अलवर. जिले में पंचायत चुनाव की सरगर्मी बढ़ती जा रही है. पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तारीख 8 अक्टूबर है. श्राद्ध पक्ष चलने के कारण अब तक नामांकन दाखिल नहीं हुए थे. गुरुवार से नवरात्र शुरू हुए हैं. नवरात्र के साथ मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं. ऐसे में नवरात्र के पहले दिन लोगों ने जमकर नामांकन पत्र दाखिल किए और चुनाव के लिए ताल ठोंकी.
जिला परिषद के चुनाव के लिए जिला मुख्यालय पर नामांकन पत्र जमा करने की व्यवस्था की गई है. जबकि पंचायत के चुनाव के लिए ब्लॉक स्तर पर एसडीएम कार्यालय में आवेदन पत्र जमा करने की व्यवस्था पूरे जिले में की गई है. गुरुवार को सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग अपने परिजनों के साथ नामांकन पत्र जमा करते हुए दिखाई दिए. इस दौरान ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए प्रत्याशियों ने कहा कि गांव में सड़क, पानी, बिजली सबसे बड़ी समस्या है. इन्हीं मूलभूत समस्याओं के आधार पर हम चुनाव लड़ रहे हैं. हालांकि अभी तक कांग्रेस, भाजपा की तरफ से सिंबल नहीं दिए गए हैं. साथ ही प्रत्याशियों की सूची भी जारी नहीं की गई है.
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दरअसल पंचायत चुनाव निचले स्तर का चुनाव है. जिले में कांग्रेस के लिए यह चुनाव लड़ना और जीतना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है. सभी एसडीएम क्षेत्र में 30 से 40 नामांकन पत्र शाम 4 बजे तक दाखिल हो चुके थे. जबकि नामांकन पत्र जमा कराने की अंतिम तारीख 8 अक्टूबर है. प्रशासन की तरफ से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. प्रत्याशियों को कोई परेशानी ना हो, इसके लिए फार्म भरने की व्यवस्था उसको चेक कराने के इंतजाम भी सभी जगह पर किए गए हैं. प्रत्याशियों ने चुनाव के लिए प्रचार प्रसार भी जोर-शोर से शुरू कर दिया है.
पंचायत चुनाव की सरगर्मी अलवर जिले में डेढ़ साल पहले नजर आई थी. लेकिन उस समय चुनाव नहीं हो पाए थे. ऐसे में प्रत्याशियों पर दोहरी मार पड़ रही है. साथ ही पेट्रोल डीजल के बढ़ रहे दामों के अलावा कई स्थानीय समस्याएं भी इन चुनाव में मुद्दा बनती हुई नजर आ रही हैं. हालांकि ज्यादातर लोग अपने जानने वाले प्रत्याशी को वोट देते हैं और स्थानीय मुद्दों पर ध्यान देते हैं.
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दूसरी तरफ कांग्रेस और भाजपा की तरफ से चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई है. दोनों पार्टियों के नेता लगातार छोटे स्तर पर बैठक कर रहे हैं. कांग्रेस के लिए चुनौती ज्यादा है. क्योंकि अलवर में दो निर्दलीय और दो बसपा से विधायक हैं. जिन्होंने कांग्रेस सरकार को अपना समर्थन दिया है. ऐसे में कांग्रेस के कार्यकर्ता और विधायकों के बीच टिकट के बंटवारे को लेकर घमासान जारी है.
सुबह से लगी रही भीड़
अलवर जिले में पंचायत चुनाव लड़ने के लिए लोगों में खासा उत्साह दिख रहा है. चुनाव में नामांकन भरने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. लक्ष्मणगढ़ पंस सदस्य पद के लिए 43 नामांकन दाखिल हुए हैं. नामांकन दाखिल करने के लिए एसडीएम कार्यालय में दिनभर भीड़ लगी रही. कोटकासिम पंस सदस्य पद के लिए गुरुवार को 22 नामांकन दाखिल किए गए. राजगढ़ में पंस सदस्य पद के लिए 48 नामांकन दाखिल हुए है. अभी तक कुल 10 पुरुष और 43 महिला प्रत्याशी शामिल हैं. किशनगढ़बास में 31 नामांकन जमा हुए. इसी तरह से अन्य जगहों पर नामांकन जमा करने के दौरान लोगों का उत्साह देखने को मिला.
