अलवर. राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ की ओर से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को जिला कलेक्टर नन्नूमल पहाड़िया को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नाम ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन में शिक्षा मंत्री के बयान की निंदा एवं पंचायत सहायकों के नियमितीकरण की मांग रखी गई.
शिक्षा मंत्री की बयान की निंदा
राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ के जिलाध्यक्ष रामअवतार ठेकला ने बताया कि शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की ओर से प्रदेश के 27 हजार विद्यार्थी मित्र और ग्राम पंचायत सहायकों के खिलाफ दिये गए विवादित बयान की हम घोर निंदा करते हैं. गौरतलब है कि शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा ने एक बयान में ग्राम पंचायत सहायकों को आरएसएस का कार्यकर्ता बताया था. जिलाध्यक्ष ने बताया की संघ के आह्वान पर राजस्थान के 33 जिलों के जिला कलेक्टर कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन कर अपनी मांगों को रखी गई.
कोरोना महामारी ने 18 ग्राम पंचायत सहायक की ली जान
उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की दोनों लहरों में हमने फ्रंटलाइन कोरोना वॉरियर्स के रूप में कार्य किया. इस दौरान करीब 18 ग्राम पंचायत सहायक ड्यूटी देते समय इस वैश्विक महामारी में अपनी जिंदगी खो चुके हैं. बावजूद इसके ना तो क्षतिपूर्ति के रूप में राज्य सरकार की ओर से कोई राशि दी गई और ना ही लंबे समय से नियमितीकरण के वादे को पूरा किया गया. प्रदेश के विद्यार्थी मित्र और ग्राम पंचायत सहायक के साथ कई अन्य विभागों में मात्र 6 हजार रुपए मासिक मानदेय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
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प्रदेश की राज्य सरकार ने वर्तमान सत्ता सुख भोगने से पहले अपने जन घोषणा पत्र में पंचायत सहायकों को नियमित करने का वादा किया था. जो वर्तमान सत्ता के सुख भोगने में मानो भूल गए हैं. यदि सरकार ग्राम पंचायत सहायकों की नियमितीकरण के फैसले और शिक्षा मंत्री की ओर से दिए गए बयान को वापस नहीं लिया गया तो जयपुर में एक महाआंदोलन होगा. जिसमें राजस्थान के 27 हजार ग्राम पंचायत सहायक मजबूर होकर एआईसीसी दिल्ली की ओर कूच कर अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन करेंगे.