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अलवरः मुंडावर के मंदिर में दो महीने से बंद हैं दर्जनों अस्थियां, विधायक ने किए हरिद्वार में विसर्जन के इंतजाम

अलवर के मुंडावर में कई लोग अपने परिजनों की मृत्यु के बाद उनकी अस्थियों की विसर्जन नहीं कर पाए हैं. लॉकडाउन की वजह से राजस्थान और उत्तर-प्रदेश के बार्डर पूरी तरह सील हैं. लेकिन, विधायक मंजीत चौधरी का कहना है कि सभी मृतकों की अस्थियों के हरिद्वार में विसर्जन के लिए गाड़ी सहित अन्य जरूरी सुविधाएं हुए दी जाएंगी.

अस्थियों का विसर्जन, imersion of bones
मंदिर में दो महीने से बंद हैं दर्जनों अस्थियां
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Published : May 20, 2020, 2:59 PM IST

मुंडावर (अलवर). लॉकडाउन का असर दिवंगत लोगों की अस्थियों पर भी पड़ता दिख रहा है. कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित विभिन्न मंदिर परिसर और मोक्षधाम में लॉकडाउन की वजह से दर्जनों अस्थियां रखी हुई हैं.

मंदिर में दो महीने से बंद हैं दर्जनों अस्थियां

बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण 24 मार्च की रात 12 बजे से लॉकडाउन लगाया गया था, जो चौथी बार बढ़ाया जा चुका है. लॉकडाउन के कारण राजस्थान और उत्तर-प्रदेश के बार्डर पूरी तरह सील हैं. ऐसे में लाख कोशिशों के बावजूद भी परिजन अस्थियों का विसर्जन करने उत्तर-प्रदेश, प्रयागराज और हरिद्वार तक नहीं जा पा रहे हैं. क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों के पुजारियों ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान क्षेत्र में मृतक लोगों के परिजनों ने मंदिर परिसर में मृतकों की अस्थियां रखी हैं.

पढ़ेंः लॉकडाउन 4.0ः बेरोजगार मजदूर दो जून की रोटी के लिए बेच रही सब्जी

पंडित सत्यनारायण जोशी पेहल का कहना है कि ऐसी मान्यता है कि मृतक की आत्मा को मोक्ष दिलाने के लिए उसकी अस्थियों का विर्सजन किया जाता है. ऐसे में परिजनों को अस्थियों के विर्सजन को लेकर लॉकडाउन के हटने तक इंतजार करना पड़ेगा. लेकिन, विधायक मंजीत चौधरी का कहना है कि सभी मृतकों की अस्थियों के हरिद्वार में विसर्जन के लिए गाड़ी सहित अन्य व्यवस्था की जाएंगी. उन्होंने कहा कि ये सारी सुविधाएं गाइडलाइन की पालना करते हुए दी जाएंगी.

मुंडावर (अलवर). लॉकडाउन का असर दिवंगत लोगों की अस्थियों पर भी पड़ता दिख रहा है. कस्बे सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित विभिन्न मंदिर परिसर और मोक्षधाम में लॉकडाउन की वजह से दर्जनों अस्थियां रखी हुई हैं.

मंदिर में दो महीने से बंद हैं दर्जनों अस्थियां

बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना के कारण 24 मार्च की रात 12 बजे से लॉकडाउन लगाया गया था, जो चौथी बार बढ़ाया जा चुका है. लॉकडाउन के कारण राजस्थान और उत्तर-प्रदेश के बार्डर पूरी तरह सील हैं. ऐसे में लाख कोशिशों के बावजूद भी परिजन अस्थियों का विसर्जन करने उत्तर-प्रदेश, प्रयागराज और हरिद्वार तक नहीं जा पा रहे हैं. क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों के पुजारियों ने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान क्षेत्र में मृतक लोगों के परिजनों ने मंदिर परिसर में मृतकों की अस्थियां रखी हैं.

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पंडित सत्यनारायण जोशी पेहल का कहना है कि ऐसी मान्यता है कि मृतक की आत्मा को मोक्ष दिलाने के लिए उसकी अस्थियों का विर्सजन किया जाता है. ऐसे में परिजनों को अस्थियों के विर्सजन को लेकर लॉकडाउन के हटने तक इंतजार करना पड़ेगा. लेकिन, विधायक मंजीत चौधरी का कहना है कि सभी मृतकों की अस्थियों के हरिद्वार में विसर्जन के लिए गाड़ी सहित अन्य व्यवस्था की जाएंगी. उन्होंने कहा कि ये सारी सुविधाएं गाइडलाइन की पालना करते हुए दी जाएंगी.

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