 55 किलोमीटर लंबी फाइबर केबल डालने का काम चल रहा है. 2 से 3 महीने में यह काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद अलवर शहर में सभी प्रमुख कॉलोनी, सड़क मार्ग, कॉलेज बैंक सहित अन्य जगहों पर 300 कैमरे लगाए जाएंगे. इसके बाद अलवर में 500 से अधिक कैमरे लगातार चप्पे-चप्पे पर नजर रखेंगे.

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क्या कहते हैं आंकड़े

32 बार किया जा सकता है जूम

अभी शहर के प्रमुख चौराहों और मार्गो पर पीटी जेड कैमरे लगे हुए हैं. इन कैमरों से लाइव रियल टाइम रिकॉर्डिंग देखी जा सकती है. यह कैमरे खास तौर पर पैनी नजर रखने के लिए होते हैं. इन कैमरों की मदद से कंट्रोल रूम में बैठे हुए कर्मचारी अधिकारी 32 बार जूम करके आधा किलोमीटर दूर तक की चीज देख आसानी से कोई भी फोटो देख सकते हैं और नंबर पढ़ सकते हैं. ऐसे में अलवर में यह कैमरे पुलिस के लिए मददगार साबित हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें : Special: पुलिस की 'तीसरी आंख' में कैद जोधपुर, एक रूम से पूरे शहर पर रखी जा रही नजर

केस-1 : कैमरों की मदद से अलवर पुलिस को कई बड़े मामलों में सफलता मिली है. बीते दिनों मनोहरपुर थाना क्षेत्र में 40 लाख रुपए की लूट की घटना में पुलिस को अलवर के सीसीटीवी की मदद से पैसे बरामद हुए थे. पुलिस ने बदमाशों को गिरफ्तार किया था. दरअसल, कैमरे में मनोहरपुर थाना क्षेत्र में हुई लूट की वारदात के बदमाश और उनकी गाड़ी नजर आई थी. इसके बाद उस रिकॉर्डिंग के आधार पर पुलिस ने दबिश दी और पैसों को बरामद किया और बदमाशों को गिरफ्तार किया.

केस-2 : जिले के पीएनबी बैंक में हुई लूट की घटना में पुलिस ने कैमरे की मदद से ही बदमाश को पकड़ा था.

इसके अलावा दर्जनों वाहन चोरी और लूटपाट की घटनाओं में पुलिस ने कैमरों की मदद से बदमाशों को गिरफ्तार किया है.

55 किमी फाइबर केबल डालने की हो रही कवायद

सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रोग्राम में कैमरा कार्य के प्रभारी चारु अग्रवाल ने बताया के अलवर में अभी महज 15 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल डाली हुई है. इसके माध्यम से डेढ़ सौ से अधिक कैमरे जुड़े हुए हैं. जो लगातार काम कर रहे हैं. इसके अलावा अलवर में 55 किलोमीटर फाइबर केबल डालने का काम चल रहा है. यह काम पूरा होने के बाद 300 से अधिक कैमरे अलवर के चप्पे-चप्पे पर लगाए जाएंगे. ऐसे में प्रत्येक आने जाने वाले व्यक्ति पर कैमरे की नजर रहेगी.

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क्या कहते हैं आंकड़े

अलवर पुलिस को मिली बड़ी सफलता

राजस्थान में सबसे कम फाइबर केबल पर सबसे ज्यादा कैमरे चलाने वाला अलवर एकमात्र जिला है. अलवर से ज्यादा कैमरे जिला स्तर पर दौसा में चल रहे हैं, लेकिन उसका फायदा अभी तक पुलिस सिस्टम को नहीं मिला है. वहीं अलवर में लगे कैमरे का सीधा-सीधा फायदा पुलिस को मिल रहा है. ऐसे में पुलिस की तरफ से आने वाले समय में कई नई योजनाएं इस दिशा में बनाई जा रही हैं.

