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Sariska Tiger Reserve : सरिस्का के वन क्षेत्र में बढ़ रहा मनुष्य का दखल, लगातार हो रहा बड़े-बड़े होटलों का निर्माण - ETV Bharat Rajasthan News

सरिस्का के जंगल क्षेत्र में होटलों के निर्माण (Hotel Construction in the forest area of ​​Sariska) होने से जंगल क्षेत्र में मानव दखल तेजी से बढ़ रहा है. गांवों के विस्थापन की प्रकिया भी धीमी चल रही है. सरिस्का आसपास के जंगल क्षेत्र में तेजी से होटल, रेस्टोरेंट और रिसोर्ट का निर्माण हो रहा है जो आने वाले समय में बड़ी समस्या बन जाएगी.

Sariska Tiger Reserve
सरिस्का
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Published : Feb 11, 2022, 7:11 PM IST

अलवर. सरिस्का के जंगल क्षेत्र में बसे गांव (Villages settled in ​​Sariska National Park) सरिस्का प्रशासन के लिए चुनौती बने हुए हैं. गांवों के विस्थापन की प्रकिया धीमी चल रही है. यह काम पूरा हो, उससे पहले ही एक और बड़ी परेशानी सरिस्का प्रशासन के सामने खड़ी हो चुकी है. सरिस्का आसपास के जंगल क्षेत्र में तेजी से होटल, रेस्टोरेंट और रिसोर्ट का निर्माण हो रहा है. जो आने वाले समय में बड़ी समस्या बनने वाले हैं.

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार के नियमानुसार वर्ष 2015 से पहले निर्मित होटल पर पाबंदी नहीं थी. वर्ष 2016 से 20 तक सरिस्का की पैराफेरी के जीरो किलोमीटर में होटल निर्माण की छूट रही. वर्ष 2020 से अब एक किलोमीटर दूरी पर (Hotel Construction in the forest area of ​​Sariska) होटल निर्माण का नियम है. इन नियमों के चलते वन अधिकारी व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन पर रोक लगाने में असहाय है.

सरिस्का के वन क्षेत्र में बढ़ रहा मनुष्य का दखल.

यह भी पढ़ें- सरिस्का में बाघों की संदिग्ध मौतों से उठने लगे सवाल, पहले भी हो चुकी है टाइगर रिजर्व को बदनाम करने की साजिश

सरिस्का के आसपास एवं कोर एरिया में बसे गांवों की विस्थापन प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पाई है, वहीं सरिस्का के आसपास बड़ी संख्या में होटल और व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं. ज्यादातर होटल और रेस्टोरेंट वन क्षेत्र में हैं, जहां व्यावसायिक गतिविधियों पर पाबंदी है, लेकिन खुलेआम निर्माण कार्य चल रहा है. सरिस्का की पैराफेरी में कुछ जगहों पर तो आलीशान होटलों का निर्माण भी हो चुका है. जिन्हे हटाना सरिस्का प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगा.

यह भी पढ़ें- बाघों की सलामती पर हर महीने खर्च होते हैं लाखों रुपए , 24 घंटे होती है मॉनिटरिंग

अलवर में सिलीसेढ़ के समीप से ही सरिस्का का जंगल क्षेत्र शुरू हो जाता है. उसके बाद भी बड़ी संख्या में व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन हो रहा है. इस मार्ग पर सरिस्का तक कई होटल बन चुके हैं. वहीं सिलीसेढ़ क्षेत्र में भी होटल और व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही है. इसके अलावा टहला के आसपास का क्षेत्र भी सरिस्का में शामिल है, लेकिन टहला के आसपास बड़ी संख्या में होटल का निर्माण हो चुका है. टहला गेट की दीवार के पास ही आलीशान होटल बना हुआ है. अधिकारियों के जंगल में आते जाते उस पर नजर रहती है. लेकिन उसके बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

यह भी पढ़ें- अब बाघों का स्ट्रेस दूर करेंगे वन अधिकारी, विभाग ने लिए डीएनए सैंपल...रिपोर्ट आने के बाद करेंगे उपाय

जानवरों को मानव दखल से होती है परेशानी : बाघ, पैंथर, हिरण, बारहसिंघा, नीलगाय और अन्य जंगली जानवरों को मानव दखल से खासी परेशानी होती है. आए दिन सरिस्का के कोर जंगल क्षेत्र में मानव दखल रोकने की बात कही जाती है. जंगल क्षेत्र में शिकार का खतरा रहता है. आए दिन शिकार के मामले सामने भी आते हैं, लेकिन उसके बाद भी खुलेआम लोगों की आवाजाही होती है. सरिस्का के जंगल क्षेत्र में कुल 29 गांव बसे हुए हैं. इसमें से 9 गांव सरिस्का के कोर जंगल क्षेत्र में हैं. इसमें से 4 गांव विस्थापित हो चुके हैं, जबकि 5 गांव अभी घने जंगल में बसे हुए हैं. हालांकि अभी गांवों की विस्थापन प्रक्रिया कई चल रही है, लेकिन इसमें खासा समय लग रहा है. साथ ही होटलों के निर्माण होने से जंगल क्षेत्र में मानव दखल तेजी से बढ़ रहा है.

