अलवर. हमेशा विवादों में रहने वाली अलवर नगर परिषद की सभापति बीना गुप्ता एक बार फिर विवादों में आई है. इस बार बीना गुप्ता के खिलाफ न्यायालय के आदेश पर विभिन्न धाराओं में FIR दर्ज हुई है. बीना गुप्ता पर चुनाव के दौरान अपनी संपत्ति छुपाने के आरोप लगे हैं.
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यह है पूरा मामला
कोतवाली पुलिस ने अलवर नगर परिषद की सभापति बीना गुप्ता के खिलाफ धारा 420, 467 और 468 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है. रिपोर्ट दर्ज कराने वाले युवक लक्की गुर्जर ने बताया कि सभापति बीना गुप्ता ने वार्ड 20 से पार्षद का चुनाव लड़ा था. उनके सामने भाजपा प्रत्याशी के रूप में उनकी मां बीना गुर्जर थी, लेकिन सभापति ने पार्षद के चुनाव से पहले दिए हलफनामे में संपत्ति का विवरण पूरी तरह सही नहीं दिया. जबकि उसके बाद सभापति के चुनाव में सोना और प्रॉपर्टी का विवरण दिया है,
पहले डाक बचत खाते और बीमा पॉलिसी की जानकारी भी नहीं दी थी. सभापति के चुनाव में कई अन्य जानकारी हलफनामे दी गई. सभापति के चुनाव में खुद के पास 100 ग्राम सोना बताया. लेकिन, कुछ दिन बाद ही सभापति के चुनाव में सोना 200 ग्राम हो गया. इसी तरह सभापति के चुनाव में खुद के पास 40 लाख की प्रॉपर्टी बताई थी, लेकिन इससे पहले पार्षद के चुनाव में इसका पूरा ब्यौरा नहीं था.
निर्वाचन अधिकारी ने नहीं की थी कार्रवाई
इसको लेकर निर्वाचन अधिकारी को शिकायत दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद मजबूरी में सभापति के खिलाफ न्यायालय में इस्तगासा दायर की. न्यायालय ने शिकायतकर्ता के पक्ष में फैसला देते हुए मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.
पहले भी लग चुके हैं कई आरोप
बता दें, इससे पहले भी सभापति के खिलाफ परिषद के आयुक्त मारपीट करने का मुकदमा दर्ज करा चुके हैं. उस मामले में भी जांच पड़ताल चल रही है. इसके बाद कांग्रेस के कार्यकारी जिलाध्यक्ष योगेश मिश्रा से भी सभापति का विवाद हो चुका है. निजी अस्पताल में भी मारपीट का मामला सामने आया था. कांग्रेस पार्षद लगातार बीना गुप्ता के खिलाफ अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं. सभापति पर भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं.
कांग्रेस पार्टी के पार्षदों सभापति पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हैं. पार्षद सभापति को हटाने को लेकर धरना दे रहे हैं. जयपुर में ग्रेटर नगर निगम के सभापति को हटाने के बाद अलवर नगर परिषद के सभापति को भी हटाने की मांग लगातार जोर पकड़ रही है. हालांकि, कांग्रेस नेता इस पूरे मामले से बचते हुए नजर आ रहे हैं.