अलवर. जिले के विशिष्ठ न्यायालय पॉक्सो कोर्ट नंबर 3 के न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा की अदालत ने शुक्रवार को एक 6 साल की नाबालिग मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के मामले में अलग-अलग धाराओं में आरोपी को जीवन पर्यंत आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही 25 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है. जानकारी के अनुसार आरोपी ने नाबालिग लड़की को घर से दूर पहाड़ी पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था.
विशिष्ट लोक अभियोजक राजकुमार गंगावत ने बताया कि भिवाड़ी थाने में पीड़िता के पिता ने एक मुकदमा दर्ज कराया था कि 30 नवंबर 2017 को वह अपने काम से बाहर गए हुए थे और पत्नी भी बाहर गई हुई थी. घर पर 6 साल की बच्ची थी. बिहार निवासी युवक मिथिलेश उसको बहला-फुसलाकर दूर पहाड़ी पर ले गया और दुष्कर्म किया. इस बात का पता तब लगा, जब वे घर पर आए. इस मामले की रिपोर्ट भिवाड़ी थाने में दर्ज कराई गई. पुलिस ने विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करते हुए जांच की और चालान पेश किया.
विशिष्ट न्यायाधीश राजेंद्र शर्मा ने धारा 363 और 366 में 5-5 साल की कठोर कारावास और 5-5 हजार रुपये जुर्माना और 376 और पॉक्सो एक्ट में आरोपी मिथिलेश को मृत्यु तक आजीवन कारावास और 25 हजार के अर्थदंड से दंडित किया है.
एक अन्य मामले में आरोपी को 7 साल के कठोर कारावास की सजा
जिले के पॉक्सो कोर्ट नंबर 4 अलका शर्मा की अदालत ने शुक्रवार को एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी को 7 साल का कठोर कारावास की सजा सुनाई है और 25 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है.
अदालत के विशिष्ट लोक अभियोजक अनूप खटाना ने बताया कि 30 मई 2018 को सदर थाने में एक मुकदमा दर्ज हुआ था. जिसमें घर में अकेली देखकर 15 साल की बच्ची को मोहित पुत्र मोरध्वज बहला-फुसलाकर पहाड़ के पास नदी के किनारे ले जाकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर अदालत में चालान पेश किया. इस मामले में 19 गवाहों के बयान दर्ज किए गए है.