अलवर. जिले में सरकार के निर्देश पर जिला कलेक्टर ने खनन विभाग, वन विभाग, परिवहन, प्रशासन, राजस्व व पुलिस अधिकारियों की एक टीम बनाकर एसआईटी का गठन किया था. लेकिन इन विभागों में समन्वय नहीं होने के कारण अब तक एसआईटी ने कोई कार्रवाई नहीं की है. बजरी के अवैध खनन परिवहन माफिया से खनिज विभाग की टीम जूझती रहती है, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं होने के कारण अलवर जिले में खुलेआम अवैध खनन और बजरी का परिवहन चलता है.
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वहीं अन्य जिलों से अवैध तरीके से परिवहन का कजरी का अलवर जिले में बेरोकटोक बेचान जारी है. सरकार ने बजरी की अवैध खनन में परिवहन पर रोक के सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन लंबे समय से संयुक्त कार्रवाई नहीं हो पाने के आदेश बेअसर साबित हो रहे हैं. एसआईटी गठन की कवायद भी व्यर्थ साबित हुई है.जिला कलेक्टर ने बजरी के अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी के गठन के समय खासी उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन संयुक्त कार्रवाई नहीं होने के कारण खनन माफिया खुलेआम बजरी का कारोबार करने में लगे हुए हैं.
जिन विभागों को एसआईटी में शामिल किया गया है. उन सभी विभागों की प्राथमिकताएं अलग-अलग हैं.अपनी अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर कार्यों का निर्धारण करने के चक्कर में आज तक एक भी कार्रवाई नहीं हुई है. अलवर में प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक ट्रैक्टर बजरी के आते हैं. वहीं रोक के बाद सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों को पहुंचा है. 1 हजार का सामान अब आम लोगों को 10 हजार रुपए में मिलने लगा है.