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सरसों के दाम में हो रही बढ़ोतरी, लॉकडाउन के चलते कम आ रही सरसों

अलवर मंडी में सरसों की आवक शुरू हो चुकी है. बीते साल की तुलना में सरसों के दाम में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, लेकिन लॉकडाउन के चलते अन्य सालों की तुलना में इस साल सरसों अलवर मंडी में कम पहुंच रही है.

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लॉकडाउन के चलते कम आ रही है सरसों
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Published : May 4, 2020, 11:47 PM IST

अलवर. भरतपुर-अलवर में सबसे अधिक सरसों की पैदावार होती है. अलवर, खैरथल, भरतपुर में सबसे ज्यादा तेल की मील हैं. अलवर से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम सहित देशभर में तेल सप्लाई होता है, इसलिए अलवर की मील में सरसों की खपत भी ज्यादा होती है. बीते सालों की तुलना में इस साल सरसों के दाम में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. इसका सीधा फायदा किसान को होता दिख रहा है.

बता दें कि बीते साल की तुलना में इस बार सरसों के दामों में 400 से 500 रुपए की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. इस समय अलवर मंडी में प्रतिदिन 4 हजार बोरी सरसों की आवक हो रही है, लेकिन आमतौर पर सीजन में प्रतिदिन 15 से 20 हजार बोरी की आवक होती है.

42 परसेंट कंडीशन वाली सरसों 4200 के हिसाब से मंडी में बिक रही है. जबकि बीते साल 3700 के हिसाब से सरसों की बिक्री हुई थी. अलवर का तेल पूरे देश में सप्लाई होता है. अलवर, खैरथल व भरतपुर में कई बड़ी तेल की मील हैं.

पढ़ें- Corona से मौत के बाद शव से परिजनों ने बनाई दूरी, प्रशासन को करना पड़ा अंतिम संस्कार

जिनमें साल भर लाखों टन सरसों की डिमांड रहती है, इसलिए सरसों के भाव में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. व्यापारियों का कहना है कि अलवर का तेल पूरे देश में मशहूर हैं. अलवर के कच्ची धानी तेल की डिमांड पश्चिम बंगाल, बिहार व झारखंड में रहती है.

अलवर. भरतपुर-अलवर में सबसे अधिक सरसों की पैदावार होती है. अलवर, खैरथल, भरतपुर में सबसे ज्यादा तेल की मील हैं. अलवर से बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, असम सहित देशभर में तेल सप्लाई होता है, इसलिए अलवर की मील में सरसों की खपत भी ज्यादा होती है. बीते सालों की तुलना में इस साल सरसों के दाम में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. इसका सीधा फायदा किसान को होता दिख रहा है.

बता दें कि बीते साल की तुलना में इस बार सरसों के दामों में 400 से 500 रुपए की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. इस समय अलवर मंडी में प्रतिदिन 4 हजार बोरी सरसों की आवक हो रही है, लेकिन आमतौर पर सीजन में प्रतिदिन 15 से 20 हजार बोरी की आवक होती है.

42 परसेंट कंडीशन वाली सरसों 4200 के हिसाब से मंडी में बिक रही है. जबकि बीते साल 3700 के हिसाब से सरसों की बिक्री हुई थी. अलवर का तेल पूरे देश में सप्लाई होता है. अलवर, खैरथल व भरतपुर में कई बड़ी तेल की मील हैं.

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जिनमें साल भर लाखों टन सरसों की डिमांड रहती है, इसलिए सरसों के भाव में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. व्यापारियों का कहना है कि अलवर का तेल पूरे देश में मशहूर हैं. अलवर के कच्ची धानी तेल की डिमांड पश्चिम बंगाल, बिहार व झारखंड में रहती है.

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