अलवर. कलेक्ट्रेट के पास पीडब्ल्यूडी कार्यालय में सुबह जरख के आने की सूचना मिली. मामले की जानकारी मिलते ही वन विभाग के अधिकारियों को जरख की जानकारी दी गई. कुछ देर में वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. कई घंटों की मशक्कत के बाद वन विभाग की टीम ने जरख को ट्रेंकुलाइज करके पकड़ा है. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि जरख के सिर में चोट है. इलाज के बाद जरख को जंगल में छोड़ा जाएगा.
अलवर के आबादी क्षेत्र में लगातार आए दिन वन्यजीवों के आने की सूचना मिलती हैं. अलवर के सबसे भीड़भाड़ और व्यस्तम क्षेत्रों में से एक कलेक्ट्रेट के पास पीडब्लूडी कार्यालय में बुधवार सुबह जरख के आने की सूचना मिली. मामले की जानकारी तुरंत वन विभाग के अधिकारियों को दी गई. कुछ देर में अलवर वन विभाग की टीम पीडब्ल्यूडी कार्यालय में पहुंची. इस दौरान कई एनजीओ के लोग भी वन विभाग की टीम के साथ वहां पहुंचे.
जरख पीडब्ल्यूडी कार्यालय में एक जगह पर बैठा हुआ था. कुछ देर बाद डॉक्टर और वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. जरख को ट्रेंकुलाइज किया गया. इसके बाद बेहोशी के दो फायर किए गए. इसमें से एक बेहोशी की गोली जरख के लगी, जिसके बाद जरख बेहोश हो गया. वन विभाग के कर्मचारियों ने जरख को रेस्क्यू करके उसको पिंजरे में रखा और वन विभाग के कार्यालय में ले गए. इस दौरान सिरस्का से पहुंचे एक डॉक्टर भी टीम में शामिल थे.
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रेंजर शंकर सिंह शेखावत ने कहा कि करीब एक से डेढ़ घंटे की मशक्कत के बाद जरख को ट्रेंकुलाइज करके रेस्क्यू किया गया है. जरख बाला किला क्षेत्र से आया है. इसके सिर में चोट है. इलाज के बाद वापस इसे जंगल में छोड़ा जाएगा. डॉक्टर ने कहा घायल अवस्था में जरख के पीडब्ल्यूडी कार्यालय में पहुंचने की सूचना मिली थी. मामले की जानकारी मिलते ही वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और ट्रेंकुलाइज करके इलाज किया जाएगा. स्वस्थ होने पर इसे वापस अंधेरी और अन्य जंगल क्षेत्र में छोड़ा जाएगा.