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ब्लैक फंगस के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग कोरोना नेगेटिव हुए लोगों से ले रहा फीडबैक - ब्लैक फंगस के लक्षण की जानकारी

अलवर सहित पूरे प्रदेश में ब्लैक फंगस के तेजी से बढ़ते मामलों को देखते हुए राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में पॉजिटिव से नेगेटिव हुए लोगों से फीडबैक लेने का फैसला लिया है. साथ ही लोगों को ब्लैक फंगस के लक्षण और उसके बारे में भी जानकारी दी जा रही है.

स्वास्थ्य विभाग कोरोना नेगेटिव की ले रहा फीडबैक, Health Department getting feedback from Corona Negative
स्वास्थ्य विभाग कोरोना नेगेटिव की ले रहा फीडबैक
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Published : May 29, 2021, 7:26 AM IST

अलवर. कोरोना के इलाज के बाद नेगेटिव हुए मरीजों को ब्लैक फंगस की शिकायत हो रही है. पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं. राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की ओर से एक अप्रैल से अब तक अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों से फीडबैक लिया जा रहा है. साथ ही ब्लैक संघर्ष के बारे में जागरूक करने के साथ ब्लैक फंगस के लक्षण की जानकारी भी दी जा रही है. अस्पताल में बनाए कंट्रोल रूम से मरीजों को फोन किया जा रहा है. मरीज को किसी भी तरह की दिक्कत होने पर उसे डॉक्टर की मदद से उपलब्ध कराई जा रही है.

स्वास्थ्य विभाग कोरोना नेगेटिव की ले रहा फीडबैक

प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान ने कहा कि लोगों को ब्लैक संघर्ष के प्रति जागरूक करने का खास मकसद है, क्योंकि ब्लैक संघर्ष में शुरुआती इलाज के दौरान ही मरीज को फायदा मिलता है. ब्लैक फंगस का संक्रमण फैलने के बाद मरीज को परेशानी हो सकती है. इसलिए शुरुआती स्टेज में लोगों को जागरूक करने का काम चल रहा है.

नेगेटिव होने के बाद मरीज को अगर किसी भी तरह की परेशानी है, तो मरीज को डॉक्टर से संपर्क करने के लिए भी कहा गया है. उन्होंने कहा शुरुआती स्टेज में बीमारी का पता चलते ही मरीज की जान बच सकती है. साथ ही मरीज को बेहतर इलाज मिल सकता है. अस्पताल प्रशासन की तरफ से यह फैसला लिया गया है. अलवर जिले में अब तक ब्लैक पंकज के कई दर्जन मरीज सामने आ चुके हैं. कई लोगों की सर्जरी हो चुकी है। कुछ लोग की मौत भी हो चुकी है.

पढ़ें- हत्यारा पति गिरफ्तार : बीवी को तीसरी मंजिल से फेंक कर मार डाला..मोबाइल बंद कर छुपा, अब पुलिस के हत्थे चढ़ा

क्या है ब्लैक फंगस

कोरोना मरीज के इलाज के दौरान स्टोरेड का ज्यादा उपयोग होने और ऑक्सीजन चढ़ाते समय बोतल की सही सफाई नहीं होने के कारण कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस की शिकायत हो रही है. मरीज की इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण मरीज ब्लैक फंगस का शिकार होता है.

अलवर. कोरोना के इलाज के बाद नेगेटिव हुए मरीजों को ब्लैक फंगस की शिकायत हो रही है. पूरे प्रदेश में बड़ी संख्या में ब्लैक फंगस के मामले सामने आ रहे हैं. राजीव गांधी सामान्य अस्पताल की ओर से एक अप्रैल से अब तक अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों से फीडबैक लिया जा रहा है. साथ ही ब्लैक संघर्ष के बारे में जागरूक करने के साथ ब्लैक फंगस के लक्षण की जानकारी भी दी जा रही है. अस्पताल में बनाए कंट्रोल रूम से मरीजों को फोन किया जा रहा है. मरीज को किसी भी तरह की दिक्कत होने पर उसे डॉक्टर की मदद से उपलब्ध कराई जा रही है.

स्वास्थ्य विभाग कोरोना नेगेटिव की ले रहा फीडबैक

प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान ने कहा कि लोगों को ब्लैक संघर्ष के प्रति जागरूक करने का खास मकसद है, क्योंकि ब्लैक संघर्ष में शुरुआती इलाज के दौरान ही मरीज को फायदा मिलता है. ब्लैक फंगस का संक्रमण फैलने के बाद मरीज को परेशानी हो सकती है. इसलिए शुरुआती स्टेज में लोगों को जागरूक करने का काम चल रहा है.

नेगेटिव होने के बाद मरीज को अगर किसी भी तरह की परेशानी है, तो मरीज को डॉक्टर से संपर्क करने के लिए भी कहा गया है. उन्होंने कहा शुरुआती स्टेज में बीमारी का पता चलते ही मरीज की जान बच सकती है. साथ ही मरीज को बेहतर इलाज मिल सकता है. अस्पताल प्रशासन की तरफ से यह फैसला लिया गया है. अलवर जिले में अब तक ब्लैक पंकज के कई दर्जन मरीज सामने आ चुके हैं. कई लोगों की सर्जरी हो चुकी है। कुछ लोग की मौत भी हो चुकी है.

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क्या है ब्लैक फंगस

कोरोना मरीज के इलाज के दौरान स्टोरेड का ज्यादा उपयोग होने और ऑक्सीजन चढ़ाते समय बोतल की सही सफाई नहीं होने के कारण कोरोना संक्रमित मरीजों के ठीक होने के बाद ब्लैक फंगस की शिकायत हो रही है. मरीज की इम्यूनिटी कमजोर होने के कारण मरीज ब्लैक फंगस का शिकार होता है.

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