अलवर. 886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला अलवर का सरिस्का, विश्व में अपनी अलग पहचान रखता है. देश-विदेश से पर्यटक घूमने के लिए सरिस्का आते हैं. सरिस्का में बाघ, बाघिन और उनके बच्चे हैं. इसके अलावा हजारों जातियों के वन्यजीव सरिस्का क्षेत्र में मौजूद हैं.
विशेषज्ञों की मानें तो बाघ और वन्यजीवों के लिए सरिस्का बड़ा ही उपयुक्त क्षेत्र है. प्रतिदिन यहां सैकड़ों की संख्या में पर्यटक घूमने के लिए आते हैं, लेकिन कोरोना के चलते सरिस्का को पूरी तरह बंद कर दिया था. हालांकि, 8 जून से सरिस्का को फिर से आम लोगों के लिए खोल दिया गया है, लेकिन संक्रमण के डर से लोग सरिस्का घूमने के लिए नहीं पहुंच रहे हैं. सरिस्का के आंकड़ों पर नजर डालें तो बीते सप्ताह केवल 5 से 6 गाड़ियां पर्यटकों को लेकर सरिस्का में गईं.
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एक गाड़ी में केवल तीन लोगों को भेजा जा रहा है, क्योंकि कंटेनर में 10 लोगों को जाने की अनुमति है. सरिस्का प्रशासन ने कहा कि पर्यटकों को घुमाने के लिए जाने वाली गाड़ियों को पहले सेनेटाइज किया जाता है. उसके अलावा वाहन की क्षमता के हिसाब से केवल आधे यात्री उसमें बैठाए जा रहे हैं. ड्राइवर और गार्ड सभी को कोरोना वायरस की जानकारी देते हुए सावधानी बरतने के लिए जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से निर्धारित गाइडलाइन के आधार पर काम किया जा रहा है.
बस, ट्रेन और हवाई सेवाएं हैं निर्धारित...
हालांकि, पूरे देश में लॉकडाउन खोल दिया गया है, लेकिन अभी निर्धारित रूटों पर बस और ट्रेनों को चलाया गया है. वहीं, फ्लाइट सेवा भी कुछ रूटों पर शुरू हुई है. ऐसे में लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है. इसलिए लोग घूमने के लिए नहीं निकल पा रहे हैं. दूसरी तरफ लोग अपनी संक्रमण से डरे हुए हैं.