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स्पेशल रिपोर्ट: अलवर जिला अस्पताल में डेंगू रोगियों की भीड़, लेकिन चौंकाने वाले चिकित्सा विभाग के आंकड़े

प्रदेश में जहां लगातार डेंगू के आंकड़ बढ़ रहे है. वहीं अगर अलवर की बात करें तो इस बार पिछली बार की तुलना में आधे मरीज भी डेंगू के नहीं आए है. एक तरफ अलवर जिला अस्पताल में डेंगू रोगियों की भीड़ देखी जा रही है. अस्पताल का डेंगू वार्ड खचाखच है. यहीं नहीं ओपीडी 700 से अधिक चल रहा है. लेकिन चिकित्सा विभाग के आंकड़ों में 2019 से अब तक मात्र 187 मरीज दर्ज किए गए हैं.

dengue in Alwar , अलवर में डेंगू मरीज
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Published : Nov 4, 2019, 9:42 PM IST

अलवर. जिलेभर में मौसमी बीमारियों का प्रकोप फैला हुआ है. जिला राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में डेंगू वार्ड भी फुल चल रहा है. अस्पताल में 700 से अधिक मरीजों का आउटडोर चल रहा है. साथ ही अस्पताल में लगातार मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है. जिनमें ज्यादातर मरीज डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया सहित वायरल बुखार के सामने आ रहे हैं. इसको देखते हुए अस्पताल में मरीजों की लंबी कतार लग रही है.

अलवर जिला अस्पताल में डेंगू रोगियों की भीड़

जिले की आबादी 45 लाख से अधिक है. अलवर में सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक मरीजों की ओपीडी रहती है. बारिश के बाद जमा पानी में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, और स्क्रब टाइफस के मच्छर हो जाते हैं. इसलिए मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. जिलेभर में मौसमी बीमारियों का प्रकोप फैला हुआ है. जबकि चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल डेंगू के मरीजों की तादाद आधी से भी कम रही है.

पढ़ें- राजस्थान में डेंगू का जहरीला डंक : प्रदेश में 4 हजार से भी ज्यादा मामले आए सामने, 8 की मौत

चिकित्सा विभाग ने जिले में एक बार फिर भी मच्छरों को मारने की फॉगिंग नहीं करवाई. विभाग की ओर से संसाधन नहीं होने का हवाला देकर पूरा मानसूनी सीजन बिना छिड़काव के निकल गया. लेकिन अब मौसम में सर्दी की दस्तक के साथ ही मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है. डेंगू मरीजों के आंकड़ों पर एक नजर डाले तो

  • साल 2016 में डेंगू के 448 मरीज सामने आए थे.
  • उसके बाद साल 2017 में डेंगू के 189 केस पॉजिटिव मिले.
  • साल 2018 में मरीजों की संख्या बढ़कर 519 पहुंची गई.
  • साल 2019 में अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या 187 है.

जबकि इस वर्ष अभी तक अलवर में डेंगू की बीमारी से 5 मौत हो चुकी है. जबकि 2018 में 10 मौतें डेंगू की बीमारी के कारण हुई तो वहीं 2017 में 14 मौतें हुई.

मलेरिया के रोगियों के आंकड़ों पर एक नजर
वहीं और मौसमी बीमारियों में मलेरिया की बात करें तो साल 2016 में 443 मरीज सामने आए, तो वहीं साल 2017 में 365 मरीज और साल 2018 में 157 मरीज दर्ज किए गए, तो वही साल 2019 में अब तक 103 मरीज सामने आ चुके हैं.

चिकनगुनिया के रोगियों के आंकड़ों पर एक नजर
चिकनगुनिया के मरीजो की बात करें तो साल 2016 में 86 मरीज सामने आए, तो वहीं साल 2017 में 56 मरीज और साल 2018 में 41 मरीज सामने आए. इसी प्रकार साल 2019 में अब तक 75 मरीज सामने आ चुके हैं.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी में सामने आ रहे डेंगू मरीज..अस्पताल में लगी रोगियों की लंबी कतारें

स्वाइन फ्लू के रोगियों के आंकड़ों पर एक नजर
स्वाइन फ्लू की बात करें तो साल 2016 में 8 मरीज तो वहीं साल 2017 में 57 मरीज सामने आए. इसी प्रकार साल 2018 में 58 मरीज और अब साल 2019 में अब तक 97 मरीज सामने आ चुके हैं.

अलवर. जिलेभर में मौसमी बीमारियों का प्रकोप फैला हुआ है. जिला राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में डेंगू वार्ड भी फुल चल रहा है. अस्पताल में 700 से अधिक मरीजों का आउटडोर चल रहा है. साथ ही अस्पताल में लगातार मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है. जिनमें ज्यादातर मरीज डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया सहित वायरल बुखार के सामने आ रहे हैं. इसको देखते हुए अस्पताल में मरीजों की लंबी कतार लग रही है.

अलवर जिला अस्पताल में डेंगू रोगियों की भीड़

जिले की आबादी 45 लाख से अधिक है. अलवर में सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक मरीजों की ओपीडी रहती है. बारिश के बाद जमा पानी में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, और स्क्रब टाइफस के मच्छर हो जाते हैं. इसलिए मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. जिलेभर में मौसमी बीमारियों का प्रकोप फैला हुआ है. जबकि चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल डेंगू के मरीजों की तादाद आधी से भी कम रही है.

