अलवर. शहर के बीचो-बीच मनु मार्ग हाउसिंग बोर्ड में जलदाय विभाग का मुख्य कार्यालय है. यहां दो दिन से लगातार क्लोरीन गैस का रिसाव हो रहा था. इस एरिया में 300 मीटर की दूरी पर स्कूल कॉलेज शॉपिंग मॉल हॉस्पिटल और अन्य कॉलोनी है, जो क्लोरीन गैस की चपेट में आ सकती थी. लेकिन आसपास के क्षेत्र के लोगों को जैसे ही गैस से परेशानी हुई.
उन्होंने तुरंत जलदाय विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद अधिकारियों ने सोमवार को कार्यालय में पहुंचकर सभी क्लोरीन गैस के सिलेंडरों को निस्तारण के लिए भेजा. जलदाय विभाग के अधिकारियों ने कहा कि पानी सप्लाई में क्लोरीन गैस के सिलेंडर काम आते हैं. सरकार और प्रदूषण विभाग की अनुमति के बाद इन सिलेंडरों को भेजा जाता है और समय रहते इनके निस्तारण की प्रक्रिया भी बनी हुई है. जलदाय विभाग के कार्यालय में लंबे समय से खाली सिलेंडर पड़े हुए थे.
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इनमें थोड़ी बहुत गैस थी अचानक वॉटर लीक होने से गैस लीक होने लगी. इससे आसपास क्षेत्र के लोगों की आंखों में जलन सहित कई तरह की परेशानी हुई. डॉक्टर ने कहा कि गैस घातक हो सकती थी. क्योंकि क्लोरीन गैस आंखों में जलन के साथ फेफड़ों में भी नुकसानदायक है. इससे कई तरह की परेशानी हो सकती है. समय रहते इस पर कंट्रोल पाना जरूरी है.
दूसरी तरफ जलदाय विभाग के अधिकारी ने कहा कि मामले की जानकारी मिलते ही सिलेंडर को निस्तारण के लिए फैक्ट्री में भेज दिया गया है. सिलेंडर कई साल से जलदाय विभाग के स्टोर में पड़े हुए थे. इनमें गैस नहीं थी, लेकिन वासर लीकेज होने के कारण थोड़ी बहुत गैस आसपास क्षेत्र में फैली, हालांकि इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं हुई है.
अलवर नगर परिषद बना भ्रष्टाचार का अड्डा
अलवर नगर परिषद के सत्ता और विपक्ष के पार्षदों ने सोमवार को नगर परिषद की सभापति बीना गुप्ता और नगर परिषद के आयुक्त सोहन सिंह नरूका का पुतला फूंका. पार्षदों का आरोप था कि 14 माह से पार्षद और आम लोगों के काम नहीं हो रही है. ऐसे में जनता परेशान हैं, शहर में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं. थोड़ी बारिश में नालों से पानी निकलने लगा. नाले गंदगी से ओवरफ्लो हैं. रात के समय रोड लाइट बंद होती है. जगह-जगह आवारा पशु घूम रहे हैं. लोगों के समय पर जन्म प्रमाण पत्र नहीं बन रहे और विवाह पंजीयन प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भी लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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अलवर नगर परिषद के पार्षदों ने कहा कि कामकाज पूरी तरह से ठप है. कमिश्नर और सभापति मिलीभगत करके टेंडर निकाल रहे हैं. अपनी मनमर्जी से लोगों को टेंडर दिए जा रहे हैं. शहर की सफाई व्यवस्था पूरी तरह से खराब हो चुकी है. चारों तरफ गंदगी के ढेर लगे हुए हैं. नगर परिषद का कोई भी अधिकारी और कर्मचारी काम करने को तैयार नहीं है. सरकार ने नगर परिषद के लिए आयुक्त लगाए हैं, लेकिन वो केवल सभापति के काम कर रहे हैं. सारी फाइलें सभापति यह घर पहुंच रही हैं, जो नियम के हिसाब से गलत हैं. आम जनता को कोई फायदा नहीं मिल रहा है.
शहर की जनता पूरी तरह से त्रस्त है व लोग परेशान हैं. लोगों ने कहा कहा कि नगर परिषद से संबंधित काम के लिए चक्कर लगाने पड़ते हैं. बिना पैसे के कोई काम नहीं होता. नगर परिषद के कर्मचारी और अधिकारी खुलेआम भ्रष्टाचार कर रहे हैं तो वहीं पार्षदों ने कहा प्रदेश में कांग्रेस की सरकार है. नगर परिषद में कांग्रेस का बोर्ड है. उसके बाद भी कांग्रेस के पार्षदों के काम नहीं हो रहे हैं. पहली बार ऐसा देखने को मिला है जब पक्ष और विपक्ष दोनों ही पार्टियों के पार्षद एक साथ प्रदर्शन कर रहे हैं. ऐसे में साफ है किस शहर के हालात खराब है.