अलवर. जिले में कोरोना का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है. जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 15 हजार के आस-पास पहुंच चुकी है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जिला स्तर पर कोरोना के आंकड़े जारी नहीं किए जा रहे हैं. ऐसे में अलवर पहुंची मंत्री ममता भूपेश ने कहा कि सरकार पारदर्शिता बरत रही है. जिस दिन मंत्री ने ये दावा किया उसी दिन अलवर और प्रदेश स्तरीय आंकड़ों में बड़ा अंतर नजर आया. अलवर में कोरोना से शनिवार को एक मौत हुई, जबकि स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में मौत को भी शामिल नहीं किया गया.
जिले में कोरोना के कारण लगातार मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. कोरोना 10.70 फ़ीसदी की गति से लोगों को संक्रमित कर रहा है. राहत की बात ये है कि 85.13 फीसदी लोग कोरोना को मात भी दे चुके हैं. जिले में अब तक एक लाख 39 हजार 790 लोगों के सैंपल की जांच हुई है. इनमें से अब तक 14 हजार 964 लोग पॉजिटिव मिल चुके हैं. शनिवार तक जिले में एक लाख 41 हजार 717 सैंपल ली जा चुके हैं. इनमें से 12 हजार 740 लोग कोरोना को मात देकर नेगेटिव हो चुके हैं.
बता दें कि जिले में करीब 60 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है. शाहजहांपुर कस्बे के 70 वर्षीय सेवानिवृत्त व्याख्याता कि शुक्रवार रात को जयपुर के कोविड हॉस्पिटल में मौत हो गई. जयपुर से आई टीम ने कोविड गाइडलाइन के तहत पीपीई किट पहनकर अंतिम संस्कार प्रक्रिया करवाई.
वहीं, बहरोड़ के आनंदपुरा गांव स्थित सीआईएसएफ के ट्रेनिंग सेंटर के 7 जवानों सहित जिले में 277 नए संक्रमित मरीज मिले हैं. सीआईएसएफ के जवान पहले भी संक्रमित हो चुके हैं. इसी तरह से राजगढ़ थानों में पुलिसकर्मी पॉजिटिव हो रहे हैं. शहर में भी लगातार पॉजिटिव मरीजों का ग्राफ बढ़ रहा है. जबकि स्वास्थ विभाग की माने तो अलवर में शनिवार को कोरोना से 169 नए मामले आए. जबकि एक भी व्यक्ति की मौत कोरोना से नहीं हुई.
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अलवर की प्रभारी मंत्री ममता भूपेश के दावों के बाद भी शनिवार को हालातों में कोई सुधार नजर नहीं आया. ऐसे में साफ है कि कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोरोना के आंकड़ों में फेरबदल किया जा रहा है. साथ ही स्वास्थ्य विभाग आंकड़ों में छेड़छाड़ करके कोरोना का प्रभाव कम दिखाने का प्रयास कर रहा है. ऐसे में लोग बेफिक्र हो चुके हैं, जिसके चलते लगातार कोरोना का प्रभाव बढ़ रहा है. यही हालात रहे तो आने वाले समय में परेशानी और बढ़ सकती है. ऐसे में मास्क, सैनिटाइजर और सोशल डिस्टेंसिंग को वैक्सीन की तरह काम में लेना होगा.