अलवर. अलवर जिला मिलावटखोरों का अड्डा बन चुका है. अलवर के मेवात क्षेत्र सहित पूरे जिले में खुलेआम सिंथेटिक दूध, मिलावटी मावा, नकली मिठाई, पनीर, तेल सहित कई तरह की मिलावट खाद्य पदार्थों में की जाती है. अलवर पूरे एनसीआर में खाद्य सामग्री सप्लाई होती है। इसलिए यह खेल तेजी से फल-फूल रहा है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान शुरू किया गया है.
इस अभियान के तहत अलवर में स्वास्थ्य विभाग एक्शन मोड में नजर आ रहा है. स्वास्थ्य विभाग की तरफ से अलवर जिले में गुरुवार को कई जगह पर कार्रवाई की गई. एमआईए स्थित एग्रो फूड पार्क में मसाला कंपनी में खाद्य सामग्री और मसाले की जांच की गई. जिसमें 118 किलोग्राम लोंग, 67 किलो डोडा छिलका, 27 किलोग्राम काली मिर्च छिलका, 25 किलोग्राम ठंडाई, 38 किलोग्राम इलायची छिलका खाने योग्य नहीं पाया गया. इसके अलावा पोहे के 180 कट्टे जब्त किए गए. इन पर तारीख अंकित नहीं थी. इसके अलावा कई अन्य तरह की अनियमितताएं भी मिली. बड़ी संख्या में मसालों में मिलाए जाने वाले मिलावटी सामान और अन्य सामग्री वितरित की गई सभी चीजों को नष्ट कर दिया गया.
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इसके अलावा अलवर के भिवाड़ी औद्योगिक क्षेत्र स्थित खुदखेड़ा के प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में संयुक्त टीम की कार्रवाई की गई. इसमें 5500 लीटर नकली घी जब्त किया गया. संयुक्त टीम ने नकली घी और पाम ऑयल के सैंपल भी लिए. फैक्ट्री में नकली घी बनाए जाना पाया गया. जिसको मशीनों से पैक कर रजवाड़ा, रसोई नाम से घी और देसी घी के रूप में पैकिंग कर सप्लाई किया जाता था.
इसके साथ ही किशनगढ़ बास के गांव बेरा का बास बंबोरा में भी टीम द्वारा कार्रवाई की गई. जिसमें 450 लीटर घी, 100 किलोग्राम मावा और 50 लीटर घी संदिग्ध पाया गया. जिसको मौके पर जब किया गया. जिला कलेक्टर की तरफ से इस पूरी कार्रवाई लगातार की मॉनिटरिंग की जा रही है. संयुक्त टीम कीओर से मिलावटखोरों के विरुद्ध दिवाली पर मिलावटी सामान पर नियंत्रण रखने के लिए विभाग की तरफ से लगातार कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गई है.