अलवर. एक बार लोकसभा चुनाव में फिर से राजा व योगी का सामना हो सकता है. पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अलवर को जीरो क्राइम के रेशों पर लाना है. उसके लिए पूरे प्रदेश में अलवर टॉप प्रायोरिटी पर है. मुख्यमंत्री गहलोत ने सभी अधिकारियों को विशेष तौर पर निर्देश दिए हैं. तो वही इसके चलते अलवर में सभी अधिकारियों के तबादले भी किए गए हैं.
ईटीवी भारत से विशेष बातचीत में जितेंद्र सिंह ने कहा कि अलवर की भौगोलिक स्थिति अन्य जिलों से अलग है. एक तरफ उत्तर प्रदेश व दूसरी तरफ हरियाणा से सीमा लगती है. अलवर एनसीआर का हिस्सा है, तो यहां की औद्योगिक इकाइयों में हजारों लोग दूसरे राज्यों के काम करते हैं. ऐसे में कोई भी आसानी से क्राइम करके दूसरे राज्यों में जा सकता है. उनका पुलिस सत्यापन भी नहीं होता है.
जितेंद्र सिंह ने बताया कि एनसीआर क्षेत्र में होने वाली घटनाओं का अलवर पर भी खासा प्रभाव पड़ता है. इसलिए अलवर प्रदेश में अन्य जिलों से अलग है. तो वहीं सरकार की प्रायोरिटी पर भी अलवर आता है. खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अलवर के बहरोड़ व नीमराना सहित पूरे जिले में क्राइम का रेशों कम करने के अधिकारियों को खास निर्देश दिए है. इसके चलते प्रशासन में बड़ा बदलाव किया गया है.
आपको बता दें कि अलवर से कांग्रेस ने अपना चेहरा जितेंद्र सिंह को बनाया है तो भाजपा की तरफ से प्रत्याशी घोषित नहीं किए गए हैं. भाजपा की तरफ से अभी तक योगी बालक नाथ का नाम आगे चल रहा है. तो वहीं इस दिशा में बालक नाथ ने अलवर में अपने कार्यालय का भी शुरुआत की. इस पर जितेंद्र सिंह ने कहा कि अभी तक कुछ निर्धारित नहीं है. अगर भाजपा योगी को टिकट देती है तो अच्छा है. जितेंद्र सिंह ने योगी को बधाई दी.