अलवर. अलवर में रोडवेज कर्मचारियों के हालात दिनोंदिन खराब हो रही है. एक तरफ सेवानिवृत्त होने के बाद कर्मचारियों को एकमुश्त मिलने वाला पैसा और पेंशन नहीं मिल रही है, तो दूसरी तरफ अब कर्मचारियों को हर माह मिलने वाला वेतन भी देरी से मिलने लगा है. मई माह का वेतन नहीं मिलने के विरोध में गुरुवार को रोडवेज कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. रोडवेज डिपो परिसर में कर्मचारियों ने विरोध स्वरूप रैली निकाली और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज करवाया.
बसों की हालत खराब
अलवर केंद्रीय कारागार से दो रोडवेज के डिपो संचालित होते हैं. इसमें अलवर आगार और मत्स्य आगार शामिल है. दोनों डिपो की करीब 300 बसे राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश के कई शहरों तक संचालित होती है. लेकिन रोडवेज के हालात दिनोंदिन खराब हो रहे हैं. लंबे समय से रोडवेज ने नई बसें नहीं खरीदी है. खराब होने वाली बसों के रखरखाव की भी बेहतर व्यवस्था नहीं है. बसों के हालात खराब हैं. बसों की सीट फटी हुई है और गेट टूटे हुए हैं. यात्रियों को सफर करने में भी खासी दिक्कत होती है.
रोडवेज के कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आए दिन प्रदर्शन करते हैं. लंबे समय से रोडवेज कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोतरी नहीं हुई. सेवानिवृत्ति के बाद रोडवेज कर्मचारियों को मिलने वाली एकमुश्त राशि भी नहीं मिल रही है. साथ ही पेंशन भी लंबे समय से बंद पड़ी हुई है. इसके बाद अब हर माह कर्मचारियों को मिलने वाला वेतन भी समय पर नहीं मिल रहा है, जिसके चलते कर्मचारी परेशान है.
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कर्मचारियों ने गुरुवार को अलवर के केंद्रीय बस अड्डे पर विरोध प्रदर्शन किया. कर्मचारियों का कहना है कि मई माह का वेतन अब तक नहीं मिला है. महामारी में आमजन को वैसे ही मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं, ऊपर से वेतन नहीं मिलने से समस्या और ज्यादा बढ़ गई है.
महंगाई की मार के चलते बिना वेतन के जीवन चलाने में खासी दिक्कत हो रही है. घर का राशन बच्चों के स्कूल की फीस बिजली का बिल सहित कई ऐसे खर्चे हैं जो हर माह प्रत्येक व्यक्ति को देने पड़ते हैं. अब जून महीना भी पूरा बीतने वाला है. जबकि मई का वेतन नहीं मिला है. कर्मचारियों ने सरकार से मांग है कि जल्द ही मई का वेतन दिया जाए. इसके बाद जून महीने का भी समय पर वेतन मिले, जिससे कर्मचारियों को घर चलाने में दिक्कत ना हो. इनके अलावा रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन तक नहीं मिल रही है. बुजुर्ग कर्मचारी पेंशन के लिए आए दिन रोडवेज के कार्यालय में चक्कर लगाते हैं, लेकिन उसके बाद भी उनकी समस्या की सुनवाई नहीं हो रही है.