अलवर. लगभग पूरे जिले में वैसे तो साल भर पानी की किल्लत रहती है. पूरा जिला डार्क जोन में आ चुका है. सतही पानी के इंतजाम नहीं होने के कारण पूरा जिला ट्यूबवेल के भरोसे चल रहा है. भूमिगत जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है. ऐसे में लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा.
अलवर शहर की बात करें तो यहां गर्मी के मौसम के दौरान पानी की डिमांड 90 से 100 एमएलडी के आसपास पहुंच जाती है. जबकि जलदाय विभाग 45 से 50 एमएलडी पानी सप्लाई कर पाता है. शहर की 35 से अधिक कॉलोनियां और 40 पुराने मोहल्लों में लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिलता. परेशान लोग प्रतिदिन अपनी समस्या लेकर जलदाय विभाग के कार्यालय में पहुंचते हैं.
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गुरुवार को बड़ी संख्या में ट्रांसपोर्ट नगर, घोड़ाफेर चौराहा पुलिस, लाइन सहित करीब आधा दर्जन कॉलोनी में मोहल्लों के लोग पानी समस्या लेकर जलदाय विभाग के कार्यालय में पहुंचे. इस दौरान मौजूद लोगों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही पानी की व्यवस्था करने की बात रखी. जलदाय विभाग के अधिकारियों ने कहा, जल्द ही व्यवस्था हो जाएगी, पानी का संकट लगातार बढ़ रहा है.
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लोगों ने अपना विरोध जताते हुए कहा, कई महीनों से हालातों में कोई सुधार नहीं नजर नहीं आया. हर बार जलदाय विभाग के अधिकारी केवल झूठा आश्वासन देते हैं. कोरोना काल में लोगों को पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है. ऐसे में पॉजिटिव लोग भी खाली बर्तन लेकर एक जगह से दूसरी जगह पानी की तलाश के लिए घूम रहे हैं. इससे लगातार कोरोना का संक्रमण फैल रहा है. दूसरी तरफ जलदाय विभाग के अधिकारियों ने कहा, जिन क्षेत्रों में पानी की समस्या है. वहां पानी के टैंकर भेजे जा रहे हैं. इसके अलावा जलदाय विभाग की तरफ से नए ट्यूबवेल खोदने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है.
मुख्यालय से अनुमति मिलने के बाद नए ट्यूबवेल खोले जाएंगे. दूसरी तरफ जिला कलेक्टर प्रशासनिक अधिकारी भी लगातार जलदाय विभाग के अधिकारियों को कई बार फटकार लगा चुके हैं कि जो कोरोना का हाल में सभी को पीने के लिए पर्याप्त पानी मिलना चाहिए. पानी के लिए लोग एक जगह से दूसरे के पास परेशान नहीं होने चाहिए. उसके बाद भी जिले में हालात खराब हैं.