अलवर. जिला महिला अस्पताल (Government Hospital Alwar) में स्टाफ की लापरवाही का बड़ा मामला गुरुवार को उजागर हुआ, तो हड़कंप मच गया. अस्पताल के स्टाफ ने एक जिंदा नवजात बच्ची को मृत बताकर उसके परिजनों को सौंप दिया. इतना ही नहीं, परिजनों से बकायदा इस बारे में लिखित में कागजात ले लिया गया. परिजनों ने जब बच्ची को एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया, तो वहां डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची अभी जिंदा है. कई घंटों तक बच्ची निजी अस्पताल में भर्ती रही. बाद में परिजन उसे लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचे व शिशु अस्पताल के एफबीएनसी वार्ड में बच्ची को भर्ती कराया, जहां उसका इलाज चल रहा है.
पढ़ें:बकरी चराने गए 2 सगे भाइयों की तालाब में डूबने से मौत
अस्पताल में 15 जून को एक प्रसूता को भर्ती किया गया और गुरुवार सुबह प्रसूता की प्री-मैच्योर डिलीवरी (Pre-Mature Delivery) हुई. नवजात बच्ची (Newborn Baby) का वजन केवल 370 ग्राम था और डॉक्टरों ने केवल साढ़े पांच माह में ही पैदा होने की वजह से अनुमान के आधार पर नवजात को मुर्दा करार दे दिया और बच्ची को मरी हुई घोषित करके परिजनों को सौंप दिया. परेशान परिजन नवजात को निजी अस्पताल लेकर आ गए, जहां नवजात को ऑक्सीजन पर रखा गया. बाद में उसे जयपुर के लिए रेफर कर दिया और परिजन वापस बच्ची को लेकर सरकारी अस्पताल में पहुंचे. गीतानंद शिशु अस्पताल के एफबीएनसी वार्ड में बच्ची भर्ती है व उसका इलाज चल रहा है.
बच्ची के पिता रवि कुमार ने बताया कि गुरुवार तड़के उसके पास परिजनों का फोन आया कि बेटी पैदा हुई है, लेकिन डॉक्टरों के अनुसार वो मृत है. यह सुनकर रवि तुरंत अलवर के लिए निकला. कुछ देर बाद बीच रास्ते में ही दुबारा फोन आया कि बच्ची की सांसें तो चल रहीं हैं. जब उसने अलवर आकर बच्ची देखा तो उसकी सांसें चल रहीं थीं और बीच-बीच में हाथ-पैर भी हिल रहे थे.
इस पर बच्ची को तुरंत एक निजी हॉस्पिटल में ले जाकर भर्ती कराया गया, वहां उसको ऑक्सीजन पर रखा गया और बाद में जयपुर रेफर कर दिया गया. इसके बाद परिजन वापस बच्ची को लेकर महिला अस्पताल पहुंचे वहां परिजनों ने जमकर हंगामा किया. मामले की जानकारी अस्पताल प्रशासन को दी गई और बच्ची को तुरंत शिशु अस्पताल के एफबीएनसी वार्ड में भर्ती कराया गया.
बनाई गई जांच कमेटी
प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान ने बताया कि मामले में जांच कमेटी बनाई गई है. प्रथम दृष्टया मामले में लापरवाही करने की बात सामने आने पर ड्यूटी पर तैनात नर्सिंग स्टाफ, डॉक्टर सहित लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को नोटिस दिया गया है.