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मनसा माता के लक्खी मेले का आगाज, देशभर से पहुंच रहे श्रद्धालु

अलवर के बहरोड़ में स्थित मनसा माता मंदिर का साल में दो बार भरने वाला मेला गुरुवार से शुरू हो गया है. यह मेला चार दिन तक चलेगा. जिसमें देश के कई स्थानों से श्रद्धालु माता को धोक लगाने आएंगे. इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां मां अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करती है. माता के दर पर श्रद्धालु नवजात बच्चों और नवविवाहित जोड़ों को लेकर आते हैं और उनके सुखी जीवन की कामना करते हैं.

अलवर न्यूज, alwar news
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Published : Oct 3, 2019, 10:15 AM IST

बहरोड़ (अलवर). दिल्ली-जयपुर हाइवे 8 पर बसे बहरोड़ उपखंड के दहमी-हमजापुर में विराजमान मनसा माता का ऐतिहासिक मेला भरना शुरू हो गया है. बहरोड के दहमी में मनसा माता का मंदिर देशभर में लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है. यहां पर साल में दो बार मेला भरता है. मेले में लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन कर मन्नत मांगते है.

मनसा माता का लक्खी मेला हुआ शुरू

ग्वाले को दिए थे मां ने दर्शन

मनसा माता के मंदिर में आज भी संवत् 1437 में चढ़ाया गया कांस्य-ताम्र का घंटा लगा है. मनसा माता को लेकर मान्यता है कि मंदिर करीब साढ़े छह सौ साल पुराना है. उस समय एक ग्वाले को माता ने कैर की झाड़ी में दर्शन दिए थे, ग्वाले ने ही यहां मंदिर की स्थापना की और ज्योति प्रज्वलित की थी. जो तब से आज तक अखंड रूप से प्रज्वलित है. मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि माता सच्चे मन से आने वाले भक्तों की हर मनसा पूरी करती है. मंदिर में जन्म पर नवजात बच्चों और नवविवाहित जोड़े की जात लगती है, वहीं साल भर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन चलता रहता है.

ये पढें: चूरू: रेलवे पुलिस की सक्रियता ने बचाई महिला यात्री की नगदी और ज्वेलरी

नवरात्रों में मनसा माता के दरबार में देशभर से दर्शन को आए श्रद्धालु
मनसा माता मंदिर के मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है और माता रानी के दर्शन कर धोक लगाते हैं. यहां के लोगों का कहना है कि मेले के दौरान नवजात बच्चों को दर्शन कराने से बच्चा बीमारियों से दूर रहता है और नवविवाहित जोड़े यहां सदा खुश रहने की कामना करने के लिए माता के दर्शन करने आते हैं.

बता दें कि चार दिन चलने वाला यह मेला गुरुवार से शुरू हुआ है, जिसमें लाखों लोग माता के दर्शन कर मन्नत मागेंगे. साल में दो बार भरने वाला मनसा माता के दोनों मेले नवरात्रों में भरते हैं लेकिन, छट से लेकर नवमी तक भक्तों की संख्या बढ़ जाती है. सुरक्षा के तौर पर यहां प्रशासन के द्वारा पुख्ता इंतजाम किये हुए हैं ताकि, किसी भी श्रद्धालु को कोई भी परेशानी नहीं हो.

बहरोड़ (अलवर). दिल्ली-जयपुर हाइवे 8 पर बसे बहरोड़ उपखंड के दहमी-हमजापुर में विराजमान मनसा माता का ऐतिहासिक मेला भरना शुरू हो गया है. बहरोड के दहमी में मनसा माता का मंदिर देशभर में लाखों भक्तों की आस्था का केंद्र है. यहां पर साल में दो बार मेला भरता है. मेले में लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन कर मन्नत मांगते है.

मनसा माता का लक्खी मेला हुआ शुरू

ग्वाले को दिए थे मां ने दर्शन

मनसा माता के मंदिर में आज भी संवत् 1437 में चढ़ाया गया कांस्य-ताम्र का घंटा लगा है. मनसा माता को लेकर मान्यता है कि मंदिर करीब साढ़े छह सौ साल पुराना है. उस समय एक ग्वाले को माता ने कैर की झाड़ी में दर्शन दिए थे, ग्वाले ने ही यहां मंदिर की स्थापना की और ज्योति प्रज्वलित की थी. जो तब से आज तक अखंड रूप से प्रज्वलित है. मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि माता सच्चे मन से आने वाले भक्तों की हर मनसा पूरी करती है. मंदिर में जन्म पर नवजात बच्चों और नवविवाहित जोड़े की जात लगती है, वहीं साल भर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन चलता रहता है.

