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बजरी पर रोक के लिए हुआ था एसआईटी का गठन, नहीं हुई एक भी कार्रवाई - Alwar gravel news

अलवर सहित प्रदेश के सभी जिलों में बजरी के अवैध खनन और परिवहन पर रोक लगाने के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया था, लेकिन जिले में अब तक एसआईटी ने एक भी कार्रवाई नहीं की है, जबकि एसआईटी के गठन को 1 साल का समय हो चुका है.

अलवर बजरी अवैध खनन,  Alwar gravel news
एसआईटी ने नहीं की एक भी कार्रवाई
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Published : Dec 15, 2019, 3:52 AM IST

Updated : Dec 15, 2019, 5:05 AM IST

अलवर. जिले में सरकार के निर्देश पर जिला कलेक्टर ने खनन विभाग, वन विभाग, परिवहन, प्रशासन, राजस्व व पुलिस अधिकारियों की एक टीम बनाकर एसआईटी का गठन किया था. लेकिन इन विभागों में समन्वय नहीं होने के कारण अब तक एसआईटी ने कोई कार्रवाई नहीं की है. बजरी के अवैध खनन परिवहन माफिया से खनिज विभाग की टीम जूझती रहती है, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं होने के कारण अलवर जिले में खुलेआम अवैध खनन और बजरी का परिवहन चलता है.

एसआईटी ने नहीं की एक भी कार्रवाई

पढ़ेंः स्पेशल स्टोरी: अलवर का ये सरकारी स्कूल बना मिसाल...निजी स्कूलों को भी देता है मात

वहीं अन्य जिलों से अवैध तरीके से परिवहन का कजरी का अलवर जिले में बेरोकटोक बेचान जारी है. सरकार ने बजरी की अवैध खनन में परिवहन पर रोक के सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन लंबे समय से संयुक्त कार्रवाई नहीं हो पाने के आदेश बेअसर साबित हो रहे हैं. एसआईटी गठन की कवायद भी व्यर्थ साबित हुई है.जिला कलेक्टर ने बजरी के अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी के गठन के समय खासी उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन संयुक्त कार्रवाई नहीं होने के कारण खनन माफिया खुलेआम बजरी का कारोबार करने में लगे हुए हैं.

जिन विभागों को एसआईटी में शामिल किया गया है. उन सभी विभागों की प्राथमिकताएं अलग-अलग हैं.अपनी अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर कार्यों का निर्धारण करने के चक्कर में आज तक एक भी कार्रवाई नहीं हुई है. अलवर में प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक ट्रैक्टर बजरी के आते हैं. वहीं रोक के बाद सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों को पहुंचा है. 1 हजार का सामान अब आम लोगों को 10 हजार रुपए में मिलने लगा है.

अलवर. जिले में सरकार के निर्देश पर जिला कलेक्टर ने खनन विभाग, वन विभाग, परिवहन, प्रशासन, राजस्व व पुलिस अधिकारियों की एक टीम बनाकर एसआईटी का गठन किया था. लेकिन इन विभागों में समन्वय नहीं होने के कारण अब तक एसआईटी ने कोई कार्रवाई नहीं की है. बजरी के अवैध खनन परिवहन माफिया से खनिज विभाग की टीम जूझती रहती है, लेकिन प्रभावी कार्रवाई नहीं होने के कारण अलवर जिले में खुलेआम अवैध खनन और बजरी का परिवहन चलता है.

एसआईटी ने नहीं की एक भी कार्रवाई

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वहीं अन्य जिलों से अवैध तरीके से परिवहन का कजरी का अलवर जिले में बेरोकटोक बेचान जारी है. सरकार ने बजरी की अवैध खनन में परिवहन पर रोक के सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे, लेकिन लंबे समय से संयुक्त कार्रवाई नहीं हो पाने के आदेश बेअसर साबित हो रहे हैं. एसआईटी गठन की कवायद भी व्यर्थ साबित हुई है.जिला कलेक्टर ने बजरी के अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी के गठन के समय खासी उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन संयुक्त कार्रवाई नहीं होने के कारण खनन माफिया खुलेआम बजरी का कारोबार करने में लगे हुए हैं.

जिन विभागों को एसआईटी में शामिल किया गया है. उन सभी विभागों की प्राथमिकताएं अलग-अलग हैं.अपनी अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर कार्यों का निर्धारण करने के चक्कर में आज तक एक भी कार्रवाई नहीं हुई है. अलवर में प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक ट्रैक्टर बजरी के आते हैं. वहीं रोक के बाद सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों को पहुंचा है. 1 हजार का सामान अब आम लोगों को 10 हजार रुपए में मिलने लगा है.

Intro:अलवर
अलवर सहित प्रदेश के सभी जिलों में बजरी के अवैध खनन व परिवहन पर रोक के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। लेकिन अलवर जिले में अब तक एसआईटी ने एक भी कार्रवाई नहीं की है। जबकि एसआईटी के गठन को 1 साल का समय हो चुका है।


Body:अलवर जिले में सरकार के निर्देश पर जिला कलेक्टर ने खनन विभाग, वन विभाग, परिवहन, प्रशासन, राजस्व व पुलिस अधिकारियों की एक टीम बनाकर एसआईटी का गठन किया था। लेकिन इन विभागों में समन्वय नहीं होने के कारण अब तक एसआईटी ने कोई कार्रवाई नहीं की है। बजरी के अवैध खनन परिवहन माफिया से खनिज विभाग की टीम जूझती रहती है। लेकिन प्रभावी कार्यवाही नहीं होने के कारण अलवर जिले में खुलेआम अवैध खनन व बजरी का परिवहन चलता है। अन्य जिलों से अवैध तरीके से परिवहन का कजरी का अलवर जिले में बेरोकटोक बेचान जारी है। सरकार ने बजरी की अवैध खनन में परिवहन पर रोक के सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए थे। लेकिन लंबे समय से संयुक्त कार्रवाई नहीं हो पाने के आदेश बेअसर साबित हो रहे हैं एसआईटी गठन की कवायद भी व्यर्थ साबित हुई है। जिला कलेक्टर ने बजरी के अवैध खनन और परिवहन के खिलाफ कार्रवाई के लिए एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी के गठन के समय खासी उम्मीद जताई जा रही थी। लेकिन संयुक्त कार्रवाई नहीं होने के कारण खनन माफिया खुलेआम बजरी का कारोबार करने में लगे हुए हैं।


Conclusion:जिन विभागों को एसआईटी में शामिल किया गया है। उन सभी विभागों की प्राथमिकताएं अलग-अलग हैं। अपनी अपनी प्राथमिकताओं के आधार पर कार्यों का निर्धारण करने के चक्कर में आज तक एक भी कार्रवाई नहीं हुई है। अलवर में प्रतिदिन सैकड़ों ट्रक ट्रैक्टर बजरी के आते हैं व रोक के बाद सबसे ज्यादा नुकसान आम लोगों को पहुंचा है। 1000 का सामान अब आम लोगों को 10 हजार रुपए में मिलने लगा है।



बाइट-केसी गोयल, खनन विभाग अधिकारी
Last Updated : Dec 15, 2019, 5:05 AM IST
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