अलवर. सरिस्का के जंगल क्षेत्र में बसे गांव (Villages settled in ​​Sariska National Park) सरिस्का प्रशासन के लिए चुनौती बने हुए हैं. गांवों के विस्थापन की प्रकिया धीमी चल रही है. यह काम पूरा हो, उससे पहले ही एक और बड़ी परेशानी सरिस्का प्रशासन के सामने खड़ी हो चुकी है. सरिस्का आसपास के जंगल क्षेत्र में तेजी से होटल, रेस्टोरेंट और रिसोर्ट का निर्माण हो रहा है. जो आने वाले समय में बड़ी समस्या बनने वाले हैं.

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार के नियमानुसार वर्ष 2015 से पहले निर्मित होटल पर पाबंदी नहीं थी. वर्ष 2016 से 20 तक सरिस्का की पैराफेरी के जीरो किलोमीटर में होटल निर्माण की छूट रही. वर्ष 2020 से अब एक किलोमीटर दूरी पर (Hotel Construction in the forest area of ​​Sariska) होटल निर्माण का नियम है. इन नियमों के चलते वन अधिकारी व्यावसायिक गतिविधियों के संचालन पर रोक लगाने में असहाय है.

सरिस्का के वन क्षेत्र में बढ़ रहा मनुष्य का दखल.

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सरिस्का के आसपास एवं कोर एरिया में बसे गांवों की विस्थापन प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हो पाई है, वहीं सरिस्का के आसपास बड़ी संख्या में होटल और व्यावसायिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं. ज्यादातर होटल और रेस्टोरेंट वन क्षेत्र में हैं, जहां व्यावसायिक गतिविधियों पर पाबंदी है, लेकिन खुलेआम निर्माण कार्य चल रहा है. सरिस्का की पैराफेरी में कुछ जगहों पर तो आलीशान होटलों का निर्माण भी हो चुका है. जिन्हे हटाना सरिस्का प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगा.

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अलवर में सिलीसेढ़ के समीप से ही सरिस्का का जंगल क्षेत्र शुरू हो जाता है. उसके बाद भी बड़ी संख्या में व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन हो रहा है. इस मार्ग पर सरिस्का तक कई होटल बन चुके हैं. वहीं सिलीसेढ़ क्षेत्र में भी होटल और व्यावसायिक गतिविधियां संचालित हो रही है. इसके अलावा टहला के आसपास का क्षेत्र भी सरिस्का में शामिल है, लेकिन टहला के आसपास बड़ी संख्या में होटल का निर्माण हो चुका है. टहला गेट की दीवार के पास ही आलीशान होटल बना हुआ है. अधिकारियों के जंगल में आते जाते उस पर नजर रहती है. लेकिन उसके बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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जानवरों को मानव दखल से होती है परेशानी : बाघ, पैंथर, हिरण, बारहसिंघा, नीलगाय और अन्य जंगली जानवरों को मानव दखल से खासी परेशानी होती है. आए दिन सरिस्का के कोर जंगल क्षेत्र में मानव दखल रोकने की बात कही जाती है. जंगल क्षेत्र में शिकार का खतरा रहता है. आए दिन शिकार के मामले सामने भी आते हैं, लेकिन उसके बाद भी खुलेआम लोगों की आवाजाही होती है. सरिस्का के जंगल क्षेत्र में कुल 29 गांव बसे हुए हैं. इसमें से 9 गांव सरिस्का के कोर जंगल क्षेत्र में हैं. इसमें से 4 गांव विस्थापित हो चुके हैं, जबकि 5 गांव अभी घने जंगल में बसे हुए हैं. हालांकि अभी गांवों की विस्थापन प्रक्रिया कई चल रही है, लेकिन इसमें खासा समय लग रहा है. साथ ही होटलों के निर्माण होने से जंगल क्षेत्र में मानव दखल तेजी से बढ़ रहा है.

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