पंचायती राज चुनाव में जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों के लिए शुक्रवार नामांकन का अंतिम दिन होने के कारण कांग्रेस व भाजपा ने गुरुवार को ज्यादातर वार्डों में प्रत्याशियों के नाम को अंतिम रूप दे दिया लेकिन बगावत के डर से दोनों ही दलों ने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की. दोनों ही प्रमुख पार्टियां प्रत्याशियों के नामों के सिंबल सीधे ही चुनाव अधिकारी को जमा कराएंगी. वहीं तय हो चुके प्रत्याशियों को नामांकन करने की सूचना पार्टी पदाधिकारियों ने पहले ही दे दी है. हालांकि दोनों ही पार्टियों में कुछ वार्डों पर उम्मीदवारों के नामों को लेकर देर रात तक मंथन किया गया.
जिन वार्डों में उम्मीदवारों के नामों पर खींचतान नहीं है, वहां के प्रत्याशियों को नामांकन दाखिल करने की हरी झंडी दी जा चुकी है. ऐसे कई प्रत्याशियों ने गुरुवार को नामांकन दाखिल भी किया है, लेकिन दोनों ही दलों के ज्यादातर उम्मीदवार शुक्रवार को अंतिम दिन नामांकन दाखिल करेंगे.
प्रत्याशी चयन में कांग्रेस को ज्यादा मशक्कत करनी पड़ी. कांग्रेस में जिला परिषद व पंचायत समिति सदस्य के लिए टिकट के दावेदारों की संख्या ज्यादा होने से पार्टी के वरिष्ठ नेता कई दौर की चर्चा के बाद गुरुवार को प्रत्याशी चयन के कार्य को अंतिम रूप दे पाए. पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिला परिषद सदस्य के करीब 5 वार्ड और पंचायत समितियों के करीब 25 वार्डों में उम्मीदवार चयन की मशक्कत गुरुवार देर रात तक करनी पड़ी. वहीं भाजपा में जिला परिषद के एक वार्ड पर देर रात तक मशक्कत जारी रही. जिला परिषद और पंचायत समिति के ज्यादातर वार्डों पर जयपुर में प्रदेश नेतत्व से चर्चा के बाद सहमति बन गई थी.
दोनों ही प्रमुख पार्टियों को बगावत का है डर
कांग्रेस और भाजपा दोनों को ही पंचायती राज चुनाव में प्रत्याशी चयन के बाद बगावत का डर सता रहा है. इस कारण पार्टी के चुनाव रणनीतिकारों ने उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बजाय सीधे ही सिंबल जमा कराने का निर्णय किया. पार्टी स्तर उम्मीदवारों की सूची नामांकन का समय पूरा होने के बाद घोषित किए जाने की संभावना है. दोनों ही पार्टी में टिकट के दावेदार प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं होने के कारण पिछले दो दिनों से पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों से उम्मीदवार तय होने की टोह लेते रहे. हालांकि गुरुवार शाम को ज्यादातर दावेदारों को वार्ड में तय हुए उम्मीदवार के बारे में जानकारी मिल गई.
प्रशासन की तरफ से किए गए हैं इंतजाम
अलवर जिला प्रशासन की तरफ से पंचायत चुनाव के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. जिला परिषद के लिए जिला मुख्यालय पर नामांकन पत्र दाखिल करना पड़ रहा है. जबकि पंच पद के लिए ब्लॉक स्तर पर एसडीएम कार्यालय में नामांकन पत्र जमा करने की व्यवस्था है. नामांकन पत्रों में किसी भी तरह की गड़बड़ी ना हो. इसके लिए प्रशासन ने अतिरिक्त कर्मचारी नियुक्त किए हैं.