अलवर. जिले के भिवाड़ी के चोपानकी थाना क्षेत्र के झिवाणा गांव के निवासी हरीश जाटव गुरुवार को अपनी बाइक से घर लौट रहा था. रास्ते में फलसा गांव के समीप उसकी बाइक एक महिला से जा टकराई. जिसके बाद बाइक सवार हरीश जाटव लहूलुहान अवस्था में मिला. जिसके बाद उसे उपचार के लिए पहले सामुदायिक चिकित्सालय भिवाड़ी में ले जाया गया. जहां उसकी हालत गंभीर होने पर उसे दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में रेफर किया गया.
बता दें कि गुरुवार रात को दिल्ली में हरिश की इलाज के दौरान मौत हो गई. गुस्साए परिजनों ने आक्रोश जताते हुए आरोप लगाया है कि हरीश की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या की है. गुस्साए परिजनों ने हरीश शव लेने से इंकार कर दिया. लेकिन पुलिस प्रशासन की समझाइश पर परिजन मान गए. जिसके बाद मृतक हरीश का शुक्रवार को अंतिम संस्कार कर दिया गया. वहीं पुलिस का कहना है कि मामले की हर एंगल से जांच की जाएगी और जो भी आरोपी होगा उसे बख्शा नहीं जाएगा.
बता दें कि हरीश की घरेलू और आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. हरीश अपने पीछे 4 बेटियां, पत्नी और एक अंधे पिता को छोड़कर गया है. अंधे पिता के कंधे पर अब चार पोतियों के लालन-पालन की जिम्मेदारी भी आन पड़ी है. वहीं ग्रामीणों ने पुलिस उपाधीक्षक के समक्ष सरकारी मदद के लिए भी गुहार लगाई है. ऐसे में देखना होगा कि आखिर पुलिस की जांच किस ओर जाती है.
अभी यह पूरी तरह से संदेह के घेरे में है कि आखिर हरीश लहूलुहान स्थिति में कैसे पहुंचा. उधर परिजनों का कहना है कि अगर किसी हादसे का शिकार हुआ होता तो उसके शरीर पर वह चोटें पाई जाती ,जो हादसे के दौरान आती हैं. लेकिन हरिश के शरीर पर जो चोटे पाई गई हैं वह सभी मारपीट के दौरान की हैं.