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स्पेशल रिपोर्ट : अलवर में डेंगू का डंक, एक सप्ताह में आ चुके 40 से अधिक पॉजिटिव मरीज - स्पेशल रिपोर्ट

मौसम में बदलाव के साथ अलवर में डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. हालांकि, बीते सालों की तुलना में इस साल मरीजों की संख्या कम है, लेकिन बीते एक सप्ताह के दौरान जिले में 40 से अधिक डेंगू के पॉजिटिव मरीज सामने आ चुके हैं. जिले में तेजी से बढ़ रही मरीजों की संख्या से साफ है कि जिले में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरीके से इस पर रोकथाम में नाकाम साबित हो चुका है.

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Published : Oct 24, 2019, 2:59 PM IST

अलवर. जिले की आबादी 45 लाख से अधिक है. बता दें कि अलवर में सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक मरीजों की ओपीडी रहती है. बारिश के बाद जमा पानी में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और स्क्रब टायफस के मच्छर हो जाते हैं, इसलिए मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

अलवर में बढ़ रही डेंगू के पॉजिटिव मरीजों की संख्या

इस साल अलवर में डेंगू के 140 मरीज पॉजिटिव मिल चुके हैं. जबकि बीते 1 सप्ताह में 40 से अधिक पॉजिटिव मरीज डेंगू के सामने आ चुके हैं. इसके अलावा चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या बीते साल की तुलना में ज्यादा है. ऐसे में लगातार बढ़ रही मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या ने स्वास्थ्य विभाग को परेशान कर दिया है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग पर्याप्त इंतजाम होने के दावे कर रहा है, लेकिन हकीकत सबके सामने हैं.

डेंगू के मरीजों के आंकड़ों पर एक नजर

  • साल 2016 में 448 मरीज सामने आए
  • साल 2017 में 189
  • साल 2018 में 519 मरीज सामने आए थे.
  • और साल 2019 में अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या 140 पहुंच चुकी है.

मलेरिया की बात करें तो...

  • साल 2016 में 443 मरीज
  • साल 2017 में 365 मरीज
  • साल 2018 में 157 मरीज
  • और साल 2019 में अब तक 103 मरीज सामने आ चुके हैं.

चिकनगुनिया के मरीजों की बात करें तो...

  • साल 2016 में 86 मरीज
  • साल 2017 में 56 मरीज
  • साल 2018 में 41 मरीज
  • और साल 2019 में अब तक 75 मरीज सामने आ चुके हैं.

स्क्रब टायफस की बात करें तो...

  • साल 2016 में 175 मरीज
  • साल 2017 में 58 मरीज
  • साल 2018 में 129 मरीज
  • और साल 2019 में अब तक 84 मरीज सामने आ चुके हैं.

स्वाइन फ्लू की बात करें तो...

  • साल 2016 में 8 मरीज
  • साल 2017 में 57 मरीज
  • साल 2018 में 58 मरीज
  • और साल 2019 में अब तक 97 मरीज सामने आ चुके हैं.

यह भी पढ़ें : अजमेर दरगाह में पाकिस्तान से आने वाले जायरीनों से नहीं वसूला जाता कोई टैक्स, फिर करतारपुर कॉरिडोर पर क्यों : अंजुमन कमेटी

महामारी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बबीता सिंह ने बताया कि जिले में अचानक डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी है. वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगातार फोगिंग और एंटी लारवा एक्टिविटी चलाई जा रही है. विभाग के कर्मचारी लोगों को जागरूक कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि लोगों को भी थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है. अपने घर में आसपास क्षेत्र में पानी को जमा नहीं होने दें और साफ सफाई रखें. अगर आसपास के क्षेत्र में कहीं पानी जमा है तो उसमें काला ऑयल डाल दें. इसके अलावा कूलर को भी साफ रखें.

अलवर. जिले की आबादी 45 लाख से अधिक है. बता दें कि अलवर में सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक मरीजों की ओपीडी रहती है. बारिश के बाद जमा पानी में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और स्क्रब टायफस के मच्छर हो जाते हैं, इसलिए मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.

अलवर में बढ़ रही डेंगू के पॉजिटिव मरीजों की संख्या

इस साल अलवर में डेंगू के 140 मरीज पॉजिटिव मिल चुके हैं. जबकि बीते 1 सप्ताह में 40 से अधिक पॉजिटिव मरीज डेंगू के सामने आ चुके हैं. इसके अलावा चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या बीते साल की तुलना में ज्यादा है. ऐसे में लगातार बढ़ रही मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या ने स्वास्थ्य विभाग को परेशान कर दिया है. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग पर्याप्त इंतजाम होने के दावे कर रहा है, लेकिन हकीकत सबके सामने हैं.

डेंगू के मरीजों के आंकड़ों पर एक नजर

  • साल 2016 में 448 मरीज सामने आए
  • साल 2017 में 189
  • साल 2018 में 519 मरीज सामने आए थे.
  • और साल 2019 में अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या 140 पहुंच चुकी है.

मलेरिया की बात करें तो...

