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अलवर : Third Wave से निपटने की तैयारी...अलवर में शिशु अस्पताल में 70 बेड पर रहेगी ऑक्सीजन सुविधा

संभावित तीसरी लहर में बच्चों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तैयारी शुरू कर दी गई है. शिशु अस्पताल में 70 बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा रहेगी. उसके लिए ऑक्सीजन लाइन डालने का काम जल्द शुरू हो जाएगा. इसके अलावा आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा भी रहेगी.

Preparations for the third wave in Alwar
Third Wave से निपटने की तैयारी
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Published : May 25, 2021, 10:08 PM IST

अलवर. जिले में 10 दिन के दौरान 323 बच्चे संक्रमित हुए. जिले के राजकीय शिशु अस्पताल में सिर्फ 28 दिन तक के बच्चाें काे भर्ती करने के लिए 20 रेडियंट वार्मर का न्यूबाेर्न केयर यूनिट एसएनसीयू है. लेकिन 28 दिन से 12 साल तक के बच्चाें के लिए पीआईसीयू नहीं है.

Third Wave से निपटने की तैयारी

जिले के निजी अस्पतालों में भी सीमित संसाधन है. निजी अस्पताल की बात करें ताे जिला मुख्यालय पर 3 या 4 निजी अस्पतालाें में 25 बैड के पीआईसीयू की व्यवस्था है और करीब 10 वेंटीलेटर हैं. जिले की कुल करीब 42 लाख की आबादी में से 18 साल तक के बच्चाें और युवाओ की संख्या करीब 16 लाख है. 12 साल तक के बच्चाें के इलाज के लिए जिले में सरकारी और प्राइवेट स्तर पर 47 ही शिशुराेग विशेषज्ञ हैं.

अलवर के शिशु अस्पताल में 11 व सीएचसी स्तर पर 16 शिशुराेग विशेषज्ञ हैं. यानी 21 पदाें के विरुद्ध 27 डाॅक्टर लगे हुए हैं. तीसरी लहर के दौरान बच्चों को परेशानी हो सकती है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बच्चों के इलाज के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है. अलवर के शिशु अस्पताल में 70 बेड की व्यवस्था की गई है. प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा रहेगी. इसके लिए ऑक्सीजन की लाइन डालने का काम जल्द शुरू हो जाएगा. इसके अलावा 20 बेड का आईसीयू बनाया जाएगा. इसमें 5 वेंटिलेटर की सुविधा रहेगी. आवश्यकता पड़ने पर वेंटीलेटर की संख्या बढ़ाई जा सकेगी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही ऑक्सीजन लाइन डालने का काम शुरू हो जाएगा. इसके अलावा इलाज में काम आने वाली जरूरी दवाओं की डिमांड स्वास्थ विभाग के मुख्यालय भेज दी गई है. जल्द ही दवाई इंजेक्शन पहने जरूरी सामान अलवर पहुंच जाएंगे.

पढ़ें- Special: कोरोना की दूसरी लहर ने बिगाड़ा टूर एंड ट्रेवल्स उद्योग का गणित

शिशु अस्पताल में है 10 डॉक्टर

प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील चौहान ने कहा कि शिशु अस्पताल में इस समय 10 डॉक्टर कार्यरत हैं. किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टरों ने अपनी योजना बना ली है. जरूरत पड़ने पर जिले के अन्य हिस्सों से भी डॉक्टरों को अलवर में लगा दिया जाएगा. अब तक शिशु अस्पताल में 7 बच्चे कोरोना संक्रमण से संबंधित भर्ती हुए. सभी बच्चों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है. सभी बच्चे पूरी तरीके से स्वस्थ हैं.

दवाई की भेजी गई सूचना

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बच्चों के इलाज में काम आने वाली दवा इंजेक्शन जरूरी उपकरण जल्द ही अलवर पहुंच जाएंगी. इलाज में काम आने वाले जरूरी दबाव इंजेक्शन की सूचना स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय भेज दी गई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा के अलवर जिले में बच्चों के इलाज की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है.

अलवर. जिले में 10 दिन के दौरान 323 बच्चे संक्रमित हुए. जिले के राजकीय शिशु अस्पताल में सिर्फ 28 दिन तक के बच्चाें काे भर्ती करने के लिए 20 रेडियंट वार्मर का न्यूबाेर्न केयर यूनिट एसएनसीयू है. लेकिन 28 दिन से 12 साल तक के बच्चाें के लिए पीआईसीयू नहीं है.

Third Wave से निपटने की तैयारी

जिले के निजी अस्पतालों में भी सीमित संसाधन है. निजी अस्पताल की बात करें ताे जिला मुख्यालय पर 3 या 4 निजी अस्पतालाें में 25 बैड के पीआईसीयू की व्यवस्था है और करीब 10 वेंटीलेटर हैं. जिले की कुल करीब 42 लाख की आबादी में से 18 साल तक के बच्चाें और युवाओ की संख्या करीब 16 लाख है. 12 साल तक के बच्चाें के इलाज के लिए जिले में सरकारी और प्राइवेट स्तर पर 47 ही शिशुराेग विशेषज्ञ हैं.

अलवर के शिशु अस्पताल में 11 व सीएचसी स्तर पर 16 शिशुराेग विशेषज्ञ हैं. यानी 21 पदाें के विरुद्ध 27 डाॅक्टर लगे हुए हैं. तीसरी लहर के दौरान बच्चों को परेशानी हो सकती है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से बच्चों के इलाज के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है. अलवर के शिशु अस्पताल में 70 बेड की व्यवस्था की गई है. प्रत्येक बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा रहेगी. इसके लिए ऑक्सीजन की लाइन डालने का काम जल्द शुरू हो जाएगा. इसके अलावा 20 बेड का आईसीयू बनाया जाएगा. इसमें 5 वेंटिलेटर की सुविधा रहेगी. आवश्यकता पड़ने पर वेंटीलेटर की संख्या बढ़ाई जा सकेगी. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही ऑक्सीजन लाइन डालने का काम शुरू हो जाएगा. इसके अलावा इलाज में काम आने वाली जरूरी दवाओं की डिमांड स्वास्थ विभाग के मुख्यालय भेज दी गई है. जल्द ही दवाई इंजेक्शन पहने जरूरी सामान अलवर पहुंच जाएंगे.

पढ़ें- Special: कोरोना की दूसरी लहर ने बिगाड़ा टूर एंड ट्रेवल्स उद्योग का गणित

शिशु अस्पताल में है 10 डॉक्टर

प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुनील चौहान ने कहा कि शिशु अस्पताल में इस समय 10 डॉक्टर कार्यरत हैं. किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टरों ने अपनी योजना बना ली है. जरूरत पड़ने पर जिले के अन्य हिस्सों से भी डॉक्टरों को अलवर में लगा दिया जाएगा. अब तक शिशु अस्पताल में 7 बच्चे कोरोना संक्रमण से संबंधित भर्ती हुए. सभी बच्चों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है. सभी बच्चे पूरी तरीके से स्वस्थ हैं.

दवाई की भेजी गई सूचना

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा कि बच्चों के इलाज में काम आने वाली दवा इंजेक्शन जरूरी उपकरण जल्द ही अलवर पहुंच जाएंगी. इलाज में काम आने वाले जरूरी दबाव इंजेक्शन की सूचना स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय भेज दी गई है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने कहा के अलवर जिले में बच्चों के इलाज की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है.

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