अलवर. विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष व रामगढ़ के पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने वसुंधरा राजे को लेकर बड़ा बयान है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस में लूट की लड़ाई है. लेकिन भाजपा में अस्तित्व की लड़ाई है. वसुंधरा राजे दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. लोगों को राजनीति में महत्वकांक्षा रहती है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी सैद्धांतिक पार्टी है, व्यक्तिवादी नहीं. लेकिन वसुंधरा राजे व्यक्तिगत वर्चस्व स्थापित करना चाहती हैं जो संभव नहीं.
पढे़ं: गजेंद्र सिंह शेखावत ने डोटासरा को भाजपा में आने का न्योता दिया
ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि कांग्रेस में पैसों की लूट मची हुई है. विधायक, मंत्री सभी लोग जनता को लूटने में लगे हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने लोगों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं. जबकि सचिन पायलट अपने गुट के विधायकों को फायदा पहुंचाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का अब तक 18 बार विभाजन हो चुका है. इसलिए मैं कांग्रेस पर कुछ नहीं कहूंगा. लेकिन भारतीय जनता पार्टी में अस्तित्व की लड़ाई है. अस्तित्व की लड़ाई में वसुंधरा राजे दो बार मुख्यमंत्री रह चुकी हैं.
आहूजा ने कहा कि राजनीति में कोई भी व्यक्ति लंगोट पहन कर हिमालय पर जाकर तपस्या नहीं करना चाहता है. राजनीति में पदों की लड़ाई रहती है. लेकिन भारतीय जनता पार्टी सैद्धांतिक पार्टी है. व्यक्तिवादी पार्टी नहीं है. लेकिन वसुंधरा राजे व्यक्तिगत वर्चस्व स्थापित करना चाहती हैं जो भाजपा में संभव नहीं. पार्टी के वरिष्ठ नेता वैचारिक धरातल से जुड़े हुए हैं. उन्होंने खुद का उदाहरण देते हुए कहा कि मैं संघ से जुड़ा हुआ हूं. कभी मुझे संघ की जिम्मेदारी दी गई. कभी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और अब मैं राजनीति में सक्रिय रूप से काम कर रहा हूं.
ज्ञानदेव आहूजा ने कहा कि केंद्र की तरफ से भी वसुंधरा राजे को मुख्यमंत्री बनाए जाने की संभावनाए कम लग रही हैं. कुछ लोग राजस्थान में भाजपा का मतलब वसुंधरा राजे बोल रहे हैं, वो उनका खुद का व्यक्तिगत मत हो सकता है. ज्ञानदेव आहूजा की टिप्पणी के बाद से एक बार फिर से राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो चुका है.