अब तक काटे गए 1500 चालान

अलवर में कैमरे की मदद से पुलिस ने अब तक 1500 से अधिक लोगों के चालान काटे हैं. बिना हेलमेट के वाहन चलाने वाले वाहन चालकों के चालान कैमरे की मदद से काटे गए. इसके अलावा रेड लाइट जंप करने वाले, बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने वाले और अन्य यातायात के नियमों को तोड़ने वाले वाहन चालकों के खिलाफ चालान की प्रक्रिया की गई.

यह भी पढ़ें : REPORT: कोरोना भी नहीं डिगा पाया तस्करों के इरादे, लॉकडाउन में एक्टिव रहे सप्लायर

अलवर में होती है ज्यादा चोरी

अलवर वाहन चोरी के लिए बदनाम है. प्रदेश में सबसे ज्यादा वाहन चोरी की घटनाएं इसी जिले में होती हैं. ऐसे में कैमरे पुलिस के लिए खासे मददगार साबित हो रहे हैं. कैमरों की मदद से चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है. अब तक पुलिस द्वारा कई बड़ी गैंग, बदमाश और बाइक चोरों को कैमरों की मदद से पकड़ा जा चुका है.

अलवर. भारत देश डिजिटलीकरण की तरफ तेजी से बढ़ रहा है. जब सब कुछ डिजिटल हो चुका है, तो भला पुलिस क्यों पीछे रहे. अलवर जिले में बढ़ते हुए क्राइम के ग्राफ को देखते हुए आईटी विभाग और पुलिस की तरफ से अलवर में 500 से अधिक कैमरे लगाने की योजना तैयार की गई थी. इसके तहत अभी तक 214 कैमरे लग चुके हैं. यह कैमरे लगातार 24 घंटे लोगों पर नजर रख रहे हैं. इसमें से 155 कैमरे लाइव हैं. इनके जरिए किसी भी जगह पर बैठकर पुलिस आरोपियों और संदिग्ध लोगों पर नजर रख सकती है. जबकि अन्य कैमरे लोकल रिकॉर्डिंग सिस्टम के आधार पर चल रहे हैं.

LIVE कैमरों से हो रही बदमाशों की निगरानी

300 बचे कैमरे जल्द लगेंगे

इन सभी कैमरे को पुलिस कंट्रोल रूम स्थित अभय कमांड सेंटर से जोड़ा गया है. यहां लगी बड़ी स्क्रीन से 24 घंटे शहर पर नजर रखी जाती है. आईटी विभाग की तरफ से अलवर शहर में 55 किलोमीटर लंबी फाइबर केबल डालने का काम चल रहा है. 2 से 3 महीने में यह काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद अलवर शहर में सभी प्रमुख कॉलोनी, सड़क मार्ग, कॉलेज बैंक सहित अन्य जगहों पर 300 कैमरे लगाए जाएंगे. इसके बाद अलवर में 500 से अधिक कैमरे लगातार चप्पे-चप्पे पर नजर रखेंगे.

alwar latest news,  rajasthan news,  कैमरों की मदद से हो रही निगरानी
क्या कहते हैं आंकड़े

32 बार किया जा सकता है जूम

अभी शहर के प्रमुख चौराहों और मार्गो पर पीटी जेड कैमरे लगे हुए हैं. इन कैमरों से लाइव रियल टाइम रिकॉर्डिंग देखी जा सकती है. यह कैमरे खास तौर पर पैनी नजर रखने के लिए होते हैं. इन कैमरों की मदद से कंट्रोल रूम में बैठे हुए कर्मचारी अधिकारी 32 बार जूम करके आधा किलोमीटर दूर तक की चीज देख आसानी से कोई भी फोटो देख सकते हैं और नंबर पढ़ सकते हैं. ऐसे में अलवर में यह कैमरे पुलिस के लिए मददगार साबित हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें : Special: पुलिस की 'तीसरी आंख' में कैद जोधपुर, एक रूम से पूरे शहर पर रखी जा रही नजर

