अलवर. तेजी से जंगलों की कटाई (deforestation) हो रही है. डेवलपमेंट के नाम पर पेड़ काटे जा रहे हैं. अलवर में अन्य जगहों की तुलना में ज्यादा जंगल है, लेकिन आए दिन हो रही पेड़ों की कटाई के चलते पर्यावरण प्रभावित हो रहा है. जंगल को बचाने के लिए सामाजिक संस्थाएं सरकार और सरकारी विभाग लगातार प्रयास कर रहे हैं.
ऐसे में इस साल वन विभाग जिले में चार लाख 53 हजार 486 पौधे (plantation) लगाएगा. इसका काम शुरू हो चुका है, सबसे ज्यादा पौधे राजगढ़ क्षेत्र में लगाए जाएंगे, क्योंकि राजगढ़ क्षेत्र में इस बार जिले के अन्य क्षेत्र की तुलना में ज्यादा बारिश हुई है. मानसून से पहले इन पौधों को लगाया जाता है. वन विभाग की तरफ से पेड़ों की मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी की गई है. इसके लिए कुछ जगहों पर शीट डाले जाएंगे. बता दें कि जिले के 1396 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पौधे लगाए जा रही है.
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राजगढ़ क्षेत्र के 650 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में एक लाख 88 हजार पौधे लगाए जाएंगे. किशनगढ़ बास के 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 20 हजार पौधे लगाए जाएंगे. तिजारा में 100 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 20 हजार पौधे, लक्ष्मणगढ़ में 50 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 10 हजार पौधे, थानागाजी में 300 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में 60 हजार पौधे लगाए जाएंगे. इस तरह से पूरे जिले में यह पूरी प्रक्रिया चलेगी.
वन विभाग के अधिकारियों की माने तो 10 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है. लगातार पौधे लगाने का काम चल रहा है. पौधों की मॉनिटरिंग की व्यवस्था भी विभाग की तरफ से की गई है, जिससे ज्यादा से ज्यादा पौधों को बचाया जा सके. राजगढ़ में 75 हजार से अधिक पौधे पीडब्ल्यूडी विभाग की तरफ से भी लगाए जाएंगे.
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वन विभाग के डीएफओ एके श्रीवास्तव ने बताया कि पौधे लगाने का काम तेजी से चल रहा है. जिले में बेहतर प्लांटेशन हो इसके प्रयास लगातार किए जा रहे हैं. पौधे लगाने के लिए इस बार कई नई तकनीक का भी उपयोग किया गया है, जिससे क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा पौधे लग सके. अलवर जंगल क्षेत्र के लिए खास पहचान रखता है. अलवर के जंगल को बचाने के प्रयास लगातार जारी हैं. वन विभाग की तरफ से हर साल पौधे लगाने का काम किया जाता है, लेकिन इस बार मॉनिटरिंग व्यवस्था बेहतर रखने के प्रयास किए जा रहे हैं.