अलवर. एनसीआर में तेजी से बढ़ते प्रदूषण के स्तर को देखते हुए एनजीटी और केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (Central Pollution Control Board) ने ईंट भट्टे, क्रेशर और प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाई को बंद करने के आदेश (Ban on Polluting Industrial Units In Delhi NCR) दिए हैं. दिल्ली NCR में राजस्थान का अलवर जिला भी शामिल है. ऐसे में NCR के सभी आदेश अलवर पर भी लागू होते हैं. ऐसे में नए साल पर अलवर में प्रदूषण विभाग का एक्शन देखने को मिला है.
इन इकाईयों पर हुई कार्रवाई : दिल्ली NCR में तेजी से बढ़ते प्रदूषण के चलते अलवर में ईंट भट्टे, क्रेशर और अन्य प्रदूषण फैलाने वाली इकाइयों पर कड़ी कार्रवाई की गई. साथ ही प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को कुछ दिन के लिए सील कर दिया गया. प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने बिना अनुमति के चलने वाले 3 ललावंडी क्षेत्र और 1 विजय मंदिर क्षेत्र काे क्रेशर को सील किया है. अलवर जिले में करीब 50 के आसपास क्रेशर चल रहे हैं. साथ ही 150 डीजल के बड़े जनरेटर भी सील किए गए हैं. आनंद सागर और किरण ब्रिक्स नाम के 2 ईट भट्टों पर भी सख्त कार्रवाई के कदम उठाए गए हैं.
जुर्माना और नोटिस जारी
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय प्रबंधक शरद सक्सेना ने बताया कि सरकार की गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे. 11 औद्योगिक इकाइयों को भी कुछ दिनों के लिए बंद कराया गया. केंद्रीय प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (Central Pollution Control Board) की तरफ से इन पर जुर्माना लगाया गया है. उसके बाद इनको खोल दिया गया है. इसके अलावा 6 औद्योगिक इकाइयों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए स्थाई तौर पर बंद करने की कार्रवाई की गई. इसमें 2 बहरोड़ नीमराना की औद्योगिक इकाई हैं. जबकि 4 अलवर की है. उन्होंने कहा कि अलवर क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर को कम रखने के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदूषण फैलाने वाली औद्योगिक इकाइयों को सावधान करते हुए उनको नोटिस दिए जा रहे हैं.