अलवर/सवाईमाधोपुर. लंबे समय के लॉकडाउन के बाद अब एक बार फिर से सरिस्का बंद होने जा रहा है. मानसून सीजन में 1 जुलाई से 30 सितंबर तक सरिस्का को बंद रखा जाएगा. केवल पर्यटकों के लिए एक रूट खुला रहेगा. ऐसे में जंगल का आनंद लेने वाले लोग 2 महीने तक सरिस्का नहीं आ सकेंगे.
886 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला सरिस्का नेशनल पार्क देश-विदेश में अपनी विशेष पहचान रखता है. सरिस्का में बाघ, हिरण, बारहसिंघा, पैंथर और भालू सहित हजारों वन्य जीव है. जिन को देखने के लिए हर महीने हजारों की संख्या में देशी-विदेशी पर्यटक अलवर आते हैं. वन्य विशेषज्ञों की मानें तो बाघ के लिए सरिस्का उपयुक्त स्थान है. हाल ही में कोरोना संक्रमण के चलते सरिस्का करीब 3 महीने तक बंद रहा.
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इस दौरान सरिस्का में बाघों का कुनबा बढ़ा और तीन शावक नजर आए. विशेष गाइडलाइन के साथ सरकार ने सरिस्का को खोला, लेकिन पर्यटक संक्रमण के डर से सरिस्का नहीं आ पाए. बीते सालों की तुलना में पर्यटकों की संख्या काफी कम रही. लेकिन जब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे थे कि उससे पहले मानसून सीजन के चलते सरिस्का को फिर से बंद करने की तैयारी चल रही है.
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बता दें कि 1 जून से 30 सितंबर तक सरिस्का पर्यटकों के लिए बंद रहेगा. हालांकि सरिस्का प्रशासन की तरफ से पर्यटकों के लिए एक रूट खोला गया है. सारिस्का गेट से कालीघाटी होता हुआ पांडुपोल मंदिर तक जाने वाला मुख्य मार्ग पर पर्यटक घूम सकेंगे. हालांकि सरिस्का बंद होने से सरिस्का प्रशासन और सरिस्का से जुड़े हुए लोगों को खासा नुकसान पहुंचेगा.
3 महीने के लिए बंद रणथंभौर पार्क...
सवाईमाधोपुर में रणथंभौर मंगलवार शाम से बंद हो जाएगा. अगले 3 महीने तक इन्हें मॉनसून पीरियड के दौरान बंद रखा जाएगा. वन विभाग ने इसके लिए आदेश जारी कर दिए हैं. अब 1 अक्टूबर से ही ये दोनों टाइगर पार्क पर्यटकों की सफारी के लिए खोले जाएंगे. चूंकि यह मॉनसून पीरियड बाघों और अन्य जंगली जानवरों के प्रजनन काल का समय रहता है. इस दौरान उनके प्रजनन में किसी तरह का व्यवधान उत्पन्न नहीं हो, इसके लिए इन पार्कों को हर साल मॉनसून पीरियड में बंद ही रखा जाता है.