अलवर. जिले में कोरोना का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है. साथ ही डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया भी पैर पसार रहा है. डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के लक्षण कोरोना से मिलते जुलते हैं. इन सभी बीमारियों में बुखार, जुकाम और खांसी सहित सामान्य तौर पर दिक्कतें होती हैं. मौसमी बीमारी के चक्कर में लोग अपनी जांच नहीं करा रहे हैं. ऐसे में उनके शरीर में कोरोना का इंफेक्शन फैल जाता है. जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है.
ऐसे में स्वास्थ विभाग की तरफ से लगातार लोगों को सावधान रहने के लिए कहा गया है. किसी भी तरह की दिक्कत होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेने और जांच कराने के निर्देश दिए हैं. अलवर में मौसमी बीमारी का प्रभाव भी अन्य जिलों की तुलना में ज्यादा रहता है. हर साल डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया से लोगों की मौत होती है. मच्छरों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए अलवर शहर में फॉगिंग का काम शुरू हो चुका है.
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अलवर में अब तक मलेरिया के 15, डेंगू के 234 और चिकिनगुनिया के 55 लोग मिल चुके हैं. दूसरी तरफ कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा 25 हजार के आसपास पहुंच चुका है. तेजी से बढ़ती मरीजों की संख्या को देखते हुए सरकार की तरफ से नई गाइडलाइन जारी की गई है. अलवर शहर में नात रात्रि कर्फ्यू लगा दिया गया है. मास्क पहनना अनिवार्य करते हुए जुर्माना लगाने का प्रावधान भी किया गया है. इसके अलावा भी कई तरह के बदलाव सरकार की तरफ से किए गए हैं. अलवर में अब तक करीब 100 लोगों की मौत के मामले सामने आ चुके हैं.