अलवर. अवैध खनन के लिए बदनाम अलवर की तस्वीर बदलने लगी है. अवैध खनन करने वालों के खिलाफ लगातार खनन विभाग की तरफ से कार्रवाई करने का सिलसिला जारी है. जिले में ज्यादातर अवैध खनन वन विभाग के क्षेत्र में होता है. इसे रोकने के लिए एसआईटी भी बनाई गई है. इसमें पुलिस, प्रशासन, खनन विभाग सहित सभी सरकारी विभागों के अधिकारी शामिल हैं. कोरोना काल में जहां सभी सरकारी विभागों को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ. वहीं अलवर के खनन विभाग ने प्रदेश सरकार को 10 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व दिया. बीते साल की तुलना में विभाग की तरफ से एफआईआर भी 3 गुना अधिक दर्ज कराई गई है.
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खनन विभाग की तरफ से हाल ही में करीब 6 जगहों पर अवैध खनन क्षेत्रों में अरावली के आसपास खाई कुदवाई गई है. जिससे अवैध खनन को रोका जा सके. इसमें रामगढ़, बानसूर, किशनगढ़ बास, भिवाड़ी व तिजारा शामिल है. मंगलवार को भिवाड़ी में हुई कार्रवाई के दौरान खनन विभाग की टीम को देखकर अवैध खनन माफिया अपने वाहनों सहित पास ही बनी खाई में जमा पानी में कूद गए, जिसके बाद खनन विभाग के अधिकारियों ने उनका पीछा किया ट्रैक्टर ट्रॉली को जप्त किया.
खनन विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस साल अब तक जिले में कुल 183 मामले अवैध खनन के सामने आए हैं. इनमें से 32 मामलों में एफआईआर दर्ज कराई गई है. इनसे खनन विभाग ने जुर्माने के तौर पर करीब ढाई करोड़ रुपए वसूला है, जो बीते साल से कई गुना अधिक है. जबकि अभी काफी समय बचा हुआ है. बीते साल केवल 146 मामले सामने आए थे. इनमें से 10 एफआईआर दर्ज हुई थी. इनसे पूरे साल के दौरान एक करोड़ 24 लाख 62 हजार रुपए जुर्माने के तौर पर वसूले गए थे. विभाग के अधिकारियों ने बताया की अवैध खनन रोकने के लिए लगातार विभाग की कार्रवाई का सिलसिला जारी है. खाई खुदवाने के बाद अवैध खनन माफिया ग्रामीणों के साथ मिलकर इन इकाइयों को फिर से भर देते हैं. अवैध खनन की सूचना पर विभाग की टीम त्वरित कार्रवाई के लिए पहुंच रही है. विभाग की तरफ से यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा.
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एक सप्ताह से लगातार जारी है सिलसिला
बीते एक सप्ताह के दौरान खनन विभाग की तरफ से रामगढ़ के निकच, खरखड़ी, कोटाकला, बानसूर की भूरी पहाड़ी, कठूमर की रींगस पूरा, बगड़ राजपूत व भिवाड़ी में बवन गांव सहित जिले के विभिन्न जगहों पर खाई खुदवाई गई और अवैध खनन को रोका गया.
वन विभाग के क्षेत्र में होता है अवैध खनन
अलवर जिले में ज्यादातर हिस्सा वन विभाग के क्षेत्र में आता है. ऐसे में वन विभाग के क्षेत्र में जमकर अवैध खनन होता है. वन विभाग के पास जांच-पड़ताल व कार्रवाई के लिए पर्याप्त टीम व अधिकारी नहीं है. इसलिए अवैध खनन माफिया इसका फायदा उठाते हैं व जमकर अवैध खनन करते हैं. दूसरी तरफ खनिज विभाग की तरफ से लगातार जगहों को चिन्हित कर कर प्लॉट ऑप्शन किए जा रहे हैं जिससे अवैध खनन रुक सके व सरकार को राजस्व मिल सके.
राजस्व वसूली में अलवर है नंबर वन
अलवर का खनन विभाग राजस्व वसूली में प्रदेश में नंबर वन है. कोरोना काल के दौरान जहां सभी सरकारी विभागों को करोड़ों का नुकसान हुआ, समय पर राजस्व नहीं मिला वहीं अलवर के खनिज विभाग की तरफ से 10 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व जमा करके सरकार को दिया है. बीते साल खनन विभाग ने क्षेत्र करोड़ों का राजस्व जमा किया था. इस बार करीब 90 करोड़ का राजस्व जमा हुआ है.