अलवर. लॉकडाउन का नुकसान किसान, व्यापारी और सरकार को उठाना पड़ रहा है. प्रतिदिन हजारों बोरी सरसों बिकने के लिए हरियाणा की मंडियों में जा रही है. दरअसल सरसों की पैदावार सबसे ज्यादा अलवर और भरतपुर में होती है. मार्च से जून माह तक सरसों की फसल बिकने के लिए मंडी में आती है. जून से मई माह तक प्रतिदिन अलवर मंडी में 25 से 30 हजार बोरी सरसों की आवक होती है.
इसी तरह से खैरथल मंडी में 40 हजार तक सरसों की बोरी की आवक होती है. लेकिन लॉकडाउन के चलते इस समय दोनों ही मंडियों में 4 से 5 हजार बोरी की आवक हो रही है. एक किसान को सरकार की तरफ से केवल दो वाहनों की अनुमति है. इन वाहनों की मदद से किसान जींस ला सकता है. ऐसे में किसान सरसों हरियाणा की मंडी में बेच रहे हैं.
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मंडी व्यापारियों ने कहा कि लॉकडाउन में सख्ती होने के कारण किसान, व्यापारी और सरकार तीनों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. अलवर मंडी सरसों के लिए पूरे देश में विशेष स्थान रखती है. अलवर में तेल की मिल अधिक है. इसलिए सरसों की खपत अलवर में ज्यादा रहती है. किसान मजबूरी में सरसों हरियाणा की मंडी में बेचने के लिए जा रहे हैं. यहीं हालात रहे तो आने वाले समय में किसान व्यापारियों की परेशानी बढ़ सकती है.