अलवर. बहरोड़ से हजारों की तादाद में में किसान शाहजहांपुर में लगती हरियाणा सीमा की तरफ बढ़ रहे हैं. किसानों के साथ किसान नेता योगेंद्र यादव, सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर सहित कई नामी हस्ती मौजूद हैं. सुबह से ही हरियाणा और राजस्थान के किसान अलवर में जमा होने लगे थे. इसके बाद किसान दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं. किसानों ने कहा कि वो दिल्ली जा रहे हैं, उनको जहां तक जाने दिया जाएगा वो वहां तक जाएंगे. जहां रोका जाएगा, वे लोग वहीं धरने पर बैठ जाएंगे.
राजस्थान में किसानों का आंदोलन
पंजाब, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बाद अब राजस्थान का किसान भी सड़क पर उतर आया है. केंद्र सरकार के 3 किसान विरोधी बिल के खिलाफ हजारों की संख्या में किसान सड़क पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं. 2 दिनों में राजस्थान का आंदोलन रफ्तार पकड़ने लगा है. देश के कई दिग्गज नेता अलवर पहुंचे हैं. बहरोड़ और शाहजहांपुर में सभी नेताओं ने जमावड़ा डाला है. अलवर के शाहजहांपुर में राजस्थान और हरियाणा की स्टेट सीमा है. ऐसे में हरियाणा सरकार की तरफ से हरियाणा सीमा पर हजारों की संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है. इसमें आरएसी रैपिड एक्शन फोर्स सहित कई केंद्र की विशेष कंपनियां है. दूसरी तरफ बहरोड़ से हजारों की संख्या में किसान शाहजहांपुर में हरियाणा सीमा की तरफ पैदल आगे बढ़ रहे हैं.
योगेंद्र यादव, मेधा पाटकर भी आए साथ
किसान नेता योगेंद्र यादव और मेघा पाटकर सहित बड़ी संख्या में लोग उनके दिशा निर्देशन में दिल्ली की तरह पैदल चल रहे हैं. योगेंद्र यादव और अन्य किसान नेताओं ने कहा कि वो दिल्ली जाना चाहते हैं, उनको जहां तक जाने दिया जाएगा, वो वहां तक जाएंगे. जहां उन्हें रोका जाएगा, वे लोग वहीं धरने पर बैठ जाएंगे. राजस्थान में किसान आंदोलन का केंद्र अलवर बन चुका है. किसानों के पैदल मार्च में हरियाणा पुलिस की तरफ से की गई बैरिकेडिंग के चलते दिल्ली जयपुर नेशनल हाईवे जाम हो चुका है. हाईवे के दोनों तरफ कई किलोमीटर लंबा जाम लग चुका है. वाहन रेंग-रेंग कर चल रहे हैं.
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वहीं पुलिस की तरफ से वाहनों को अलवर होते हुए डायवर्ट किया गया है. हजारों की संख्या में दिल्ली-उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में जाने वाले लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दूसरी तरफ दिल्ली की तरफ से राजस्थान और गुजरात जाने वाले उन लोगों को घंटों जाम में परेशान होना पड़ रहा है. दिल्ली जयपुर हाईवे बड़ा हाईवे है. यहां से प्रतिदिन 70 हजार वाहन गुजरते हैं. ऐसे में वाहन चालकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कई लोगों ने वैकल्पिक रास्ते लिए हैं, जबकि प्रशासन की तरफ से भी लगातार लोगों को डायवर्ट किया जा रहा है.