अलवर. कोरोना वायरस के बढ़ते हुए प्रभाव को देखते हुए 15 अप्रैल तक देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश को लॉक डाउन कर दिया है. ऐसे में सभी काम बंद हैं. लोगों को घर से बाहर निकलने नहीं दिया जा रहा है. सरकार के आदेश पर प्रशासन की तरफ से लोगों को राशन किट, जरूरत के सामान और खाने के पैकेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं. सरकार ने इसके लिए गाइडलाइन भी जारी की है.
बता दें कि शहरी क्षेत्र में करीब 12 से ज्यादा संस्थाओं के लोग इस काम में जुटे हुए हैं. दिनभर शहर की सड़कों पर इस तरह के लोग नजर आते हैं. लेकिन शहर से बाहर निकलते ही हालात कुछ उलटा है. लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं है. लोग घरों से नहीं निकल पा रहे हैं. ऐसे में घर का राशन समाप्त हो चुका है. ऐसे में बुजुर्गों को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बच्चों के लिए दूध और ब्रेड अन्य जरूरी संसाधन भी उपलब्ध नहीं है.
प्रशासन से नहीं मिल रही कोई मदद
लोगों का कहना है कि गांव के सरपंच और अन्य लोगों को इसकी जानकारी दी गई. लेकिन अभी तक प्रशासन की कोई मदद उनको नहीं मिली है. उनका कहना है कि घर का राशन समाप्त हो चुका है. उनके पास राशन लाने के पैसे भी नहीं है.
अलवर शहर के बाहरी हिस्सों में सरकार और प्रशासन के सभी दावे झूठे साबित हुए. इस तरह के हालात पूरे जिले के हैं. जिले भर में लोग परेशान हैं. शहरी क्षेत्रों में पुलिस, प्रशासन, सामाजिक संस्था और आम लोग सभी मदद करते हुए नजर आ रहे हैं. लेकिन दूरदराज के क्षेत्रों में हालात ज्यादा खराब है, ऐसे में लोगों को प्रशासन की मदद का इंतजार है.