अलवर. देश में लगातार कोरोना वायरस का प्रभाव बढ़ रहा है. अगर इसी तरह के हालात आगे भी जारी रहे, तो आने वाले समय में अलवर की अर्थव्यवस्था कही जाने वाली प्याज को खासा नुकसान पहुंच सकता है. इसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा. अलवर को मेवात अंचल के नाम से जाना जाता है. मेवात अंचल की पहचान और इस क्षेत्र की अर्थव्यवस्था कही जाने वाली प्याज लगातार कोरोना की मार झेल रही है.
हालांकि बीते साल अलवर के किसानों को प्याज से खासा फायदा हुआ. कुछ किसान करोड़पति तो कुछ लखपति बने है. ऐसे में इस बार किसान दोगुनी प्याज लगाने की तैयारी कर रहा है, लेकिन प्याज के दाम लगातार गिर रहे हैं. इसका मुख्य कारण अलवर की प्याज विदेश में नहीं जा पा रही है. इसलिए लगातार प्याज की खपत देश में हो रही है. वहीं इस समय कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से लगातार बंपर प्याज की आवक हो रही है. बताया जा रहा है कि कोरोना के चलते किसानों को खासा नुकसान हो रहा है.
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वहीं आगे भी इस तरह के हालात रहे तो अलवर के किसानों को खासा नुकसान झेलना पड़ सकता है, क्योंकि कोरोना वायरस के चलते लगातार प्याज की डिमांड कम हो रही है. प्याज की अन्य राज्यों में सप्लाई नहीं हो पाएगी. इसका सीधा प्रभाव किसानों पर पड़ेगा. प्याज मेवात क्षेत्र की अर्थव्यवस्था है. अगर किसानों को नुकसान हुआ, तो अलवर जिले की अर्थव्यवस्था खराब हो सकती है.