अलवर. जिले में विदेश से लौटे और कोरोना संदिग्ध मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग के दौरान उनके बाएं हथेली के पीछे की तरफ अमिट स्याही से मोहर लगाई जा रही है. इसके लिए शुक्रवार को राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में 4 कोरोना स्क्रीन टीम को अमिट स्याही और मोहर को उपलब्ध करवा दी गई हैं.
चिकित्सा विभाग द्वारा जिले में विदेश से लौटने वाले कोरोना संदिग्धों को चिन्हित कर उन्हें मोहर लगाना शुरू कर दिया है. राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के उप नियंत्रक डॉ. सुनील बत्रा ने शुक्रवार को कोरोना संदिग्धों के मोहर लगाने के आदेश मिलने के बाद मोहर पेड़ बनवाकर अमिट स्याही की बोतल उपलब्ध करवा दी है.
वहीं उप नियंत्रक सुनील बत्रा ने बताया कि केंद्र सरकार के द्वारा और राज्य सरकार के द्वारा कोरोना संदिग्धों को बाएं हाथ की हथेली के पीछे की तरफ अमिट स्याही से मोहर लगाने के निर्देश मिले हैं. जिससे कि भीड़भाड़ वाले इलाकों में कोरोना संदिग्धों की पहचान आसानी से की जा सकेगी.
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एयरपोर्ट और अस्पताल में कोरोना संदिग्धों को यह मोहर लगाई जाएगी और यह अमिट स्याही की मोहर 10 से 15 दिन पहले नहीं मिटेगी. क्योंकि यह चुनाव में वोटिंग के दौरान लगाई जाने वाली अमिट स्याही है, जो आसानी से नहीं मिटती है. जिससे उनकी स्क्रीनिंग और पहचान आसानी से हो सकेगी.