  • साल 2016 में 443 मरीज
  • साल 2017 में 365 मरीज
  • साल 2018 में 157 मरीज
  • और साल 2019 में अब तक 103 मरीज सामने आ चुके हैं.

चिकनगुनिया के मरीजों की बात करें तो...

  • साल 2016 में 86 मरीज
  • साल 2017 में 56 मरीज
  • साल 2018 में 41 मरीज
  • और साल 2019 में अब तक 75 मरीज सामने आ चुके हैं.

स्क्रब टायफस की बात करें तो...

  • साल 2016 में 175 मरीज
  • साल 2017 में 58 मरीज
  • साल 2018 में 129 मरीज
  • और साल 2019 में अब तक 84 मरीज सामने आ चुके हैं.

स्वाइन फ्लू की बात करें तो...

  • साल 2016 में 8 मरीज
  • साल 2017 में 57 मरीज
  • साल 2018 में 58 मरीज
  • और साल 2019 में अब तक 97 मरीज सामने आ चुके हैं.

यह भी पढ़ें : अजमेर दरगाह में पाकिस्तान से आने वाले जायरीनों से नहीं वसूला जाता कोई टैक्स, फिर करतारपुर कॉरिडोर पर क्यों : अंजुमन कमेटी

महामारी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बबीता सिंह ने बताया कि जिले में अचानक डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी है. वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगातार फोगिंग और एंटी लारवा एक्टिविटी चलाई जा रही है. विभाग के कर्मचारी लोगों को जागरूक कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि लोगों को भी थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है. अपने घर में आसपास क्षेत्र में पानी को जमा नहीं होने दें और साफ सफाई रखें. अगर आसपास के क्षेत्र में कहीं पानी जमा है तो उसमें काला ऑयल डाल दें. इसके अलावा कूलर को भी साफ रखें.

Intro:अलवर
मौसम में बदलाव के साथ अलवर जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। हालांकि बीते सालों की तुलना में इस साल मरीजों की संख्या कम है। लेकिन बीते एक सप्ताह के दौरान जिले में 40 से अधिक डेंगू के पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। जिले में तेजी से बढ़ रही मरीजों की संख्या से साफ है कि जिले में स्वास्थ्य विभाग पूरी तरीके से फेल हो चुका है।


Body:अलवर जिले की आबादी 45 लाख से अधिक है। जिले में एक सामान्य अस्पताल, एक जनाना अस्पताल, एक शिशु अस्पताल, एक सेटेलाइट अस्पताल, 6 शहरी डिस्पेंसरी, 36 सीएससी व 120 के आसपास पीएससी है। सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक मरीजों की ओपीडी रहती है। बारिश के बाद जमा पानी में डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया स्क्रब टायफस के मच्छर होते हैं। इसलिए मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इस बार अलवर में डेंगू के 140 मरीज पॉजिटिव मिल चुके हैं। जबकि बीते 1 सप्ताह में 40 से अधिक पॉजिटिव मरीज डेंगू के सामने आए हैं। इसके अलावा चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या बीते साल की तुलना में ज्यादा है। ऐसे में लगातार बढ़ रही मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या ने स्वास्थ्य विभाग को परेशान कर दिया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इंतजाम होने के दावे कर रहा है। लेकिन हकीकत सबके सामने हैं। मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिलता है।


Conclusion:आंकड़ों के लिहाज से बात करें तो साल 2016 में डेंगू के साल भर के दौरान 448 मरीज सामने आए थे। इसी तरह से साल 2017 में उनकी संख्या घटकर 189 रह गई। तो वही साल 2018 में 519 ऑडिटी मरीज सामने आए थे। अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या 140 पहुंच चुकी है।

मलेरिया की बात करें तो साल 2016 में 443,
2017 में 365
2018 में 157 व अब तक 103 मरीज सामने आ चुके हैं।

चिकनगुनिया के साल 2016 में 86,
2017 में 56,
2018 में 41 व अब तक 75 मरीज सामने आ चुके हैं।

इसी तरह से स्क्रब टायफस की बात करें साल 2016 में 175,
2017 में 58,
2018 में 129 व 2019 में अब तक 84 मरीज सामने आ चुके हैं।

स्वाइन फ्लू में साल 2016 में 8, 2017 में 57, 2018 में 58 और 2019 में अब तक 97 मरीज सामने आ चुके हैं।

महामारी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर बबीता सिंह ने बताया की जिले में अचानक डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी है। तो वहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से लगातार फागिंग व एंटी लारवा एक्टिविटी चल रही है। विभाग के कर्मचारी लोगों को जागरूक कर रहे हैं। तो वहीं लोगों को भी थोड़ी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। अपने घर में आसपास क्षेत्र में पानी को जमा नहीं होने दे व साफ सफाई रखें। अगर आसपास के क्षेत्र में कहीं पानी जमा है। तो उसमें काला ऑयल डाल दे। इसके अलावा कूलर को साफ रखें जिससे उसमें बच्चा नहीं हो सके।

बाइट- डॉ बबीता सिंह, महामारी रोग विशेषज्ञ
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