पढ़ें- राजस्थान में डेंगू का जहरीला डंक : प्रदेश में 4 हजार से भी ज्यादा मामले आए सामने, 8 की मौत

चिकित्सा विभाग ने जिले में एक बार फिर भी मच्छरों को मारने की फॉगिंग नहीं करवाई. विभाग की ओर से संसाधन नहीं होने का हवाला देकर पूरा मानसूनी सीजन बिना छिड़काव के निकल गया. लेकिन अब मौसम में सर्दी की दस्तक के साथ ही मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है. डेंगू मरीजों के आंकड़ों पर एक नजर डाले तो

  • साल 2016 में डेंगू के 448 मरीज सामने आए थे.
  • उसके बाद साल 2017 में डेंगू के 189 केस पॉजिटिव मिले.
  • साल 2018 में मरीजों की संख्या बढ़कर 519 पहुंची गई.
  • साल 2019 में अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या 187 है.

जबकि इस वर्ष अभी तक अलवर में डेंगू की बीमारी से 5 मौत हो चुकी है. जबकि 2018 में 10 मौतें डेंगू की बीमारी के कारण हुई तो वहीं 2017 में 14 मौतें हुई.

मलेरिया के रोगियों के आंकड़ों पर एक नजर
वहीं और मौसमी बीमारियों में मलेरिया की बात करें तो साल 2016 में 443 मरीज सामने आए, तो वहीं साल 2017 में 365 मरीज और साल 2018 में 157 मरीज दर्ज किए गए, तो वही साल 2019 में अब तक 103 मरीज सामने आ चुके हैं.

चिकनगुनिया के रोगियों के आंकड़ों पर एक नजर
चिकनगुनिया के मरीजो की बात करें तो साल 2016 में 86 मरीज सामने आए, तो वहीं साल 2017 में 56 मरीज और साल 2018 में 41 मरीज सामने आए. इसी प्रकार साल 2019 में अब तक 75 मरीज सामने आ चुके हैं.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: बूंदी में सामने आ रहे डेंगू मरीज..अस्पताल में लगी रोगियों की लंबी कतारें

स्वाइन फ्लू के रोगियों के आंकड़ों पर एक नजर
स्वाइन फ्लू की बात करें तो साल 2016 में 8 मरीज तो वहीं साल 2017 में 57 मरीज सामने आए. इसी प्रकार साल 2018 में 58 मरीज और अब साल 2019 में अब तक 97 मरीज सामने आ चुके हैं.

Intro:अलवर जिले में डेंगू के मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है। लेकिन चिकित्सा विभाग के आंकड़ों में अभी भी जिले में जनवरी 2019 से अब तक मात्र 187 मरीज दर्ज किए गए हैं। वहीं अस्पतालों में डेंगू के मरीजों की तादाद कम होने का नाम नहीं ले रही है।


Body:अलवर जिले के राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में डेंगू वार्ड में फुल हाउस चल रहा है। अस्पताल में 700 से अधिक मरीजों का आउटडोर चल रहा है। साथ ही अस्पताल में लगातार मरीजों की तादाद बढ़ती जा रही है। जिनमें ज्यादातर मरीज डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया सहित वायरल बुखार के सामने आ रहे हैं। इसको देखते हुए अस्पताल में मरीजों की लंबी कतार लग रही है। और वार्ड भी फुल चल रहे हैं। जिले की आबादी 45 लाख से अधिक है। बता दें कि अलवर में सरकारी अस्पतालों में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक मरीजों की ओपीडी रहती है। बारिश के बाद जमा पानी में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, और स्क्रब टायफस के मच्छर हो जाते हैं। इसलिए मौसमी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जिलेभर में मौसमी बीमारियों का प्रकोप फैला हुआ है। जबकि चिकित्सा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल की तुलना में इस साल डेंगू के मरीजों की तादाद आधी से भी कम रही है। चिकित्सा विभाग ने जिले में एक बार फिर भी मच्छरों को मारने की फागिंग नहीं करवाई। विभाग के द्वारा संसाधन नहीं होने का हवाला देकर पूरा मानसूनी सीजन बिना छिड़काव के निकल गया। लेकिन अब मौसम में सर्दी की दस्तक के साथ ही मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। डेंगू मरीजों के आंकड़ों पर एक नजर साल 2016 में 448 मरीज सामने आए, साल 2017 में 189 साल, 2018 में 519 मरीज सामने आए थे और साल 2019 में अब तक डेंगू के मरीजों की संख्या 187 पहुंच चुकी है। जबकि इस वर्ष अभी तक अलवर में डेंगू की बीमारी से 5 मौत हो चुकी है। जबकि 2018 में 10 मौतें डेंगू की बीमारी के कारण हुई तो वही 2017 में 14 मौतें हुई। मलेरिया की बात करें तो साल 2016 में 443 मरीज सामने आए तो वहीं साल 2017 में 365 मरीज और साल 2018 में 157 मरीज दर्ज किए गए तो वही साल 2019 में अब तक 103 मरीज सामने आ चुके हैं। चिकनगुनिया के मरीजो की बात करें तो साल 2016 में 86 मरीज सामने आए तो वहीं साल 2017 में 56 मरीज और साल 2018 में 41 मरीज सामने आए इसी प्रकार साल 2019 में अब तक 75 मरीज सामने आ चुके हैं। स्वाइन फ्लू की बात करें तो साल 2016 में 8 मरीज तो वहीं साल 2017 में 57 मरीज सामने आए। इसी प्रकार साल 2018 में 58 मरीज और अब साल 2019 में अब तक 97 मरीज सामने आ चुके हैं।


Conclusion:बाईट- सुरेंद्र कुमार .......डॉक्टर बाईट ओपी मीणा......... सीएमएचओ अलवर
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