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नक्सली मुठभेड़ में घायल CRPF जवान की उपचार के दौरान मौत, 6 जवान हुए थे घायल

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सली मुठभेड़ में घायल सीआरपीएफ जवान अजीत कुमार सिंह भी शहीद हो गए. रायपुर स्थित नारायणा अस्पताल में उपचार के दौरान मंगलवार को उनकी सांसे थम गईं. जवान अजीत सिंह के छाती, पेट और रीढ़ की हड्डी में काफी गहरी चोट आई थी. अस्पताल में भर्ती के समय से ही इसकी स्थिति गंभीर बनी हुई थी.

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CRPF जवान की उपचार के दौरान मौत
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Published : Feb 18, 2020, 5:59 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 7:00 PM IST

बहरोड़ (अलवर). बीजापुर नक्सलियों से मुडभेड़ में दो जवान मौके पर ही शहीद हो गये थे और 6 जवान बुरी तरह जख्मी हो गये थे. इनमें से एक गण्डाला गांव निवासी अजीत सिंह यादव पुत्र भूतपूर्व सरपंच स्व. महेन्द्र सिंह यादव थे, जिन्होंने श्री नारायणा अस्पताल रायपुर में उपचार के दौरान मंगलवार को अंतिम सांस ली.

  • I salute the valour of CRPF HC, braveheart, Ajit Singh of Gandala, #Alwar, who attained martyrdom after sustaining fatal injuries in an operation against Naxals in Bijapur, Chhattisgarh. We all are with martyr's family in this most difficult time & pray they find strength. pic.twitter.com/ZqU0BMKoLH

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 18, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

परिजनों के अनुसार हेड कांस्टेबल अजीत सिंह 204 कोबरा बटालियन में कार्यरत थे. हेड कांस्टेबल के शहीद होने की सूचना पर मां कमला देवी सहित परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया. गांव में शोक की लहर दौड़ गई. ग्रामीणों ने उनके घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बधा रहे हैं. शहीद की पत्नि अनिता देवी उनके साथ अस्पताल में थीं. उनके दो पुत्र आशीष और अभिषेक जो बीकॉम सेकेन्ड इयर और प्लस वन में पढ़ रहे हैं. उनके दो भाई जोगेन्द्र और सन्दीप सहित उनका परिवार है.

यह भी पढ़ेंः शहादत का अपमान: वादे कर भूल गए हुक्मरान, न दी नौकरी न बनी यादगार

उनके पिता महेन्द्र सिंह पूर्व में सरपंच रहे चुके हैं. वहीं उनकी भाभी तारावती देवी वर्तमान में सरपंच हैं. दिसम्बर माह में अपनी छुट्टी पूरी कर गये थे तथा चुनाव में छुट्टी नहीं मिलने से नहीं पहुंच पाए थे. बुधवार को उनके पैतृक गांव गण्डाला में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा. हेड कांस्टेबल के शहीद होने की सूचना पर मां कमला देवी सहित परीजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया. गांव में शोक की लहर दौड़ गई है.

बहरोड़ (अलवर). बीजापुर नक्सलियों से मुडभेड़ में दो जवान मौके पर ही शहीद हो गये थे और 6 जवान बुरी तरह जख्मी हो गये थे. इनमें से एक गण्डाला गांव निवासी अजीत सिंह यादव पुत्र भूतपूर्व सरपंच स्व. महेन्द्र सिंह यादव थे, जिन्होंने श्री नारायणा अस्पताल रायपुर में उपचार के दौरान मंगलवार को अंतिम सांस ली.

  • I salute the valour of CRPF HC, braveheart, Ajit Singh of Gandala, #Alwar, who attained martyrdom after sustaining fatal injuries in an operation against Naxals in Bijapur, Chhattisgarh. We all are with martyr's family in this most difficult time & pray they find strength. pic.twitter.com/ZqU0BMKoLH

    — Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 18, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

परिजनों के अनुसार हेड कांस्टेबल अजीत सिंह 204 कोबरा बटालियन में कार्यरत थे. हेड कांस्टेबल के शहीद होने की सूचना पर मां कमला देवी सहित परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया. गांव में शोक की लहर दौड़ गई. ग्रामीणों ने उनके घर पहुंचकर परिजनों को ढांढस बधा रहे हैं. शहीद की पत्नि अनिता देवी उनके साथ अस्पताल में थीं. उनके दो पुत्र आशीष और अभिषेक जो बीकॉम सेकेन्ड इयर और प्लस वन में पढ़ रहे हैं. उनके दो भाई जोगेन्द्र और सन्दीप सहित उनका परिवार है.

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उनके पिता महेन्द्र सिंह पूर्व में सरपंच रहे चुके हैं. वहीं उनकी भाभी तारावती देवी वर्तमान में सरपंच हैं. दिसम्बर माह में अपनी छुट्टी पूरी कर गये थे तथा चुनाव में छुट्टी नहीं मिलने से नहीं पहुंच पाए थे. बुधवार को उनके पैतृक गांव गण्डाला में सैनिक सम्मान के साथ अंतिम संस्कार होगा. हेड कांस्टेबल के शहीद होने की सूचना पर मां कमला देवी सहित परीजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया. गांव में शोक की लहर दौड़ गई है.

Last Updated : Feb 18, 2020, 7:00 PM IST
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