अलवर. मंडी में सरसों की आवक हो रही है. इस साल किसानों को सरसों के बेहतर दाम मिल रहे हैं, इसलिए सरसों कटाई के तुरंत बाद किसान फसल बेचने के लिए मंडी में पहुंच रहे हैं. बीते साल की तुलना में इस बार किसान को सरसों के 1500 से 2 हजार से अधिक दाम मिल रहे हैं, ऐसे में किसान खासे खुश है.
किसान सरसों की कटाई में कतई ढिलाई नहीं कर रहे हैं. सरसों निकालते ही मंडी में उसकी तुलाई हो रही है. इस समय जिले में सरसों की पांच हजार से लेकर 5600 प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रही है. जब कभी प्याज के भाव ज्यादा होते हैं, तो किसान 1 बीघा प्यार से खेत से एक लाख से ज्यादा कमाते हैं. ठीक उसी तरह पहली बार डेढ़ बीघा खेत की सरसों 65 से 70 हजार रुपए में बिक रही है, जिससे किसान के चेहरे खिले हुए हैं. किसानों ने बताया किसी सरसों के भाव लंबे समय बाद मिल रहे हैं. पांच हजार रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर सभी तरह की सरसों बिक रही है. अलवर जिले में इस बार सरसों की पैदावार भी बीते सालों की तुलना में बेहतर हुई है. बीते सालों के भाव पर नजर डालें तो इस बार किसान को एक क्विंटल में पंद्रह सौ से 2000 रुपए का फायदा होता नजर आ रहा है.
पढ़ें: आंदोलन लंबा चलेगा, किसानों को अगले 8 महीने की तैयारी करके चलना है: राकेश टिकैत
अलवर जिले में कुछ जगह पर ओलावृष्टि से सरसों की फसल को कुछ नुकसान हुआ था. लेकिन, उसके बाद भी सरसों की अच्छी पैदावार हुई है. अलवर में छोटी बड़ी कई मंडी है. सभी मंडी में 20 हजार से अधिक कट्टे सरसों की आवक हो रही है. अलवर के अलावा खैरतल खेड़ली मुंडावर नगर डीग सहित कई मंडियां हैं, जो सरसों के लिए विशेष पहचान रखती है. आसपास के जिलों से भी सरसों बिकने के लिए इन मंडियों में आती है. सरसों के लिए अलवर देश विदेश में खास पहचान रखता है. अलवर में 25 से अधिक सरसों की मिल है, जिनमें निकलने वाला तेल पूरे देश में सप्लाई होता है. अलवर का तेल कच्ची धानी सरसों तेल के नाम से जाना जाता है. लोग भी इसे खासा पसंद करते हैं.