अलवर. साल 2019 ने अलवर को क्राइम के लिए देशभर में बदनाम किया. वहीं दूसरी तरफ इस साल में अलवर को विश्व मानचित्र पर विशेष पहचान मिली. पायल जांगिड़ और इमरान खान ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परचम लहराया. थानागाजी के छोटे से गांव हींसर की रहने वाली पायल को यूनेस्को में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ सम्मानित किया. वहीं इमरान खान को देश का प्रतिष्ठित जमनालाल बजाज अवार्ड दिया गया. इसके अलावा भी इस साल में कई उपलब्धियां अलवर के नाम रहीं.
26 सितंबर 2019 को अलवर के थानागाजी के हींसर की बेटी पायल जांगिड़ को संयुक्त राष्ट्र उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने गोलकीपर्स अवॉर्ड्स के चेंजमेकर अवार्ड से सम्मानित किया. पायल को यह पुरस्कार बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरुक करने के लिए दिया गया.
पायल ने खुद का बाल विवाह रोकने के साथ अपनी बहन और गांव में कई बच्चों का बाल विवाह रुकवाया. यह पुरस्कार प्राप्त करने वाली पायल भारत की पहली बेटी है. इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलवर का नाम रोशन हुआ और अलवर को विशेष पहचान मिली.
वहीं 2 दिसंबर को एप गुरु इमरान खान को जमनालाल अवार्ड से सम्मानित किया गया. अलवर के इमरान खान को मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम समारोह में यह अवार्ड दिया गया. मुंबई के ओपेरा हाउस में आयोजित इस कार्यक्रम में इमरान के अलावा देश-विदेश की अन्य विभूतियों को भी सम्मानित किया गया.
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बता दें कि इमरान को यह पुरस्कार मुख्य अतिथि सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने दिया. इस अवसर पर अतिरिक्त वैज्ञानिक आरए माशेलकर तथा बजाज ग्रुप के चेयरमैन राहुल बजाज भी उपस्थित रहे. इमरान को ट्रॉफी प्रमाण पत्र के अलावा 15 लाख रुपए का चेक भी दिया गया. इससे पहले भी इमरान राष्ट्रीय स्तर पर कई अवार्ड प्राप्त कर चुके हैं. इसके अलावा भी अलवर प्रदेश देश व विदेश में छाया रहा.
अलवर की बेटी बनी राजस्थान हॉकी टीम की कप्तान...
इसी तरह से अलवर की अंजल लोहार राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता में राजस्थान टीम की कप्तान चुनी गई. अंजलि ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद मेहनत कर राज्य की टीम में जगह बनाई. वही उसकी काबिलियत को देखते हुए 10 से 14 जनवरी को हरियाणा के हिसार में होने वाली 64वें राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता में अंजलि को राजस्थान टीम की कमान दी गई है.
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परीक्षा परिणाम में भी नाम...
इसके अलावा अलवर का नाम केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी 12वीं कॉमर्स के परीक्षा परिणाम में भी नजर आया. अलवर की दिशा गुप्ता ने प्रदेश में पहला और देश में तीसरा स्थान प्राप्त किया. दिशा ने 12वीं कॉमर्स में 500 में से 497 अंक प्राप्त करके तीसरा स्थान प्राप्त किया. वह अलवर के सैंट एंसेल्म स्कूल की विद्यार्थी थी.
महिला पंच ने रोका मृत्यु भोज...
बेलका गांव की महिला पंच बबीता ने विशेष पहल करते हुए लोगों को जबरन मृत्यु भोज नहीं करने के लिए प्रेरित किया. बबीता के ससुर का 2005 में देहांत हुआ था. उनकी मृत्यु भोज में एक लाख का खर्च आया. उन्होंने गरीबी के चलते ब्याज पर पैसे लेकर मृत्यु भोज किया. इसके बाद बबीता नहीं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी और मृत्यु को समाप्त करने की पहल की. धीरे-धीरे बेलाका और आसपास के लोग बबीता की बात समझने लगी और प्रीतिभोज करना बंद किया. महिला पंच की इस पहल से उनको विशेष पहचान मिली.
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अलवर की प्याज पूरे देश में छाई...
इसके अलावा इस साल अलवर की प्याज पूरे देश में छाई रहीं. दरअसल जहां पूरा देश जिस प्याज की कीमतों से रो रहा था, वहीं प्याज अलवर के किसानों के लिए खुशहाली लेकर आई. अलवर में प्याज की सबसे अधिक पैदावार होती है. ऐसे में हर साल किसानों को प्याज में खासा घाटा उठाना पड़ता है. लेकिन पहली बार अलवर की प्याज सोने के भाव बिकी. लगातार प्याज के मिल रहे बेहतर दामों से अलवर के किसान मालामाल हुए.
अलवर को 2019 में मिले ये सौगात...
इसके अलावा अलवर में मेडिकल कॉलेज के लिए बजट स्वीकृति किया गया. चंबल पेयजल योजना के लिए बजट स्वीकृति हुआ. इसी साल अलवर को प्रदेश सरकार की तरफ से 4 नए कॉलेज दिए गए. तो वहीं संघ प्रमुख मोहन भागवत सितंबर माह में अलवर पहुंचे. इसके अलावा भी इस साल अलवर को कई उपलब्धियां मिली, जिन पर साल भर लोगों की नजर टिकी रही. इन उपलब्धियों के कारण अलवर का नाम देश विदेश में छाया रहा.