बहरोड़ (अलवर). दिल्ली-जयपुर हाइवे 8 पर बसे बहरोड़ उपखंड के दहमी-हमजापुर में विराजमान मनसा माता का ऐतिहासिक मेला भरना शुरू हो गया है. बहरोड के दहमी में मनसा माता का मंदिर देशभर में लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है. यहां पर साल में दो बार मेला भरता है. मेले में लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन कर मन्नत मांगते है.
ग्वाले को दिए थे मां ने दर्शन
मनसा माता के मंदिर में आज भी संवत् 1437 में चढ़ाया गया कांस्य-ताम्र का घंटा लगा है. मनसा माता को लेकर मान्यता है कि मंदिर करीब साढ़े छह सौ साल पुराना है. उस समय एक ग्वाले को माता ने कैर की झाड़ी में दर्शन दिए थे, ग्वाले ने ही यहां मंदिर की स्थापना की और ज्योति प्रज्वलित की थी. जो तब से आज तक अखंड रूप से प्रज्वलित है. मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि माता सच्चे मन से आने वाले भक्तों की हर मनसा पूरी करती है. मंदिर में जन्म पर नवजात बच्चों और नवविवाहित जोड़े की जात लगती है, वहीं साल भर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन चलता रहता है.
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नवरात्रों में मनसा माता के दरबार में देशभर से दर्शन को आए श्रद्धालु
मनसा माता मंदिर के मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है और माता रानी के दर्शन कर धोक लगाते हैं. यहां के लोगों का कहना है कि मेले के दौरान नवजात बच्चों को दर्शन कराने से बच्चा बीमारियों से दूर रहता है और नवविवाहित जोड़े यहां सदा खुश रहने की कामना करने के लिए माता के दर्शन करने आते हैं.
बता दें कि चार दिन चलने वाला यह मेला गुरुवार से शुरू हुआ है, जिसमें लाखों लोग माता के दर्शन कर मन्नत मागेंगे. साल में दो बार भरने वाला मनसा माता के दोनों मेले नवरात्रों में भरते हैं लेकिन, छट से लेकर नवमी तक भक्तों की संख्या बढ़ जाती है. सुरक्षा के तौर पर यहां प्रशासन के द्वारा पुख्ता इंतजाम किये हुए हैं ताकि, किसी भी श्रद्धालु को कोई भी परेशानी नहीं हो.