अलवर. मॉब लिंचिंग का शिकार हुए चिरंजी लाल के बेटे योगेश ने अलवर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं (Mob lynching In Govindgarh). उसके मुताबिक पुलिस के कहने पर आरोपियों ने मामला रफा-दफा करने के लिए इलाज के नाम पर एक हजार रुपए उन्हें देने की नाकामयाब कोशिश की. इसके साथ ही उस खेत में फसल खराब होने पर किसान को भी तीन हजार रुपए पुलिस ने अपने हाथ से दिए. इस तीन हजार की तस्दीक किसान ने भी की है. मृतक के परिजनों ने कहा कि पुलिस आरोपी पक्ष को बचाने में लगी हुई थी. ये पूरा खेल पुलिस के सामने हुआ. घटनास्थल से 200 मीटर दूर चेक पोस्ट पर पुलिस वाहनों की जांच पड़ताल कर रही थी.
डरा है परिवार: इस मामले में पुलिस पर अब गंभीर आरोप लगने लगे हैं.मृतक के बेटे योगेश ने कहा कि पुलिस आरोपी पक्ष को बचाने में लगी हुई थी. उन्होंने कहा कि आरोपी एक ऐसे समाज से हैं जिनका इस क्षेत्र में आतंक है. जांच जारी है लेकिन परिवार सहमा हुआ है. बेटे का कहना है कि आरोपी पक्ष मामला रफा-दफा करना चाहते थे. जिससे स्पष्ट होता है कि वो भी जानते थे कि उन्होंने गलत व्यक्ति के साथ मारपीट की है.
पुलिस की मौजूदगी में दिए पैसे: उसने कहा कि पुलिस के सामने ही इलाज के नाम पर आरोपियों ने एक हजार रुपए देते हुए मामला रफा-दफा करने की बात कही. आरोपियों ने मृतक के परिजनों को धमकाया लेकिन उस दौरान भी पुलिसकर्मी कुछ नहीं बोले. इससे साफ पता चलता है कि आरोपियों को अंदाजा हो गया था कि उन्होंने गलत शख्स के साथ मारपीट की है, जो ट्रैक्टर चोर नहीं है. उसके बाद भी पुलिस ने आरोपियों को नहीं पकड़ा. आरोपी मौके से फरार हो गए. अब विभिन्न संस्थाओं की तरफ से परिवार की मदद का हाथ बढ़ाया जा रहा है.
किसान बोला- हां मुझे मिले 3 हजार: योगेश के आरोपों को जिस खेत में वारदात हुए उसमें फसल उगाने वाले किसान ने भी की है. उसने कहा है कि पुलिस के सामने ही उसे 3 हजार रुपए थमाए गए हालांकि वो उन पैसे देने वालों को नहीं पहचानता क्योंकि उन्हें पहली बार देखा था. उसने आगे कहा कि वो इतना जरूर जानता है कि ये वो लोग ही थे जिन्होंने चिरंजी लाल की पिटाई की थी.
पुलिस बोली होगी जांच: मॉब लिंचिंग मामले पुलिस अधीक्षक तेजस्विनी गौतम ने कहा है कि इस केस में विधिक अनुसार कार्रवाई जारी है. जब उनसे बेटे योगेश के आरोपों को लेकर पूछा गया तो उन्होंने बोला अगर ऐसा है तो जो भी कानून के मुताबिक सही होगा उसके तहत ही एक्शन लिया जाएगा.
अब तक हुआ क्या?: मॉब लिंचिंग मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने रामबास निवासी चिरंजीलाल के मामले में प्रदेश सरकार से 7 दिन में रिपोर्ट मांगी है. इसके अलावा आयोग के चेयरमैन ने मुख्य सचिव, डीजीपी, संभागीय आयुक्त, आईजी तथा अलवर कलेक्टर और एसपी को नोटिस जारी करते हुए जवाब तलब किया गया है. इसके अलावा भाजपा के 3 सदस्य एक टीम गुरुवार को मृतक के परिजनों से मिलने और मामले की जांच पड़ताल के लिए गोविंदगढ़ पहुंचेगी.
1 लाख 25 हजार की मदद: जिला एवं सेशन न्यायाधीश योगेंद्र कुमार पुरोहित ने के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने चिरंजी लाल के आश्रितों को एक लाख 25 हजार रुपए की मदद मंजूर की है. ये राशि मृतक की पत्नी के बैंक खाते में जमा की जाएगी. माना जा रहा था कि चौतरफा दबाव के चलते पुलिस मुस्तैदी से काम कर रही है और आरोपियों को उनके अंजाम तक जल्द पहुंचा दिया जाएगा लेकिन अब जिस तरह से चिरंजी लाल के परिजनों ने आरोप लगाए हैं उसने एक बार फिर पुलिसिया कार्रवाई को संदेह के घेरे में ला खड़ा किया है.