केस-1 : कैमरों की मदद से अलवर पुलिस को कई बड़े मामलों में सफलता मिली है. बीते दिनों मनोहरपुर थाना क्षेत्र में 40 लाख रुपए की लूट की घटना में पुलिस को अलवर के सीसीटीवी की मदद से पैसे बरामद हुए थे. पुलिस ने बदमाशों को गिरफ्तार किया था. दरअसल, कैमरे में मनोहरपुर थाना क्षेत्र में हुई लूट की वारदात के बदमाश और उनकी गाड़ी नजर आई थी. इसके बाद उस रिकॉर्डिंग के आधार पर पुलिस ने दबिश दी और पैसों को बरामद किया और बदमाशों को गिरफ्तार किया.

केस-2 : जिले के पीएनबी बैंक में हुई लूट की घटना में पुलिस ने कैमरे की मदद से ही बदमाश को पकड़ा था.

इसके अलावा दर्जनों वाहन चोरी और लूटपाट की घटनाओं में पुलिस ने कैमरों की मदद से बदमाशों को गिरफ्तार किया है.

55 किमी फाइबर केबल डालने की हो रही कवायद

सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की प्रोग्राम में कैमरा कार्य के प्रभारी चारु अग्रवाल ने बताया के अलवर में अभी महज 15 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल डाली हुई है. इसके माध्यम से डेढ़ सौ से अधिक कैमरे जुड़े हुए हैं. जो लगातार काम कर रहे हैं. इसके अलावा अलवर में 55 किलोमीटर फाइबर केबल डालने का काम चल रहा है. यह काम पूरा होने के बाद 300 से अधिक कैमरे अलवर के चप्पे-चप्पे पर लगाए जाएंगे. ऐसे में प्रत्येक आने जाने वाले व्यक्ति पर कैमरे की नजर रहेगी.

alwar latest news,  rajasthan news,  कैमरों की मदद से हो रही निगरानी
क्या कहते हैं आंकड़े

अलवर पुलिस को मिली बड़ी सफलता

राजस्थान में सबसे कम फाइबर केबल पर सबसे ज्यादा कैमरे चलाने वाला अलवर एकमात्र जिला है. अलवर से ज्यादा कैमरे जिला स्तर पर दौसा में चल रहे हैं, लेकिन उसका फायदा अभी तक पुलिस सिस्टम को नहीं मिला है. वहीं अलवर में लगे कैमरे का सीधा-सीधा फायदा पुलिस को मिल रहा है. ऐसे में पुलिस की तरफ से आने वाले समय में कई नई योजनाएं इस दिशा में बनाई जा रही हैं.

अब तक काटे गए 1500 चालान

अलवर में कैमरे की मदद से पुलिस ने अब तक 1500 से अधिक लोगों के चालान काटे हैं. बिना हेलमेट के वाहन चलाने वाले वाहन चालकों के चालान कैमरे की मदद से काटे गए. इसके अलावा रेड लाइट जंप करने वाले, बिना सीट बेल्ट के गाड़ी चलाने वाले और अन्य यातायात के नियमों को तोड़ने वाले वाहन चालकों के खिलाफ चालान की प्रक्रिया की गई.

यह भी पढ़ें : REPORT: कोरोना भी नहीं डिगा पाया तस्करों के इरादे, लॉकडाउन में एक्टिव रहे सप्लायर

अलवर में होती है ज्यादा चोरी

अलवर वाहन चोरी के लिए बदनाम है. प्रदेश में सबसे ज्यादा वाहन चोरी की घटनाएं इसी जिले में होती हैं. ऐसे में कैमरे पुलिस के लिए खासे मददगार साबित हो रहे हैं. कैमरों की मदद से चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है. अब तक पुलिस द्वारा कई बड़ी गैंग, बदमाश और बाइक चोरों को कैमरों की मदद से पकड़ा जा चुका है.

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