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अलवरः कोरोना संक्रमण के चलते बंद मंदिर में चल रही है भगवान जगन्नाथ के विवाह की रस्म - जगन्नाथ की यात्रा

कोरोना संक्रमण के चलते अलवर में भगवान जगन्नाथ के विवाह की रस्म बंद मंदिर में ही शुरू हो गई है. साथ ही 165 साल पुरानी जगन्नाथ की यात्रा भी इस बार नहीं निकलेगी. कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश सरकार ने 30 जून तक मंदिर बंद करने के निर्देश दिए हैं.

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बंद मंदिर में चल रही है भगवान जगन्नाथ के विवाह की रस्म
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Published : Jun 16, 2020, 12:24 PM IST

अलवर. कोरोना संक्रमण के चलते अलवर में भगवान जगन्नाथ के विवाह की रस्म बंद मंदिर में शुरू हो गई है. प्रदेश सरकार ने 30 जून तक मंदिर बंद करने के निर्देश दिए थे. ऐसे में 165 साल पुरानी जगन्नाथ की यात्रा इस बार नहीं निकलेगी.

बंद मंदिर में चल रही है भगवान जगन्नाथ के विवाह की रस्म

अलवर के पुराने कटले में भगवान जगन्नाथ प्राचीन मंदिर है. 165 साल से लगातार मंदिर में भगवान जगन्नाथ की शोभायात्रा निकलती है. साथ ही जगन्नाथ और जानकी जी का विवाह होता है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते ना तो शोभायात्रा निकलेगी और ना ही मेला भरेगा, लेकिन भगवान का विवाह होगा. भगवान के विवाह की रस्म बंद मंदिर में शुरू हो चुकी हैं.

इन रस्मों में केवल मंदिर समिति और कुछ लोग ही हिस्सा ले रहे हैं. मंदिर समिति के पदाधिकारी ने कहा कि भगवान का विवाह पूरे विधि विधान से होगा. मंदिर के अंदर विवाह की रस्म चल रही है. लोग भी इसमें शामिल हो सके, उसके लिए सोशल मीडिया की मदद लेने की योजना चल रही है.

यह भी पढ़ें- Covid-19 Update: प्रदेश में मिले 287 नए पॉजिटिव, 9 की मौत, संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचा 12,981 पर

मंदिर के महंत पंडित देवेंद्र शर्मा ने कहा कि अलवर में जगन्नाथपुरी के बाद दूसरी बड़ी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलती है. प्रशासन से वार्ता हुई है, लेकिन कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिली है. अलवर के अलावा आसपास के जिलों और राज्यों के लोग भी भगवान की आस्था से जुड़े हुए हैं. अलवर के जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा हर साल जगन्नाथ मेला स्थल जाती है. वहां 3 दिन तक मेला भरता है और भगवान का विवाह होता है, लेकिन इस बार सभी कार्यक्रम मंदिर में ही होंगे.

अलवर. कोरोना संक्रमण के चलते अलवर में भगवान जगन्नाथ के विवाह की रस्म बंद मंदिर में शुरू हो गई है. प्रदेश सरकार ने 30 जून तक मंदिर बंद करने के निर्देश दिए थे. ऐसे में 165 साल पुरानी जगन्नाथ की यात्रा इस बार नहीं निकलेगी.

बंद मंदिर में चल रही है भगवान जगन्नाथ के विवाह की रस्म

अलवर के पुराने कटले में भगवान जगन्नाथ प्राचीन मंदिर है. 165 साल से लगातार मंदिर में भगवान जगन्नाथ की शोभायात्रा निकलती है. साथ ही जगन्नाथ और जानकी जी का विवाह होता है, लेकिन इस बार कोरोना के चलते ना तो शोभायात्रा निकलेगी और ना ही मेला भरेगा, लेकिन भगवान का विवाह होगा. भगवान के विवाह की रस्म बंद मंदिर में शुरू हो चुकी हैं.

इन रस्मों में केवल मंदिर समिति और कुछ लोग ही हिस्सा ले रहे हैं. मंदिर समिति के पदाधिकारी ने कहा कि भगवान का विवाह पूरे विधि विधान से होगा. मंदिर के अंदर विवाह की रस्म चल रही है. लोग भी इसमें शामिल हो सके, उसके लिए सोशल मीडिया की मदद लेने की योजना चल रही है.

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मंदिर के महंत पंडित देवेंद्र शर्मा ने कहा कि अलवर में जगन्नाथपुरी के बाद दूसरी बड़ी भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकलती है. प्रशासन से वार्ता हुई है, लेकिन कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिली है. अलवर के अलावा आसपास के जिलों और राज्यों के लोग भी भगवान की आस्था से जुड़े हुए हैं. अलवर के जगन्नाथ मंदिर से रथ यात्रा हर साल जगन्नाथ मेला स्थल जाती है. वहां 3 दिन तक मेला भरता है और भगवान का विवाह होता है, लेकिन इस बार सभी कार्यक्रम मंदिर में ही होंगे.

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