अलवर. कोरोना की दूसरी लहर में मौत का तांडव देखने को मिल रहा है. प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोगों की कोरोना से जान जा रही है. इसी बीच अलवर में दिल दहला देने का मामला सामने आया है. अलवर शहर के तीजकी श्मशान घाट पर एक बेटी अपनी मां की चिता को अग्नि दे रही थी. उसी समय पिता की भी मौत की सूचना मिली. इस खबर ने बेटियों के साथ वहां मौजूद लोगों को भी बेचैन कर दिया. बेटियों काे मां-पिता को अग्नि देते देखा ताे सबकी आंख भर आईं. मृतक का बेटा सात समंदर पार विदेश में जॉब करता है. कोरोना के चलते वो अपने माता पिता को अग्नि भी नहीं दे पाया.
उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी 75 वर्षीय राजेन्द्र कुमार को कई दिन पहले अलवर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया था. जिनको लीवर की बीमारी थी. इसी बीच उनकी 70 वर्षीय पत्नी सुमन की भी तबीयत बिगड़ गई. इनकी दो बेटियां व एक बेटा है, जो अमेरिका में नौकरी करता है. पिता की तबीयत खराब होने पर बेटियां पिता को दिल्ली लेकर गईं. वहां बेड नहीं मिलने के करण पिता को अलवर के एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया. कुछ दिन बाद मां की तबियत खराब हुई. उनको भी अलवर के अस्पताल में भर्ती कराया. कई दिन से उनका अलवर में इलाज चल रहा था. दोनों बेटियां ही देखरेख में लगी थी. मंगलवार को दोपहर एक बजे उनकी मां की मौत हो गई. मंगलवार दोपहर बाद करीब दो बजे जब बेटी सगुन अपनी मां की चिता को अग्नि दे रही थी. उसी समय अस्पताल से उनके पास फोन आ गया कि पिता का भी निधन हो गया है. बेटियों ने रोते हुए मां को अग्नि दी.
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मां का अंतिम संस्कार चल ही रहा था कि कुछ देर बाद एंबुलेंस पिता का शव लेकर पहुंची. गैस मशीन से शव दाह गृह शुरू हुआ था. फिर दूसरी बेटी ने पिता को मुखाग्नि दी. गैस शव दाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया. यह सब देखकर श्मशान घाट पर कोरोना के मृतकों का अंतिम संस्कार कराने वाली नगर परिषद की टीम के सदस्यों व वहां मौजूद लोगों की आंखों में भी आंसू नजर आए.
बेटियों ने रोते हुए कहा कि उनका भाई अमेरिका में नौकरी करता है. कोरोना महामारी के कारण माता-पिता के बीमार होने पर भी वो नहीं आ सका. फ्लाइट बंद होने के कारण दिक्कत हुई. बेटी सुगन व दूसरी बहन ने ही माता-पिता को संभाला है. उन्होंने अस्पताल में उसको भर्ती कराया था. इस बीच मंगलवार को दोनों की मौत हो गई. ऐसे में दोनों बेटियों ने बेटों के फर्ज पूरा किया.