अलवर. पंचायत चुनाव कांग्रेस और भाजपा पार्टी के लिए चुनौती बन चुका हैं. ऐसे में कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां अपना-अपना बोर्ड बनाने का दावा कर रही हैं. लेकिन वहीं पंचायत चुनाव में टिकट वितरण से नाराज भाजपा और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किए है. दोनों ही पार्टियों के नेता बागियों को मनाने में लगे हुए हैं.
दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं कि ओर से कार्यकर्ताओं से समझाइश की गई. इसके बाद कई निर्दलीय प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र वापस ले लिया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और अलवर चुनाव प्रभारी मदन दिलावर ने बताया कि जिला परिषद के वार्ड नंबर 31 से पार्टी ने आजाद सिंह नरुका को टिकट दिया था. जबकि भाजपा के एक अन्य कार्यकर्ता दिगंबर सिंह ने उसी वार्ड से निर्दलीय आवेदन किया था. पार्टी के नेताओं की समझाइश के बाद सोमवार को दिगंबर सिंह ने अपना नाम वापस ले लिया है. इसी तरह से वार्ड नंबर 14 से भाजपा ने खामोश नाम की महिला को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है. इसी वार्ड से भाजपा की कार्यकर्ता सविता ने भी अपना नामांकन पत्र भरा था. लेकिन सोमवार को नाम वापसी की प्रक्रिया के दौरान सविता ने भी अपना नामांकन पत्र वापस ले लिया है.
पढ़ें. पंचायत चुनाव : अलवर में कांग्रेस प्रत्याशी जगदीश जाटव निर्विरोध पार्षद मनोनीत
पार्टी के वरिष्ठ नेता मदन दिलावर ने बताया कि टिकट वितरण के दौरान कुछ कार्यकर्ताओं ने आवेश में आकर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था. लेकिन पार्टी नेताओं से बातचीत करने के बाद पार्टी से नाराज होकर आवेदन करने वाले सभी लोगों ने अपने नामांकन पत्र वापस ले लिए हैं. केवल जिन लोगों को पार्टी ने सिंबल दिए हैं. वह लोग ही चुनाव मैदान में हैं. भाजपा की तरफ से सभी कार्यकर्ताओं और नेताओं को साथ लेकर चुनाव लड़ने का प्रयास किया जा रहा है. अलवर में भाजपा का जिला प्रमुख बने इसके हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. बागी कार्यकर्ताओं ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी के नेताओं को परेशानी में डाल दिया है. अभी भी दोनों पार्टियों के नेता अपने बागी कार्यकर्ताओं को मनाने में लगे हुए हैं.