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अब कोई भी घटना हो या वारदात...15 मिनट में पहुंचेगी राजस्थान पुलिस, लागू होने जा रहा ये सिस्टम

प्रदेश में बढ़ते क्राइम को देखते हुए सरकार त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली लागू करने जा रही है. इस प्रणाली को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अलवर और भरतपुर जिले में सबसे पहले लागू किया जाएगा.

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अलवर और भरतपुर में लागू होगा Quick Response System
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Published : Feb 23, 2020, 3:10 AM IST

Updated : Feb 23, 2020, 7:57 AM IST

अलवर. प्रदेश में बढ़ते क्राइम को देखते हुए सरकार की तरफ से त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली लागू किया जा रहा है. जिसके लिए पुलिस को नए वाहन, आधुनिक हथियार दिए जाएंगे और तकनीकी रूप से स्ट्रांग किया जाएगा. वहीं इस सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अलवर और भरतपुर जिले में सबसे पहले लागू किया जाएगा. यहां पर सफल रहने के बाद प्रदेश के दूसरे जिलों में भी ये सिस्टम लागू होगा.

अलवर और भरतपुर में लागू होगा Quick Response System

अलवर क्राइम के लिए देशभर में बदनाम है. हर साल अलवर जिले में 18 हजार मामले दर्ज होते हैं. जबकि पूरे प्रदेश में 16 से 17 हजार मामले दर्ज होते हैं. ऐसे में साफ है कि अकेले अलवर में पूरे प्रदेश के बराबर घटनाएं दर्ज होती हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद इस बात को कई बार खुले मन से स्वीकार कर चुके हैं. इस हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अलवर में दो एसपी तैनात भी किए. उसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होने पर सरकार Quick Response System लागू करने जा रही है.

पढ़ें. जयपुर: युवा उद्यमिता अवार्ड, 20 राज्यों के कुल 23 उद्यमियों को अवार्ड से नवाजा गया

पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख ने कहा कि, अलवर को 8 बड़ी गाड़ियां और 26 बाइक मिल चुकी हैं, जो गश्त के लिए चलाई जाएंगी. इसके अलावा अलवर शहर में घटना की जानकारी मिलते ही 15 मिनट में पुलिस पहुंचेगी. जबकि ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस के पहुंचने का समय 20 मिनट रखा गया है. इस सिस्टम के तहत पुलिस तंत्र में कई तरह के बदलाव किए जाएंगे. जिसका बड़ा प्रभाव अलवर में जल्द देखने को मिलेगा.

अलवर. प्रदेश में बढ़ते क्राइम को देखते हुए सरकार की तरफ से त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली लागू किया जा रहा है. जिसके लिए पुलिस को नए वाहन, आधुनिक हथियार दिए जाएंगे और तकनीकी रूप से स्ट्रांग किया जाएगा. वहीं इस सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अलवर और भरतपुर जिले में सबसे पहले लागू किया जाएगा. यहां पर सफल रहने के बाद प्रदेश के दूसरे जिलों में भी ये सिस्टम लागू होगा.

अलवर और भरतपुर में लागू होगा Quick Response System

अलवर क्राइम के लिए देशभर में बदनाम है. हर साल अलवर जिले में 18 हजार मामले दर्ज होते हैं. जबकि पूरे प्रदेश में 16 से 17 हजार मामले दर्ज होते हैं. ऐसे में साफ है कि अकेले अलवर में पूरे प्रदेश के बराबर घटनाएं दर्ज होती हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद इस बात को कई बार खुले मन से स्वीकार कर चुके हैं. इस हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री ने अलवर में दो एसपी तैनात भी किए. उसके बाद भी स्थिति में सुधार नहीं होने पर सरकार Quick Response System लागू करने जा रही है.

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पुलिस अधीक्षक पारिस देशमुख ने कहा कि, अलवर को 8 बड़ी गाड़ियां और 26 बाइक मिल चुकी हैं, जो गश्त के लिए चलाई जाएंगी. इसके अलावा अलवर शहर में घटना की जानकारी मिलते ही 15 मिनट में पुलिस पहुंचेगी. जबकि ग्रामीण क्षेत्र में पुलिस के पहुंचने का समय 20 मिनट रखा गया है. इस सिस्टम के तहत पुलिस तंत्र में कई तरह के बदलाव किए जाएंगे. जिसका बड़ा प्रभाव अलवर में जल्द देखने को मिलेगा.

Last Updated : Feb 23, 2020, 7:57 AM IST
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