अलवर. जिले में सेना की मुख्यालय है. सेना के लिहाज से अलवर विशेष स्थान रखता है. शुक्रवार को अलवर में सेना की दक्षिण पश्चिमी कमान का अलंकरण समारोह हुआ. इसमें दक्षिण पश्चिमी कमान के लेफ्टिनेंट जनरल आलोक क्लेर शामिल हुए. उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्ति के बाद सेना के अधिकारियों के सैनिकों को उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी व निजी मल्टीनेशनल कंपनियों में नौकरी मिलेगी.
पढ़ें- Exclusive: प्रदेश में एक बार फिर बदमाशों की धरपकड़ के लिए चलाया जाएगा टॉप-10 अभियान, निर्देश जारी
इसके लिए दिल्ली में एक विंग खोली गई है, जिसमें अलग से अधिकारी तैनात किए गए हैं जो लगातार इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रख रहे हैं. इस संबंध में कई मल्टीनेशनल कंपनियों से बातचीत हुई है. साथ ही प्रदेश के मुख्यमंत्री और सरकारों से भी चर्चाएं चल रही है, जिससे सैनिकों को सेवानिवृत्ति के बाद गार्ड के अलावा कई अन्य नौकरियां भी मिल सके. कई बड़ी निजी मल्टीनेशनल कंपनियों ने इसमें रुचि भी दिखाई है.
लेफ्टिनेंट कर्नल ने कहा कि कोरोना एक विश्वव्यापी परेशानी थी, लेकिन अब हालात सामान्य होने लगे हैं. ऐसे में कोरोना काल में रुका हुआ सेना भर्ती का काम फिर से शुरू हुआ है. राजस्थान में अलवर सहित प्रदेश में दो बड़ी सेना रैली होने वाली है. इसके अलावा लंबित मामलों को भी हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा की सेना के प्रति युवाओं का रुझान कम हुआ है. देश के हालात बदल रहे हैं. देश में नौकरी व व्यापार के नए क्षेत्रों में कई तरह के विकल्प उपलब्ध हैं, जिसमें युवाओं को बेहतर नौकरी मिल सकती है और साथ ही वो अपनी जरूरत के हिसाब से व्यापार भी कर सकते हैं, जिन पर युवा ध्यान दे रहे हैं. लेकिन, सेना को तकनीकी रूप से जिन सैनिकों की आवश्यकता है या कहे जिन पोस्ट पर आवश्यकता है उसके अनुसार सेना को सैनिक मिल रहे हैं व पर्याप्त मात्रा में है.
इसके अलावा कई नई तैयारियां चल रही हैं, जिसके तहत सीधी महिला ऑफिसर व अन्य जरूरत के ट्रेड पर युवाओं की भर्ती की जा रही है. आने वाले समय में सेना में भी कई तरह के बदलाव पर काम चल रहा है. लेफ्टिनेंट कर्नल ने कहा कि सेवानिवृत्ति व सैनिक के शहीद होने के बाद उसके परिजनों को सरकार की पूरी मदद मिले सेना की सभी योजनाओं का लाभ मिले. इसके लिए लगातार सेना की तरफ से प्रयास किए जाते रहे हैं.
पढ़ें- पायलट का पावरगेम : किसान महापंचायत में केंद्र को खरी-खरी...गहलोत गुट को भी दिया बड़ा संदेश
उन्होंने कहा कि जैसे ही किसी मामले की जानकारी मिलती है तो सेना के अधिकारी खुद उस मामले को फॉलो करते हैं. साथ ही जिला स्तर पर सैनिक कल्याण अधिकारी सहित तमाम जिम्मेदार अधिकारियों को बैठाया गया है, जो सैनिक व उनके परिवारों को मदद उपलब्ध कराते हैं. अगर किसी मरीज को दवाई की आवश्यकता है तो उसे दवाई उपलब्ध कराई जाती है. अगर किसी मरीज को कोई मशीन व उपकरण की आवश्यकता है तो वो भी इनको समय रहते उपलब्ध कराए जाते हैं.
इसके अलावा कई अन्य संस्थाएं भी इस पर काम कर रही हैं. अगर किसी सैनिक को एक जगह से मदद नहीं मिलती तो उसे दूसरी जगह से मदद उपलब्ध कराई जाती है. कुछ मामलों को छोड़ दें तो सभी मामलों में समय रहते पूर्व सैनिकों व उनके परिजनों को राहत देने के प्रयास किए जाते हैं. उन्होंने कहा कि सेना की तरफ से सैनिकों को हर संभव मदद उपलब्ध कराने के अलावा उनके परिजनों को मिलने वाले कंपनसेशन पर भी पूरा ध्यान रहता है.