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नवरात्रों में मनसा माता के दरबार में देशभर से दर्शन को आए श्रद्धालु
मनसा माता मंदिर के मेले में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते है और माता रानी के दर्शन कर धोक लगाते हैं. यहां के लोगों का कहना है कि मेले के दौरान नवजात बच्चों को दर्शन कराने से बच्चा बीमारियों से दूर रहता है और नवविवाहित जोड़े यहां सदा खुश रहने की कामना करने के लिए माता के दर्शन करने आते हैं.

बता दें कि चार दिन चलने वाला यह मेला गुरुवार से शुरू हुआ है, जिसमें लाखों लोग माता के दर्शन कर मन्नत मागेंगे. साल में दो बार भरने वाला मनसा माता के दोनों मेले नवरात्रों में भरते हैं लेकिन, छट से लेकर नवमी तक भक्तों की संख्या बढ़ जाती है. सुरक्षा के तौर पर यहां प्रशासन के द्वारा पुख्ता इंतजाम किये हुए हैं ताकि, किसी भी श्रद्धालु को कोई भी परेशानी नहीं हो.

Intro:दिल्ली-जयपुर हाइवे 8 पर बसे बहरोड़ उपखंड के दहमी-हमजापुर में विराजमान मनसा माता का ऐतिहासिक मेला भरना सुरु हो गया है । बहरोड के दहमी में मंशा माता के देशभर में लाखों भक्तो की आस्था का केंद्र है।Body:दिल्ली-जयपुर हाइवे 8 पर बसे बहरोड़ उपखंड के दहमी-हमजापुर में विराजमान मनसा माता का ऐतिहासिक मेला भरना सुरु हो गया है । बहरोड के दहमी में मंशा माता के देशभर में लाखों भक्तो की आस्था का केंद्र है। यहां पर साल में दो बार मेला भरता है और इस मेले में लाखों श्रद्धालु माता के दर्शन कर मन्नत मांगते है और अपनी मनोकामना पूरी करते हैं। मंशा माता के मंदिर में आज भी संवत् 1437 में चढ़ाया कांस्य-ताम्र का घंट लगा है। मंशा माता की मान्यता है कि मंदिर करीब साढ़े छह सौ साल पुराना है। उस समय ग्वाले को माता ने कैर की झाड़ी में दर्शन दिए। ग्वाले ने यहां मंदिर की स्थापना की और ज्योति प्रज्वलित की। जो तब से अखंड रूप से प्रज्वलित है। मंदिर के बारे में यह मान्यता है की माता सच्चे मन से आने वाले भक्तों की हर मंशा पूरी करती है । जिससे यहां पर जन्म पर नवजात बच्चों और नवविवाहित जोड़े की जात लगती है। मन्दिर में साल भर धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन चलता रहता है।
नवरात्रों में मंशा माता के दरबार मे राजस्थान , हरियाणा , दिल्ली ,उत्तरप्रेदश , मुम्बई सहित देशभर से माता के भक्त मेले में आते है ।
मंदिर में मेले के लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते और माता रानी के दर्शन कर धोक लगाते हैं। मान्यता है कि यहां मेले के दौरान नवजात बच्चों को दर्शन कराने से वह बीमारियों से दूर रहता है और नवविवाहित जोड़े यहां सदा खुश रहने की कामना करने के लिए माता के दर्शन करने आते हैं। आपको बता दे कि यह मेला आज से सुरु हुआ है और लगातार चार दिन तक परवान पर रहेगा । यहां पर लाखों लोग माता के दर्शन कर मन्नत मागेंगे । मंशा माता का यह मेला साल में दो बार भारत है । वैसे तो मंशा माता के दोनो मेले नवरात्रों में भरते है । लेकिन छट के लेकर नवमी तक भक्तो की संख्या बढ़ जाती है । सुरक्षा के तौर पर यहाँ प्रशासन के द्वारा पुख्ता इंतज़ाम किये हुए है ताकि किसी भी श्रदालु को कोई भी दिक्कत नही हो । बाइट- महिला भक्त जैसलमेर , बाइट-महिला भक्त मुम्बई पीटीसी- हंसराज बहरोड़ अलवरConclusion:मंशा माता के मंदिर में आज भी संवत् 1437 में चढ़ाया कांस्य-ताम्र का घंट लगा है। मंशा माता की मान्यता है कि मंदिर करीब साढ़े छह सौ साल पुराना है। उस समय ग्वाले को माता ने कैर की झाड़ी में दर्शन दिए। ग्वाले ने यहां मंदिर की स्थापना की और ज्योति प्रज्वलित की। जो तब से अखंड रूप से प्रज्वलित है। मंदिर के बारे में यह मान्यता है की माता सच्चे मन से आने वाले भक्तों की हर मंशा पूरी करती है
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